बिहार चुनाव 2025: ओवैसी का ये प्लान तेजस्वी और राहुल को देगा टेंशन! AIMIM ने की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा

AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. यह संख्या पिछले चुनावों में AIMIM द्वारा लड़ी गई सीटों से लगभग पांच गुना ज्यादा है. पार्टी का उद्देश्य बिहार में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि AIMIM की यह रणनीति राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के लिए खेल को प्रभावित कर सकती है.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 11 Oct 2025 6:06 PM IST

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर AIMIM ने शनिवार को बड़ा एलान किया. पार्टी ने कहा कि इस बार वह लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जो पिछले चुनावों में लड़ी गई सीटों से पांच गुना अधिक है. AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पार्टी बिहार में एक "तीसरा विकल्प" बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहां दशकों से राजनीति भाजपा-नेतृत्व वाली NDA और कांग्रेस-RJD गठबंधन के इर्द-गिर्द घूमती रही है.

पार्टी के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने PTI-भाषा से बातचीत में कहा, "हमारा लक्ष्य 100 सीटों पर चुनाव लड़ना है. NDA और महागठबंधन को अब हमारी मौजूदगी का अहसास कराना होगा." उन्होंने दावा किया कि अब महागठबंधन AIMIM के कारण 'साम्यवादी वोट' विभाजन का आरोप नहीं लगा सकता.

AIMIM का बिहार में तीसरा विकल्प बनाने का लक्ष्य

अख्तरुल ईमान ने कहा, "मैंने RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को गठबंधन की इच्छा व्यक्त करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. अब हमारा मकसद अपनी पहुंच बढ़ाना है. हम समान विचारधारा वाली पार्टियों से भी बातचीत कर रहे हैं ताकि तीसरे मोर्चे की संभावनाओं का पता लगाया जा सके. यह सब कुछ कुछ ही दिनों में स्पष्ट हो जाएगा. AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्व यूपी सीएम मायावती की BSP और अब समाप्त हुई Rashtriya Lok Samata Party के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में पार्टी ने पांच सीटें जीतकर RJD, कांग्रेस और वाम गठबंधन को नुकसान पहुंचाया था.

मुस्लिम आबादी और AIMIM की राजनीति

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, AIMIM बिहार में मुस्लिम समुदाय को अपनी ताकत मान रही है, जो राज्य की कुल आबादी का 17% से अधिक है, लेकिन अब तक विधानसभा में इसका अनुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिला. पिछले महीने ओवैसी सीमांचल क्षेत्र के जिलों किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया का चार दिन का दौरा कर चुके हैं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय की अच्छी-खासी संख्या है. ओवैसी लगातार RJD, JD(U) और कांग्रेस पर मुसलमानों के प्रति उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, उनके आलोचक उन्हें BJP की "बी टीम" बताकर पार्टी के लिए 'साम्यवादी वोट' काटने का आरोप लगाते रहे हैं.

चुनाव की तैयारियां और AIMIM का रोडमैप

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी. AIMIM इस चुनाव में बिहार की राजनीतिक दिशा बदलने और तीसरे विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश में है.

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