बिहार चुनाव 2025: बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं पर JDU का तगड़ा एक्शन, पूर्व मंत्री- विधायक समेत 11 लोगों को दिखाया बाहर का रास्ता
बिहार चुनाव 2025 के बीच JDU ने बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई की. पार्टी ने पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, सुदर्शन कुमार, पूर्व MLC संजय प्रसाद और रणविजय सिंह समेत कुल 11 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया. यह कार्रवाई उन नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने और पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के कारण की गई. पार्टी ने साफ कर दिया कि चुनाव के दौरान कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहीं होगी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बड़ा एक्शन लेते हुए अपनी पार्टी के 12 नेताओं को निष्कासित कर दिया है. पार्टी ने इन नेताओं को उनकी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया. इस कार्रवाई के पीछे मुख्य कारण बताया गया है कि ये नेता निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे थे और पार्टी की विचारधारा व अनुशासन का उल्लंघन कर रहे थे.
पूर्व मंत्री, विधायक और MLC समेत बड़े नेताओं के निष्कासन से बिहार की सियासत में हलचल मच गई है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी ने साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
JDU से बाहर किए गए प्रमुख नेता
जेडीयू ने 12 नेताओं को पार्टी से बाहर किया है, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं-
- पूर्व मंत्री- शैलेश कुमार (जमालपुर)
- पूर्व MLC- संजय प्रसाद (चकाई), रणविजय सिंह (बड़हरा)
- पूर्व विधायक- श्याम बहादुर सिंह (बड़हरिया), सुदर्शन कुमार (बरबीघा)
- अन्य नेता: विवेक शुक्ला (जीरादेई), आसमा परवीन (महुआ), लव कुमार (नवीनगर), दिव्यांशु भारद्वाज (मोतिहारी), अमर कुमार सिंह (साहेबपुर कमल), आशा सुमन (कदवा)
निर्दलीय चुनाव और अनुशासनहीनता
जेडीयू ने साफ कहा है कि निर्दलीय चुनाव लड़ना पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी. कई नेताओं ने टिकट न मिलने के बाद अपना गुस्सा दिखाते हुए निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया, जो पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना गया.
नीतीश कुमार का सख्त संदेश
जेडीयू के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह ने कहा, “पार्टी अनुशासनहीनता और गुटबाजी के किसी भी रूप को सहन नहीं करेगी. चुनाव के समय कुछ नेता व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा में पार्टी विरोधी रुख अपनाकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे, जो पूरी तरह से अनुशासनहीनता है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इस मामले की समीक्षा की और निर्देश दिया कि ऐसे नेताओं के खिलाफ तुरंत कड़ा कदम उठाया जाए.
बिहार की सियासत पर असर
जेडीयू की इस कार्रवाई से एनडीए गठबंधन के भीतर भी हलचल बढ़ी है. पार्टी का मकसद स्पष्ट है कि किसी भी नेता की बगावत या व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पूरे संगठन को प्रभावित न करे. जेडीयू ने अपने कार्यकर्ताओं और जनता को संदेश दिया कि अनुशासन तोड़ने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है.





