क्या सच में सीताराम केसरी को कुर्सी से हटाने के लिए किया गया था जलील? बिहार चुनाव में राहुल और मोदी दोनों रट रहे नाम! जानें कौन
कांग्रेस पार्टी ने सीताराम केसरी को उनकी 25वीं पुण्यतिथि श्रद्धांजलि दी, जिस पर बीजेपी ने वार कर इसे दिखावा बताया है. दरअसल सीता राम केसरी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं, जिन्हें कभी इस पद से हटाने के लिए जलील किया गया था.;
कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को उनकी 25वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे. कांग्रेस ने इस मौके पर केसरी के योगदान और उनके राजनीतिक सफर को याद किया, जबकि भाजपा ने इसे बिहार चुनाव से पहले सिर्फ दिखावे का आरोप बताया.
दरअसल सीताराम केसरी एक कद्दावर नेता थे, जिन्हें पार्टी ने कभी जलील करके पद से हटाया था, लेकिन अब बिहार चुनाव नजदीक आ रहे हैं. इसलिए सियासी जमीन मजबूत करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है. चलिए ऐसे में जानते हैं कौन थे सीताराम केसरी.
सीताराम केसरी की राजनीतिक शुरुआत
राजनीतिक शुरुआत और बिहार से जुड़ावसीताराम केसरी की राजनीतिक शुरुआत बहुत छोटी उम्र में हुई थी. वे स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय थे और बार-बार गिरफ्तार हुए। आज़ादी के बाद, उन्होंने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षता 1973 में की और 1980 में इंडियन कांग्रेस के कोषाध्यक्ष (ट्रेजरर) बने। वे लंबे समय तक पार्टी के वित्तीय मामलों को संभालते रहे.
कांग्रेस पार्टी में पद और काम
1996 में, पी.वी. नरसिंह राव के इस्तीफा देने के बाद केसरी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. इस दौरान कांग्रेस पार्टी कई समस्याओं से जूझ रही थी. केसरी ने पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी में उनकी लोकप्रियता सीमित थी. उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें उनका 1997 में चल रहे संयुक्त मोर्चे सरकार का समर्थन वापस लेना भी शामिल था, जिससे उस सरकार का पतन हुआ.
पार्टी से हटाए जाने की कहानी
1998 में, कांग्रेस कार्य समिति ने केसरी से अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा ताकि सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष बन सकें. यह बदलाव काफी विवादित था. कहा जाता है कि उन्हें पार्टी मुख्यालय में एक कमरे में बंद कर दिया गया था, और कुछ युवाओं ने उनका अपमान भी किया. इस घटना ने कांग्रेस के अंदरूनी संघर्षों को उजागर किया.
PM मोदी और बीजेपी के तंज
हाल ही में, 2025 में, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस पार्टी ने केसरी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे राजनीतिक नाटक बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार ने केसरी को अपमानित किया और उनसे अध्यक्षता छीन ली। बीजेपी ने भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनाव के लिए केवल दिखावा कर रहे हैं.