Ambedkar Photo Controversy का बीजेपी को कैसे होगा सियासी फायदा, क्‍या बिहार में 'दलितों' की बाजी पलटने में होगी कामयाब?

Lalu Yadav Ambedkar Photo Controversy: राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता. लोकसभा चुनाव 2024 में जहां आरजेडी, कांग्रेस और सपा ने बीजेपी के परवान चढ़ते राजनीति को जमीन पर लाकर रख दिया था. ठीक उसके एक साल में बीजेपी (BJP) ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव की एक गलती का लाभ उठाकर दलित राजनीति के नैरेटिव को बदल दिया.;

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By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 17 Jun 2025 12:36 PM IST

BJP Reaction On Lalu Yadav: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस, आरजेडी और सपा ने बीजेपी के 400 के पार के नारे को बेदम कर दिया था. ऐसा इसलिए कि उत्तर प्रदेश में 28 और बिहार में नौ सीटें बीजेपी ने खो दीं थी. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी ही नहीं, पीएम मोदी और पार्टी के चाणक्य अमित शाह भी कई महीनों तक असहज दिखाई देते रहे.

इस बीच हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव ने एक बार फिर सियासी ताने को बदल कर दख दिया. हालांकि, झारखंड में बीजेपी सत्ता में वापसी नहीं कर पाई, लेकिन तीन राज्यों में बीजेपी की जीत ने उसके आत्मविश्वास फिर से मजबूत कर दिया.

अब बिहार चुनाव से ठीक पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की एक वायरल तस्वीर ने बीजेपी को हमला बोलने का मौका दे दिया है. वायरल तस्वीर में लालू यादव बीआर अंबेडकर की तस्वीर का अनादर करते दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर ने बिहार के एससी और एसटी समुदायों के लोग काफी नाराज हैं.

क्या है पूरा मामला, बीजेपी क्यों हुई आक्रामक?

दरअसल, बिहार चुनाव से ठीक पहले लालू यादव और बाबा साहेब अंबेडकर के वायरल फोटो को बीजेपी सियासी विवाद बनाने में जुटी हुई है. मामला यह है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन पर उनके एक अनुयायी ने उन्हें बीआर अंबेडकर की एक तस्वीर भेंट की, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया. वीडियो में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को कुर्सी पर तस्वीर रखे जाने के दौरान अपने पैर फैलाते हुए दिखाया गया, जो अपमानजनक लग रहा है.

जबकि बाबा साहेब अंबेडकर को बिहार में कई पिछड़े समुदायों में पूजनीय माना जाता है. साल 2022 के जाति आधारित सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में अनुसूचित जाति (एससी) 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों की आबादी 1.68 प्रतिशत है. यानी इस घटना ने बिहार की 21 प्रतिशत से अधिक आबादी को नाराज कर दिया. इसका सियासी लाभ उठाने के लिए लालू यादव की धुर विरोधी बीजेपी ने इस मौके को लपक लिया.

लालू के इस रवैये को बिहार कभी माफ नहीं करेगा- शिवराज सिंह चौहान

बीजेपी ने इस घटना को भुनाने के लिए अपने शीर्ष नेताओं को तैनात किया है. इस मुहिम में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं. एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरजेडी प्रमुख के इस रवैये पर हमला बोलते हुए कहा, "मुझे लालू यादव जी से एक ही शिकायत है. आपको क्या हो गया है? पिछड़ों की ये सारी बातें सिर्फ दिखावा थीं क्या? जिस व्यक्ति ने हमें संविधान दिया, जिसने हमें आरक्षण दिया, आप उनका अनादर कर रहे हैं?"

शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, 'मेरा मन व्यथित है. मैं आहत हूं. उनकी तस्वीर के प्रति किया गया अनादर लालू यादव और आरजेडी की असली मंशा को उजागर करता है. हाथी के एक दांत खाने के और दूसरे दिखाने के होते हैं। लालू जी या आरजेडी को न बिहार और न ही भारत कभी माफ करेगा."

अंबेडकर का अपमान, दलित समाज से माफी मांगे लालू- सम्राट चौधरी

बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस घटना को लेकर लालू यादव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "लालू यादव के जन्मदिन पर अंबेडकर का अपमान होना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह आरजेडी के लिए काला अध्याय है. लालू यादव से इसके लिए दलित समाज कसे माफी मांगें."

दलित समाज का अपमान आरजेडी प्रमुख के लिए नई बात नहीं- गुरु प्रकाश

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने इस मसले पर कहा, "बाबा साहेब का अपमान आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने सात दिन पहले किया था. अभी तक उन्होंने दलित समाज के नाराजगी के बावजूद माफी नहीं मांगा है. अब दलित समाज के लोग बिहार की सड़कों पर लालू यादव के खिलाफ पोस्टर तक लगाने लगे हैं. यह निश्तिच रूप से दलित समाज के प्रति किसी नेता के असंवेदनशीलता की पराकाष्टा है. लालू यादव को माफी मांगनी चाहिए. अभी तक माफी न मांगना समझ से परे हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. लालू यादव इससे पहले भी रमई राम, राम सुंदर दास, जीतन राम मांझी सहित कई दलित नेताओं का अपमान कर चुके हैं. खास बात यह है कि सविंधान 75वें साल में ऐसा होना, इस मसले को और गंभीर बना देता है."

बिहार की जनता अपमान को नहीं भूलेगी- शाहनवाज हुसैन

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान पर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा, "बिहार की जनता इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी. राजद के मन में बाबा साहेब के प्रति कोई सम्मान नहीं है. जन्मदिन लालू प्रसाद यादव का था और अपमान बाबा साहेब का हुआ. बिहार की जनता अगले विधानसभा चुनाव में इसका बदला लेगी. जो लोग बाबा साहेब से प्यार करते हैं, वे इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे."

'यह आरजेडी प्रमुख का घमंड है'

बिहार बीजेपी सोशल मीडिया पर 'दलित विरोधी आरजेडी' जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए इस तस्वीर को जोर-शोर से लोगों तक पहुंचाने में जुटी है. सोमवार को ट्वीट किया कि लालू यादव की ओर से माफी मांगे बिना पांच दिन बीत गए हैं, इसे उनका "घमंड" बताया.

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