NDA VS MGB: रोजगार और महिला सशक्तिकरण में बरोबर, एजुकेशन-इंडस्ट्री, हेल्थ में बड़ा फर्क; किसके घोषणापत्र में क्‍या?

NDA vs Mahagathbandhan Manifesto:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के घोषणा पत्र ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. एक ओर एनडीए ने विकास, रोजगार और औद्योगिक विस्तार को एजेंडा बनाया है तो दूसरी ओर महागठबंधन ने सामाजिक न्याय, पेंशन बहाली और हर घर नौकरी का वादा किया है. पांच बिंदुओं में जानिए, किसका घोषणापत्र ज्यादा दमदार और जमीन से जुड़ा है.;

By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 31 Oct 2025 12:17 PM IST

NDA vs Mahagathbandhan Manifesto 2025: बिहार चुनाव 2025 में अब मुकाबला सिर्फ उम्मीदवारों का नहीं बल्कि घोषणा पत्रों का भी है. अब एनडीए और महागठबंधन अपने-अपने एजेंडे के साथ सियासी मैदान में है. एनडीए ने 'विकसित बिहार' का सपना दिखाते हुए 1 करोड़ नौकरियों और औद्योगिक विकास का वादा किया है. जबकि महागठबंधन ने 'तेजस्वी का प्रण' के तहत हर घर नौकरी, पुरानी पेंशन योजना और महिला सहायता राशि का ऐलान कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है. सवाल है - इन दोनों में से कौन-सा घोषणा पत्र बिहार की जमीनी जरूरतों के ज्यादा करीब है? ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किसका मैनिफेस्टो प्रदेश की जनता के हितों को साधने में ज्यादा बेहतर है.

NDA मेनिफेस्टो के मजबूत पहलू

1. रोजगार लक्ष्य: एनडीए ने 1 करोड़ नौकरियों का वादा किया है.

2. विशेष वर्गों को केंद्रित: महिलाओं, दलितों, अति-पिछड़ों को आर्थिक-सहायता का वादा भी एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल है.

3. इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगीकरण पर जोर: राज्य में बड़े निवेश, एक्सप्रेसवे, रेल आधुनिकीकरण का वादा, बाढ़ मुक्त बिहार, फ्री एजुकेशन और चिकित्सा सुविधा.

4. योजनाओं पर अमल पर बल: कौशल-विकास केन्द्र, जिले-स्तर पर मेगा स्किल सेंटर आदि का प्रावधान.

5. दीर्घावधि विकास का मिशन-सेट:  'विकसित बिहार' जैसे विजन के साथ योजनाओं विकास का वादा.

Mahagathbandhan के मेनिफेस्टो के सकारात्मक पहलू

1. हर-घर सरकारी नौकरी का वादा: प्रत्येक परिवार में एक सरकारी नौकरी देने का वादा.

2. सामाजिक सुरक्षा : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के साथ्ज्ञ  महिलाओं-विधवाओं के लिए मासिक सहायता राशि की योजना पर अमल का वादा.

3. शिक्षा-प्रौद्योगिकी और सुधार पर जोर: छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त फॉर्म-एग्जाम फीस, टेबलेट, बड़े-स्तर की यूनिवर्सिटी-कॉलेज.

4. न्याय-वितरण और सुधारात्मक दृष्टि: माइक्रो-फाइनेंस कंपनियों पर सख्ती, भूमि-मुक्का रहितों को जमीन देने का वादा.

5. राष्ट्रवाद-विकास को सामाजिक न्याय के साथ जोड़ने की कोशिश: घोषणापत्र में सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक-वर्ग, किसान-वर्ग के हितों पर फोकस किया गया.

एनडीए vs महागठबंधन : बेहतर कौन?  

1. रोजगार का वादा: संख्या बनाम नीति

एनडीए ने 1 करोड़ नौकरियों का ठोस लक्ष्य तय किया है. रोजगार सृजन के मद्देनजर  निजी क्षेत्र और MSME पर फोकस किया जाएगा. जबकि महागठबंधन ने हर घर से एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया है, लेकिन उस पर अमल कैसे होगा यह स्पष्ट नहीं है.

2. विकास बनाम कल्याण

एनडीए के घोषणा पत्र में उद्योग, IT पार्क, सड़क और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का रोडमैप दिया गया है. महागठबंधन ने सामाजिक सुरक्षा, पेंशन बहाली, महिलाओं को मासिक सहायता पर जोर दिया है.

3. महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं

एनडीए ने महिला सुरक्षा और स्वरोजगार योजना चलाने के लिए स्किल सेंटर और शिक्षा में  निवेश की वकालत की है. महागठबंधन के घोषणा पत्र में महिला सहायता राशि, छात्राओं को टैबलेट और मुफ्त फॉर्म-फीस का वादा.

4. किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था

एनडीए ने कृषि-उद्योग, फूड प्रोसेसिंग और सिंचाई नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान दिया है. वहीं महागठबंधन ने किसानों की कर्जमाफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया है.

5. विश्वसनीयता

एनडीए ने नीतियों के साथ रोडमैप भी पेश किया है. यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वादों में शासन प्रशासन के अनुभव की झलक दिखाई देती है. दूसरी ओर महागठबंधन के वादों में भावनात्मक अपील ज्यादा है. वित्तीय योजनाओं की नीति साफ नहीं है.

कुल मिलाकर, बड़ी योजनाओं पर अमल के लिहाज से देखें तो एनडीए का मेनिफेस्टो बेहतर दिखता है. क्योंकि उसमें रोजगार, निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे ठोस वादे हैं, जिन्हें मापने-योग्य बनाया गया है.लेकिन यदि 'सामाजिक न्याय, समावेश-उपरांत सुधार, जोखिम-रहित वादे' देखें तो महागठबंधन का मेनिफेस्टो ज्यादा आकर्षक लगता है. खासकर उन लोगों के लिए जो पेंशन, शिक्षा-सुधार और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं. एनडीए का वादा अधिक व्यावहारिक और स्किल-आधारित दिखता है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव प्रचार चरम पर है. अब दोनों प्रमुख गठबंधन का घोषणा पत्र भी सामने आ गए है. विधानसभा की 121 सीटों पर पहले चरण का चुनाव प्रचार अंतिम चरण में है. सभी दलों के नेता और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर जोर आजमाइश में जुटे हैं. पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा. 243 सीटों पर डाले गए मतों की गिनती 14 नवंबर को होना है. मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे.

Similar News