रोजगार बढ़ाने की तैयारी में नीतीश सरकार, आधी आबादी को उद्यमी बनाने को कैबिनेट ने मंजूर किए 20 हजार करोड़ रुपये
बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुरू की है. योजना के तहत हर परिवार की एक महिला को 10,000 रुपये की अनुदान राशि और जरूरत पड़ने पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और इससे लाखों महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगी, बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान देंगी.;
बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए 10 हज़ार रुपये की सीधी आर्थिक मदद दी जाएगी. यह राशि अनुदान के रूप में होगी, ताकि महिलाओं को बिना किसी बोझ के रोजगार की शुरुआत करने का मौका मिल सके.
यही नहीं, व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी. इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने 20 हज़ार करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि राज्य का विकास आधी आबादी को मजबूत किए बिना संभव नहीं है. इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के बाद अब फोकस महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर है.
योजना के लिए 20,000 करोड़ की मंजूरी
इस महत्वाकांक्षी योजना को पहले ही कैबिनेट की हरी झंडी मिल चुकी थी. अब वित्तीय प्रबंधन को भी मंजूरी दे दी गई है. कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि 20,000 करोड़ रुपये की राशि आकस्मिकता निधि से उपलब्ध कराई जाएगी. यह धनराशि जरूरत अनुसार वित्त विभाग द्वारा जारी की जाएगी.
महिलाओं को मिलेगा रोजगार का नया अवसर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि राज्य का विकास आधी आबादी को मजबूत किए बिना संभव नहीं है. शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के बाद अब सरकार का जोर महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने पर है. इस पहल से महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर पाएंगी.
जीवन स्तर सुधारने की पहल
सरकार का कहना है कि यह योजना न सिर्फ वित्तीय सुदृढ़ीकरण की दिशा में अहम साबित होगी, बल्कि इससे गांव और कस्बों में स्वरोजगार व कुशल मजदूरी के अवसर बढ़ेंगे. इससे गरीबी घटेगी, महिलाओं की आजीविका बेहतर होगी और उनके हाथों में आर्थिक शक्ति आएगी.
आवेदन प्रक्रिया होगी शुरू
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक महिलाओं से जल्द आवेदन लिए जाएंगे. इसकी प्रक्रिया ग्रामीण विकास विभाग के जरिए होगी, जबकि नगर विकास एवं आवास विभाग सहयोग देगा. उम्मीद है कि लाखों महिलाएं इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बनेंगी और बिहार में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा.