बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार डूबते सूरज हैं! कल्याण बिगहा के लोगों को नहीं लगता ऐसा, पर क्यों?

तेजस्वी यादव के ‘अचेत मुख्यमंत्री’ वाले बयान पर सीएम नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा के लोगों ने कहा कि नीतीश आज भी हर मसले पर नजर रखते हैं और जनता के बीच उनकी पकड़ मजबूत है. तेजस्वी यह जानने की जरूरत है कि जब उनकी माता यानी राबड़ी देवी सीएम बनी थीं तो 'शौचालय' और 'सचिवालय' में अंतर नहीं कर पाती थीं. जानिए, नीतीश कुमार के बारे में क्या सोचते हैं सीएम के गांव के लोग?;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 16 Oct 2025 1:57 PM IST

बिहार की राजनीति में बयानबाजी तेज है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा था, 'वो अब अचेत हो चुके हैं.” इस तंज के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया. यही बात जब नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने इससे असहमति जताई. गांव के लोगों ने कहा, "मुख्यमंत्री जी अचेत नहीं हैं, बिल्कुल सचेत हैं." बता दें कि कल्याण बिगहा नीतीश कुमार का पैतृक गांव है.

'शौचालय' और 'सचिवालय' में अंतर नहीं समझती थीं राबड़ी

न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार कल्याण बिगहा के एक लड़के ने इसके जवाब में कहा, 'दो दशक पहले लालू प्रसाद को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक साधारण परिवार से उठकर नीतीश कुमार ने बिहार के लिए काम किया.' यहां के ग्रामीणों का एक समूह कहता है, "जब राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, तो वे 'शौचालय' और 'सचिवालय' में अंतर नहीं कर पाती थीं. वे अनपढ़ थीं, फिर भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. अब, वही परिवार उस मुख्यमंत्री पर कीचड़ उछालने की हिम्मत कर रहा है, जिसने राज्य की कायापलट की और जंगल राज का खात्मा किया."

बिहार को नीतीश की जरूरत

नालंदा के गांवों में घूमने और इस मसले पर जानकारी हासिल करने पर कई लोग नीतीश कुमार को 'एक बुद्धिमान नेता' बताते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी बुद्धि और दूरदर्शिता की बिहार में बहुत जरूरत है. कई बुज़ुर्ग कहते हैं, 'बिहार में किसी की उम्र का मजाक उड़ाना अच्छा नहीं लगता.'

'बिहार में अराजकता अब अतीत की बात'

कल्याण बिगहा में सड़क के मोड़ पर बैठकर अखबार पढ़ते ओम राम कहते हैं, "सिर्फ इसलिए कि कोई बूढ़ा हो गया है, इसका मतलब यह नहीं कि हमें उससे छुटकारा पा लेना चाहिए." राम खुद 70 साल के हैं और कहते हैं, '2005 से अपनी आंखों के सामने राज्य को बदलते देखा है. बिहार में अराजकता अब अतीत की बात हो गई है.'

नीतीश अब पहले वाले कुमार नहीं रहे

न्यूज18 की ग्राउंड रिपोर्ट की मानें तो गंगा नदी में नाव की सवारी के दौरान राजद समर्थकों के एक समूह का कहा, 'कुमार के हालिया सार्वजनिक व्यवहार से उनकी मानसिक कुशाग्रता पहले से अलग है और उन्हें विनम्रतापूर्वक अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.' सीएम के एक समर्थक का कहना है, "वह अब नौकरशाहों पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं. मुख्यमंत्री को नौकरशाही पर नियंत्रण रखना चाहिए... वरना, राज्य का नेतृत्व जारी रखने के लिए उन्हें एक और कार्यकाल मिलना चाहिए."

'नीतीश आजीवन बने रहें सीएम'

पटना के मरीन ड्राइव पर एक युवक का कहना है कि राज्य के हित में नीतीश कुमार को आजीवन मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए. वह व्यक्ति दावा करता है, "पटना उनकी वजह से बदल गया है."

CM को विदाई की जरूरत, हार की नहीं

ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक महिलाएं कुमार की सबसे बड़ी समर्थक हैं. पहले शराबबंदी और बिहार की 1.25 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता बड़ी बात है. कल्याण बिगहा और आसपास के गांवों की महिलाओं का कहना है कि कुमार ने उन्हें सशक्त बनाया है. उन्हें सुरक्षित रखा है. उनके लिए, कुमार एक अभिभावक और पिता तुल्य हैं, जो मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल के हकदार हैं. कल्याण बिगहा में, मतदाताओं को लगता है कि कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें एक दिन सत्ता से विदाई की जरूरत है, हार की नहीं.

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