लड़कियां ही नहीं लड़के भी खतरे में: 11 दिन, 1 पंकज और हजारों सवाल! 2025 में 7765 लड़के हुए लापता, क्यों चुप है सिस्टम?

दिल्ली के बुध विहार से 11 दिन से पंकज लापता है. 30 नवंबर को उसके घर से उसका दोस्त कुशाल बर्थडे पार्टी सेलिब्रेट करने के लिए उसे ले गया था. उसके बाद से वह घर नहीं लौटा. इस मामले में पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आई है. साथ ही दिल्ली पुलिस की ऐसे मामलों में कारगुजारी की कलई भी खुल गई है, जो चौंकाने वाली है. पीड़ित के परिजन का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने गलत एफआईआर दर्ज कर आरोपी को बचा रही है. क्यों दिल्ली-NCR में खो रहे हैं मासूम, या चुप है सिस्टम?;

( Image Source:  Meta AI )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 10 Dec 2025 11:32 AM IST

दिल्ली में बच्चों के गायब होने का मामला नया नहीं है. पर चिंता की बात यह है कि पहले लड़कियां गायब होती थीं, लेकिन अब लड़के भी गायब होने लगे हैं. बुध विहार से पंकज के गायब होने का नाम सामने आने के बाद लड़कों के गायब होने को लेकर बड़े रहस्य से भी पर्दा उठ गया है. यह रहस्य  दिल्ली वालों को शॉक करने वाला है. दरअसल, साल 2025 ने एक बार फिर खौफनाक आंकड़े पेश किए हैं. 11 दिन से लापता पंकज का केस ने पूरे मेट्रोपोलिस में दर्द और सवाल खड़े कर दिए हैं. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट बता रही है कि इस साल अब तक दर्ज मामलों में बच्चों की संख्या संतोषजनक नहीं और लड़कों की तलाश अब भी जारी. अक्टूबर 2025 तक दिल्ली के 7765 लड़के गायब हुए, जिसका पुलिस अभी तक अता-पता नहीं लगा पाई है. जानें पुलिस ऐसे केस को सुलझाने में क्यों है नाकाम, क्या उसकी लापरवाही है इसके लिए जिम्मेदार?

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क्या है पूरा मामला?

दिल्ली के बुध विहार से 11 दिन पहले यानी 30 नवंबर की रात से 18 साल का पंकज गायब है. दिल्ली पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है. उसकी मां दरवाजे पर टकटकी लगाए रो रही है. पूरा परिवार परेशान है. पंकज  के दोस्त कुशाल के मुताबिक उसने उसे रात के 3.30 मिनट पर पीरागढ़ी में ड्रॉप किया था. पुलिस जांच में जुटी है, अब तक कोई सुराग नहीं मिला है.

मां कमलेश ने बताया कि उनके बेटे का नाम पंकज है. उसकी उम्र 18 साल है. 30 नवंबर की शाम वह अपने 3 साल पुराने दोस्त कुशाल के जन्मदिन में जाने की बात कह कर घर से निकला था और कुशाल उर्फ काकू ही उसे घर से अपनी स्कूटी पर लेकर गया था, लेकिन 30 नवंबर के बाद से उनका बेटा घर नहीं लौटा. 1 दिसंबर को जब सुबह तक उनके बेटे का मोबाइल बंद आने लगा. तब वह खुद ही बुद्ध विहार से पैदल चलकर पंकज के दोस्त कुशाल के घर तक पहुंची.

जहां देखा कि कुशाल घर के अंदर सो रहा है और स्कूटी घर के बाहर खड़ी हुई है. उनका बेटा आसपास नजर नहीं आया. कुशाल से पूछने पर पता चला कि कुशाल ने उसे रात को 3:30 बजे पीरागढ़ी फ्लाईओवर पर छोड़ दिया था. इसके बाद परिवार को किसी अनहोनी का शक हुआ तो परिवार तुरंत मंगोलपुरी थाने पहुंचा. जहां पर एफआईआर दर्ज कराई गई.

पंकज की मां कमलेश का आरोप है कि एफआईआर में पुलिस ने पिता का नाम गलत लिखने के साथ ही जो मुख्य बात है. उसे ही गलत लिख दिया है. मंगोलपुरी थाना पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि पंकज 3:30 बजे पीरागढ़ी बस से उतरा था. जबकि वह बस से नहीं उतरा था. उसे उसका दोस्त कुशाल स्कूटी से पीरागढ़ी पर छोड़ने की बात कह रहा है.

परिजनों का कहना है कि पुलिस ने गलत एफआईआर लिखकर पंकज का दोस्त कुशाल को बचाने में जुटी है. जबकि कुशाल ही इस मामले में अहम राजदार है. वही, पंकज को घर से लेकर गया था. उसी ने ही रात के 3:30 बजे जहां से ऑटो टैक्सी तक नहीं मिलती. वहां पर उनके बेटे को क्यों उतारा. यह सबसे बड़ा सवाल है.

पंकज की भाभी निधि ने बताया कि पंकज के लापता होने से पहले रात के 3:30 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई थी. इससे पहले की पंकज कुछ कहता अचानक उसका फोन बंद हो गया और उसके बाद उसका फोन ऑन नहीं हुआ.

निधि ने बताया कि पंकज लोगों के घर में पानी की सप्लाई करता था. जबकि कमलेश के 3 और बेटे हैं. तीनों सिलाई का काम करते हैं. परिवार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है. आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है. इसलिए पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही थी, लेकिन जब डीसीपी कार्यालय पहुंचे. वहां से पुलिस को फटकार लगी और अब पुलिस खोजबीन तेजी से कर रही है. 11 दिन से लापता पंकज का अब तक कोई भी सुराग नहीं मिल सका है.

दोस्त बोला नहीं पता कहां गया पंकज?

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक पंकज के दोस्त कुशाल से फोन पर बातचीत की तो कुशाल ने बताया कि 30 नवंबर को किसी का जन्मदिन नहीं था. सिर्फ एक दोस्त से मिलने के लिए उत्तम नगर तक वह पंकज को लेकर के गया था. फिर वहां पर उन्होंने पार्टी की थी. इसके बाद कुशाल अपनी स्कूटी से पंकज को घर छोड़ने आ रहा था, लेकिन पंकज ने कहा कि वह पीरागढ़ी से अपने घर चला जाएगा. इसलिए पीरागढ़ी पर ही उसने पंकज को उतार दिया था. उसके बाद मैं अपने घर लौट आया. फिर क्या हुआ मुझे कुछ नहीं पता.

मंगोलपुरी थाने पर तैनात पुलिस अधिकारी प्रमोद रावत से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि लड़के की तलाश जारी है. उसकी आखिरी लोकेशन पीरागढ़ी पर ही मिल रही है. पोस्टर छपवा दिए गए हैं. सीसीटीवी कैमरा पीरागढ़ी पर न होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, लेकिन जल्दी पुलिस लड़के को खोज निकालेगी.

पुलिस के पास नहीं है जवाब

 सबसे सुरक्षित महानगर दिल्ली से लड़कों के लापता होने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2025 (31 अक्टूबर तक) में  7765 लड़के लापता हो गए. ताजा मामला दिल्ली के बुद्ध विहार का है. जहां पर 11 दिन से लापता लड़के का पुलिस पता नहीं लगा सकी है. उधर, परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. परिवार का यह भी आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर गलत लिख दी है.

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