शीशमहल में कदम नहीं रखेंगी रेखा गुप्ता! दिल्ली के इस इलाके में होगा CM का नया आशियाना
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की भाजपा सरकार में ज्यादार कैबिनेट मंत्रियों को पहले ही सरकारी आवास आवंटित किया जा चुका है. अब सीएम रेखा गुप्ता को लोक निर्माण विभाग ने सिविल लाइन स्थित एक बंगला आवंटित किया है, जिसमें वह जल्द ही शिफ्ट हो जाएंगी.;
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अब तक किसी सरकारी आवास में शिफ्ट नहीं हुई थी. उन्हें सीएम बने 100 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक को बंगाल उन्हें नहीं आवंटित किया गया. अब खबर सामने आई है कि सीएम रेखा सिविल लाइन स्थित एक बंगले में रह सकती है, जिसमें अभी मरम्मत का काम चल रहा है.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार (5 जून) को बताया गया कि आवंटन पत्र जारी किया गया है कि सीएम रेखा गुप्ता को लोक निर्माण विभाग (PWD) ने बंगले की मरम्मत का काम शुरू करवा दिया है. जल्दी ही मुख्यमंत्री वहां शिफ्ट हो जाएंगी. खास बात यह है कि ये वो बंगला नहीं है, जहां पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे, जिसे 'शीश महल' कहना जाने लगा था और राजनीति भी हुई थी.
कई मंत्रियों को मिले बंगले
दिल्ली की भाजपा सरकार में ज्यादार कैबिनेट मंत्रियों को पहले ही सरकारी आवास आवंटित किया जा चुका है. जो रह गए हैं उन्हें भी बंगले आवंटित किए जा रहे हैं. मंत्री रविंद्र इंद्रजाल को 3/8 नंबर बंगला और 4/8 नंबर बंगला डिप्टी स्पीकर मोहन बिष्ट को मिला है. मनजिंदर सिंह सिरसा को AB-17 बंगला मिला है, जहां पहले मनीष सिसोदिया रहते थे.
आतिशी को कहां मिला सरकारी आवास?
आम आदमी पार्टी नेत्री और कालका जी से विधायक आतिशी को 115 अंसारी रोड स्थित सरकारी बंगला आवंटित किया गया था. लेकिन उन्होंने PWD से अपील की कि उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने की वजह से AB-17, मथुरा रोड स्थित बंगला ही दिया जाए या तो फिर दरियागंज में अंसारी रोड पर उन्हें कोई दूसरा बंगला दिया जाए.
शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल
सीएम रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक मीटिंग की. इस दौरान 16 सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और अधिकारी भी शामिल हुए. कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा, पिछली सरकार ने शिक्षा मॉडल का खूब प्रचार किया, लेकिन सच कुछ और निकला.
उन्होंने बताया कि 2018 में जिस राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय की बिल्डिंग बनाई गई थी वह 2 साल में ही ढह गई. यह साबित करता है कि विकास सिर्फ बोलने में था, जमीनी स्तर पर नहीं. हैदरपुर गांव में न तो कोई इंग्लिश मीडियम स्कूल है और न ही साइंस स्ट्रीम स्कूल. इसलिए अब सरकार कई बदलाव करेगी, जिससे बच्चों की पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए.