महुआ में स्टेडियम बनवाऊंगा, कराऊंगा भारत-पाक मैच... बोले तेज प्रताप यादव, छोटे भाई तेजस्वी को क्यों नहीं मानते जननायक?
बिहार की राजनीति में नया धमाका—तेज प्रताप यादव ने महुआ से चुनाव लड़ते हुए बड़ा वादा किया है. उन्होंने कहा कि अगर वे जीतते हैं, तो महुआ में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनवाएंगे. साथ ही तेजस्वी यादव को ‘जननायक’ मानने से इनकार करते हुए कहा कि वे अपने दम पर राजनीति करेंगे, किसी गठबंधन या पद की जरूरत नहीं. तेज प्रताप ने महुआ को शिक्षा, रोजगार और खेल का केंद्र बनाने का विज़न पेश किया है. बिहार की सियासत में यह बयान अब नई बहस को जन्म दे रहा है.;
बिहार की राजनीति हमेशा बयानबाज़ी और दिलचस्प वादों के लिए जानी जाती है, लेकिन इस बार तेज प्रताप यादव ने जो ऐलान किया, उसने सियासी पारी में नया ट्विस्ट ला दिया है. उन्होंने कहा कि अगर वे महुआ से जीतते हैं तो वहां एक भव्य क्रिकेट स्टेडियम बनवाएंगे और उसमें भारत-पाकिस्तान का मुकाबला कराया जाएगा. यह बयान चुनावी मैदान में ‘छक्का’ साबित हुआ क्योंकि जब भारत-पाक क्रिकेट संबंध बंद हैं, तब इस तरह का वादा करना राजनीतिक रणनीति के साथ-साथ साहसिक कदम भी माना जा रहा है.
महुआ सीट से जनशक्ति जनता दल (JJD) के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने कहा कि वे अपने क्षेत्र को विकास, शिक्षा और खेल के हब में बदलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “महुआ में मेडिकल कॉलेज बनेगा, इंजीनियरिंग कॉलेज बनेगा और क्रिकेट स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान मैच खेला जाएगा.” उनके इस बयान ने मतदाताओं के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है. युवा वर्ग इसे रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर के अवसर के रूप में देख रहा है, जबकि विरोधी इसे ‘चुनावी तमाशा’ बता रहे हैं.
तेजस्वी यादव पर सीधा हमला
तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वे “जननायक नहीं हैं”, क्योंकि वे पिता लालू यादव की छत्रछाया में आगे बढ़े हैं. उन्होंने कहा, “जिस दिन तेजस्वी अपने बलबूते आगे आएंगे, सबसे पहले मैं उन्हें जननायक कहूंगा.” उनका यह बयान न सिर्फ भाई पर राजनीतिक वार था, बल्कि यह संदेश भी कि तेज प्रताप अब खुद को स्वतंत्र नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.
न पद चाहिए, न गठबंधन: तेज प्रताप का सियासी ऐलान
राजद से अलग होकर तेज प्रताप ने साफ कर दिया कि उन्हें न कोई पद चाहिए और न गठबंधन की राजनीति में दिलचस्पी है. उन्होंने कहा, “अगर राजद मुझे कोई पद भी दे, तो मैं ठुकरा दूंगा. मैं किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करूंगा.” यह बयान साफ करता है कि वे अब “एकाकी राजनीति” की राह पर चलने का मन बना चुके हैं. यानी लालू परिवार की छवि से दूर, अपने दम पर नई राजनीतिक पहचान बनाना.
महुआ में विकास का ब्लूप्रिंट
तेज प्रताप ने चुनावी सभाओं में महुआ के लिए बड़ा विज़न पेश किया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज, आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम, और युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर काम होगा. उनका दावा है कि “महुआ को मिनी शहर में बदलने की तैयारी” पहले से शुरू है, और वे इसे शिक्षा और खेल दोनों का केंद्र बनाएंगे.
लालटेन युग का अंत लालटेन वाले करेंगे
तेज प्रताप यादव ने लालू यादव की पार्टी आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा, “अगर लालटेन युग खत्म होगा, तो उसका अंत लालटेन वाले ही करेंगे.” उन्होंने आगे कहा कि “हम अब न लालटेन में हैं, न उसके युग में. अब समय है नई सोच और नए चेहरे का.” उनका यह बयान पीढ़ीगत बदलाव की ओर इशारा करता है. जहां युवा नेता पुरानी राजनीति से हटकर ‘नए प्रतीकों’ से जनता को जोड़ना चाहते हैं.
महुआ से पुराना रिश्ता
तेज प्रताप के लिए महुआ सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है. साल 2015 में वे इसी सीट से पहली बार विधायक बने थे और 66 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. इस बार उनकी पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) का चुनाव चिह्न ‘ब्लैकबोर्ड’ है. उनका कहना है कि “महुआ की जनता ने जो भरोसा पहले दिखाया, वही अब विकास के नाम पर फिर लौटेगा.”
हकीकत या सियासी चाल?
विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का भारत-पाक मैच वाला बयान एक राजनीतिक प्रतीक है. एक ऐसी कोशिश जो जनता के दिलों से जुड़ने के लिए की गई है. कि व्यावहारिक रूप से भारत-पाक क्रिकेट संबंध अभी ठप हैं, और बीसीसीआई सरकार के निर्देशों से बंधा हुआ है. बावजूद इसके, तेज प्रताप का यह वादा राजनीतिक कैनवास पर उनकी अलग पहचान बनाने में कारगर साबित हो सकता है. महुआ में यह बयान सिर्फ क्रिकेट की बात नहीं. यह “नई राजनीति” का एलान है, जहां खेल, भावना और सियासत एक ही पिच पर खेली जा रही है.