बिना अनुमति कोई नहीं कर सकता गरबा में एंट्री... छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने जारी किया फरमान, मुस्लिम युवाओं से की खास अपील

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने नवरात्रि के दौरान गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है. बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा कि गरबा देवी दुर्गा की आराधना का भक्तिपूर्ण नृत्य है और यदि कोई मुस्लिम श्रद्धालु परंपरा और वेशभूषा का सम्मान कर अनुमति लेकर भाग लेना चाहे तो उसमें आपत्ति नहीं होगी. उन्होंने गलत नीयत से प्रवेश करने वालों के खिलाफ चेतावनी दी और मुस्लिम युवाओं से ऐसे पवित्र आयोजनों से दूरी बनाए रखने की अपील की. आदेश का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 24 Sept 2025 6:03 PM IST

Chhattisgarh Waqf Board on Garba Celebrations: सर्व हिंदू समाज द्वारा धार्मिक कार्यक्रमों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर लगी रोक की मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को आदेश जारी किया. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने स्पष्ट किया कि नवरात्रि हिंदू समाज का पवित्र पर्व है, जिसमें जगत जननी मां दुर्गा की आराधना के साथ लाखों श्रद्धालु गरबा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. उन्होंने कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देवी दुर्गा की भक्ति में किया जाने वाला लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है.

डॉ. सलीम ने कहा कि अगर कोई समुदाय मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता, तो उसे गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों में शामिल नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि देशभर में इस प्रकार के आयोजनों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर विवाद चल रहा है, और सर्व हिंदू समाज चाहता है कि केवल सनातन धर्म के अनुयायी ही इन आयोजनों में भाग लें.

समिति की अनुमति लेकर गरबा में ले सकते हैं भाग

हालांकि, डॉ. सलीम ने यह भी कहा कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा और परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर गरबा में भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी... लेकिन गलत नीयत से आयोजनों में प्रवेश करने और उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत कर सकता है और सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचा सकता है.

'पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें' 

अंत में, डॉ. सलीम ने मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें. साथ ही, समाज में शांति एवं भाईचारे को बनाए रखने में सहयोग दें.

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