अगली कॉन्फ्रेंस से पहले देश होगा माओवाद मुक्त, 126 से घटकर सिर्फ बचे 11 माओवादी जिले, DGP-IG कॉन्फ्रेंस में बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में आयोजित DGP-IG कॉन्फ्रेंस में माओवादी प्रभावित इलाकों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 2014 में जहां देश में 126 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, वहीं अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 रह गई है. शाह ने भरोसा दिलाया कि अगली कॉन्फ्रेंस तक देश पूरी तरह माओवाद मुक्त हो जाएगा. यह आंकड़ा केवल सफलता का प्रतीक नहीं बल्कि केंद्र सरकार की कठोर और निर्णायक नीतियों का नतीजा भी है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 29 Nov 2025 5:17 PM IST

तीन दिनों तक चलने वाली डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में किया, तो माहौल सिर्फ औपचारिकताओं से नहीं भरा था, बल्कि यह सुरक्षा के नए युग की घोषणा जैसा प्रतीत हुआ. देश की आंतरिक सुरक्षा, उग्रवाद से निपटने की रणनीति और भविष्य की पुलिसिंग को लेकर शाह ने ऐसे संदेश दिए, जो आने वाले वर्षों में सुरक्षा ढांचे की दिशा तय कर सकते हैं.

कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने सुरक्षा के नए आयामों पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि माओवादी हिंसा, आतंकवाद और नार्को नेटवर्क जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और कड़े कानून लागू किए गए हैं.

माओवाद, कश्मीर और पूर्वोत्तर, तीनों मोर्चों पर ‘स्थायी समाधान’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत उन क्षेत्रों से की, जिन्हें वर्षों से देश के लिए बड़ी चुनौती माना जाता रहा है,माओवाद प्रभावित इलाके, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर. उन्होंने साफ किया कि मोदी सरकार ने इन जटिल और संवेदनशील समस्याओं का स्थायी समाधान तैयार कर लिया है और अब इन क्षेत्रों का विकास देश के अन्य हिस्सों की तरह समान गति से होगा.

अगली कॉन्फ्रेंस तक देश होगा माओवादी मुक्त

अमित शाह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 2014 में माओवादी हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी, जो अब घटकर केवल 11 जिले रह गए हैं. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अगली डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस तक देश पूरी तरह माओवादी हिंसा से मुक्त हो जाएगा, जो केंद्र सरकार की प्रभावी नीतियों और सुरक्षा उपायों का परिणाम है.

‘नार्को नेटवर्क’ पर 360° एक्शन

अमित शाह ने देश में बढ़ते ड्रग्स से जुड़े संगठित अपराध पर विशेष ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने राज्यों की पुलिस को एनसीबी के साथ मिलकर अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्कों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 'हमें ऐसा तंत्र तैयार करना होगा कि नार्को तस्करों को देश में एक इंच भी जगह न मिले.' यह साफ संदेश है कि आने वाले समय में ड्रग माफिया और तस्करों पर कड़ी कार्रवाई तेज होगी. शाह का यह ऐलान न केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए रोडमैप तय करता है, बल्कि आम जनता को भी भरोसा दिलाता है कि केंद्र सरकार देश में नशीले पदार्थों और उनके नेटवर्क के खिलाफ पूरी तरह सख्त है.

कानून-व्यवस्था और आतंकवाद पर मजबूत कानूनी ढांचा

गृह मंत्री ने बताया कि एनआईए और यूएपीए को पहले से ज्यादा शक्तिशाली बनाया गया है. इसके अलावा, देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं, जो पुलिसिंग को आधुनिक और प्रभावी बनाएंगे. पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद देशभर में हुई संयुक्त रेडों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों का तालमेल अब देश की सुरक्षा का मजबूत आधार बन चुका है.

पीएम मोदी भी हुए शामिल 

पहले दिन दो सत्रों के साथ कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार और रविवार को छह सत्रों में हिस्सा लेने वाले हैं. सम्मेलन का प्रमुख विषय  “विकसित भारत: सुरक्षा आयाम” है. यह मंच अब नीति निर्धारण और सुरक्षा समाधानों का सबसे अहम केंद्र बनता जा रहा है.

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