यात्राओं की पतवार से पार होगी चुनावी नैया! तेजस्वी-राहुल बनाम NDA की नई पटकथा, क्या है तैयारी? जानें किसका पलड़ा भारी

बिहार चुनाव की हलचल फिर से तेज हो गई है और सियासी यात्राएं एक बार फिर सुर्खियों में हैं. तेजस्वी यादव हो या राहुल गांधी, बीजेपी की परिवर्तन यात्रा हो या जेडीयू की जनसंवाद यात्रा, हर दल अपने-अपने रथ पर सवार होकर मतदाताओं को साधने की जुगत में लगा है. क्या इन यात्राओं से वाकई जनता का मूड बदलेगा? या ये सिर्फ दिखावे की कवायद हैं?;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 1 Aug 2025 8:56 AM IST

बिहार की सियासत में अगर कुछ कभी पुराना नहीं होता, तो वो है यात्राओं की राजनीति. हर चुनाव से पहले एक रथ निकलता है. कहीं 'जनता से संवाद' के नाम पर, तो कहीं 'विकास के वादे' की गूंज लिए. तेजस्वी यादव की 'अगस्त क्रांति यात्रा', राहुल गांधी की संभावित 'भारत जोड़ो एक्सटेंशन', बीजेपी की 'परिवर्तन यात्रा', और जेडीयू की 'जन जागरूकता मुहिम'की तैयारियां अंतिम चरण में है. सवाल यह है कि क्या इन यात्राओं से वाकई वोट जुड़ते हैं या बस कैमरे चमकते हैं? कौन उठा पाएगा फायदा? स्टोरी पढ़कर जानिए सब कुछ.

दरअसल, बिहार चुनाव से पहले एक बार फिर सियासी यात्राओं के सहारे राजनीतिक दल अपने अपने पक्ष में सियासी माहौल गरमाने की तैयारी में जुट गए हैं. राज्य में महागठबंधन एकजुट होकर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहा है. महागठबंधन ने अपनी यात्रा को अगस्त क्रांति यात्रा नाम दिया है. यह तय नहीं हुआ कि यात्रा का क्या स्वरूप क्या होगा? बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने खुद इसकी जानकारी दी है.

यात्रा में राहुल गांधी भी होंगे शामिल

उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार अचेत है. डबल इंजन की सरकार भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं की राज्यव्यापी यात्रा के दौरान प्रमंडल स्तर पर रैलियां भी आयोजित होंगी. इसका पूरा ब्यौरा रक्षाबंधन के बाद जारी किया जाएगा. तेजस्वी ने दावा किया कि यात्रा और प्रमंडलीय रैलियों में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा-राहुल गांधी से कहा कि हमारी बातचीत हो गई है.

विपक्ष के नेता ने कहा कि यात्रा और रैली के दौरान हम जनता को राज्य सरकार की कमियों के बारे में बताएंगे. जनता के अधिकारों पर किस तरह हमला हो रहा है, इसकी जानकारी देंगे. उन्होंने कहा कि सीएजी की हाल में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य सरकार ने विभिन्न वित्तीय वर्षों में करीब 80 हजार करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब नहीं दिया है. यह एक बड़ा घोटाला हो सकता है. इस मसले को इंडिया गठबंधन के नेता जोर शोर से उठाएंगे.

2 महीने में PM मोदी करेंगे 9 रैलियों को संबोधित

इसके उलट, NDA गठबंधन में शामिल दलों ने भी फैसला लिया है कि वो विकास‑केंद्रित अभियान चलाएगा. सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए BJP के वरिष्ठ नेताओं के साथ पटना में बैठक की है. इनमें JDU के प्रवक्ता कार्यशालाओं और पीएम मोदी की रैलियों की को लेकर चर्चा हुई. इन यात्राओं को एनडीए ने प्रगति यात्रा नाम दिया है.

बताया जा रहा है कि अगले दो‑ढाई महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 प्रमुख रैलियों की अगुवाई करेंगे, जिससे BJP के वोट बैंक को सक्रिय करने का लक्ष्य है. JDU के कुछ सांसदों ने चेतावनी दी थी कि यदि नीतीश को फिर से CM उम्मीदवार न बनाया गया तो JDU NDA से बाहर हो सकती है. इसे गठबंधन में अंदरूनी खींचतान माना जा रहा है. वहीं, चिराग पासवान भीम समागम संकल्प यात्रा पर हैं. इस यात्रा के जरिए वह पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में बने हुए है.

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