BJP-JDU मुख्यालय पर लगे नीतीश और PM मोदी के पोस्टर, क्या सुशासन बाबू बनेंगे CM? बीजेपी बोली...

बिहार में पॉलिटिक्स चरम पर पहुंच गया है. एक दौर में खिचड़ी पार्टी रद्द करने वाले नीतीश कुमार अब पीएम मोदी के साथ मिलकर पोस्टरबाजी के जरिए एकता और मजबूती के संकेत दे रहे हैं. पटना जेडीयू कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त पोस्टर लगाए जाने के एक दिन बाद बुधवार को बीजेपी राज्य मुख्यालय में लगाए गए बैनरों में प्रदेश के मुख्यमंत्री को जगह दी गई है.;

By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 3 July 2025 5:49 PM IST

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश के मतदाताओं में आपसी एकजुटता और मजबूती का संदेश देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. इस सियासी रणनीति के तहत पहले जनता दल यूनाइटेड के पटना मुख्यालय में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो लगाए. अब यानी गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय में सीएम नीतीश कुमार के पोस्टर लगाए गए हैं, जो गठबंधन की मजबूती का संकेत है.

बीजेपी मुख्यालय में लगाए गए बैनरों में 'सोच दमदार, काम असरदार, फिर एक बार एनडीए सरकार' जैसे नारे लिखे हुए हैं. जेडीयू कार्यालय में पीएम मोदी और नीतीश की तस्वीरें पहली बार एक साथ लगाई गई हैं. इस तस्वीर का बिहार के राजनीतिक समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है.

बिहार की राजनीति का नया समीकरण - संजय मयूख

यह तस्वीर बिहार की सियासत में नया समीकरण है. यह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है. इससे पहले मंगलवार को जेडीयू प्रदेश कार्यालय में ऐसा पहली बार हुआ कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी तस्वीर लगाई गई. यह तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही है.

बिहार से बीजेपी के एमएलसी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि पोस्टरबाजी का पॉलिटिक्स कोई लेना देना नहीं है. बिहार में एनडीए सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है. इस बात का मैसेज देने के लिए सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी के पोस्टर दोनों पार्टियों के कार्यालयों में लगाए गए हैं.

नीतीश और पीएम मोदी विकास के पर्याय

लोगों के इस पोस्टरबाजी का साफ संदेश यह है कि मोदी नेतृत्व कुमार पोस्ट विकास पर्याय हैं. बुधवार को पटना में बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में भी देश के रक्षा मंत्री राजनाथ  सिंह ने यही कहा था कि विकासवाद ही बिहार में चलेगा. एनडीए में कहीं पर कोई पेंच नहीं फंसा है. केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम लोग चुनाव लड़ेंगे. यह पूछे जाने पर क्या यह मान लें कि चुनाव के बाद फिर नीतीश कुमार ही बिहार के सीएम बनेंगे, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.

जंगलराज को याद कर को जनता आज भी सिहर उठती है - कौशलेंद्र कुमार 

नालंदा से जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इसका मतलब यह है कि बिहार में फिर से एनडीए की ही सरकार बनेगी. ऐसा इसलिए कि नीतीश के दौर में जितने काम बिहार में हुए, वो पूरे देश में कहीं नहीं हो रहा है. लालू यादव के जंगलराज में बिहार के क्या हालात थे? उन दिनों को याद कर आज भी बिहार की जनता सिहर उठती है.

साल 2013 की कहानी से क्या है इसका संबंध?

दरअसल, साल 2013 की बात है, जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर देशभर के अखबारों में प्रकाशित हुई थी. इस तस्वीर से नीतीश कुमार सख्त नाराज हो गए थे. वह इतने नाराज हुए कि अपने सरकारी आवास पर आयोजित डिनर पार्टी को रद्द कर दिया था. इसके बाद एनडीए और जेडीयू के रिश्तों में दरार आनी शुरू हुई, जो इतनी गहरी हो गई कि नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया. साल 2015 में महागठबंधन दलों के साथ चुनाव लड़े और सरकार बनाई. हालांकि, बाद में वो आरजेडी से संबंध समाप्त कर फिर एनडीए शामिल हो गए थे.

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