क्या JDU की सियासी सेहत ठीक नहीं है? आरजेडी नेता बोले- 'RSS-BJP वालों से पूछिए, मिल जाएगा जवाब'

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि विरोधियों की बेबुनियाद बातों में कोई दम नहीं है. वे लोग इस तरह का बयान देकर मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहते हैं, लेकिन हम अपने विरोधियों के इस सियासी अभियान को कामयाब नहीं होने देंगे. जनता जानती है, उसके लिए बेहतर विकल्प क्या है?;

By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 24 Jun 2025 5:46 PM IST

Tejashwi Yadav Statement On JDU: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नवंबर होगा. सियासी दलों के नेता और कार्यकर्ता इसकी तैयारी में अभी से जुट गए हैं. सभी दलों के नेताओं के अपने-अपने दावे हैं. उसी के हिसाब से सियासी दलों की स्थिति की चर्चा भी जारी है. एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड के टूटने या फिर किसी दल में विलय होने की चर्चा है. चर्चा करने वाले लोगों का कहना है कि पार्टी की जेडीयू की सेहत ठीक नहीं है.

इस तरह के बयान देने वालों का तर्क है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कुछ लोगों पर पार्टी के तोड़ने तक का आरोप लगा चुके हैं. इसे उलट जेडीयू नेताओं का कहना है कि जेडीयू में सब कुछ शांत है, फिर पार्टी के टूटने को लेकर आशंका क्यों? किसकी वजह से यह मामला अंदर खाते चर्चा में हैं?  

तेजस्वी यादव ने क्यों दिया ऐसा बयान?

दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश के उत्तराधिकारी के सवाल पर कहा है कि पहले पार्टी रहेगी तब तो. पहले जेडीयू बच जाए उसके बाद उनके पुत्र निशांत कुमार की बतौर उतराधिकारी चर्चा करेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि जेडीयू का एक गुट लंबे समय से निशांत कुमार को राजनीति में उतारने पर तुला है, लेकिन नीतीश कुमार इसे रोक दे रहे हैं.

सीएम नीतीश कुमार परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ हैं. फिर सीएम ने हाल ही में खुद ही तो कहा था कि जैसे महाराष्ट्र में शिवसेना और जेएमएम को तोड़ा गया, उसी तर्ज पर हमारी पार्टी को तोड़ा जा रहा था.

सीएम ने पीएम मोदी की रैली में क्या कहा था?

असल में तेजस्वी यादव बिना नाम लिए कह गए कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सिवान से पहले मधुबनी में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान उन्हें इशारों में जेडीयू के एक नेता का नाम लिए बगैर कहा था कि उनकी ही पार्टी के एक नेता ने कुछ गड़बड़ की है. उसी की वजह से बीजेपी के साथ गठबंधन टूट गया था और वे महागठबंधन में चले गए थे.

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने भले ही उस नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन अपने पीछे बैठे पार्टी के एक नेता की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वह व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष रहा है, जिसके बाद अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या नीतीश कुमार का इशारा केंद्रीय मंत्री और अपने पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह के तरफ था! ललन सिंह ही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.

गुटबाजी की बात विरोधियों की साजिश- अभिषेक झा

 

जनता दल के यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि पार्टी में सब कुछ सही है. किसी का किसी के साथ कोई मतभेद नहीं है. सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी चुनाव लड़ेंगे. जहां तक सीटों की बात है तो उसका फैसला गठबंधन के तहत आने वाले दिनों होगा. साल 2020 की तरह इस बार भी जेडीयू मार्जिनल तौर पर ही सही, पिछली बार की तरह कुछ ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

पार्टी के शीर्ष नेताओं में मतभेद के सवाल पर उन्होंने तेजस्वी का नाम लिए बगैर कहा कि वो जो दावा कर रहे हैं, उसमें कोई दम नहीं है. पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. जब आरसीपी सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो कुछ हद तक ऐसा देखने को मिला था, लेकिन उसके बाद से पार्टी में पूरी तरह से एका है. सभी लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे. साथ ही ये भी कहा कि गुटबाजी की बात विरोधी दलों की चाल है. वे लोग मतदाताओं को भ्रमित करना चाहते हैं.

जेडीयू में कुछ RSS-BJP के नेता मिले हैं- मृत्युंजय तिवारी

राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का इस मसले पर कहना है कि हमारी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने ये कहा था कि जनता दल यूनाइटेड के कुछ लोग निशांत कुमार को पार्टी में नहीं आने देना चाहते है. ऐसा है भी. यह पूरी तरह से सच है. जेडीयू में गुटबाजी है. इससे कौन इनकार कर सकता है. जेडीयू के कुछ नेता बीजेपी-आरएसएस से मिले हैं. वही, जेडीयू में इस तरह के नेताओं को आगे लाना चाहते हैं.

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