हम तो नीतीश कुमार को PM बनाना चाहते थे, लेकिन अब तो... बिहार चुनाव में अखिलेश यादव की एंट्री
बिहार चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को लेकर कहा कि हम लोग तो उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन अब तो वो सीएम बनेंगे या नहीं ये भी तय नहीं है. अगर वो इंडिया ब्लॉक के साथ होते तो प्रधानमंत्री होते. आगामी विधानसभा चुनाव में हम लालू यादव और तेजस्वी यादव का साथ देंगें.;
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिहार चुनाव नजदीक आते ही नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने लखनऊ मीडिया से बातचीत में एक बार फिर कहा कि अगर सीएम नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के साथ होते तो आज देश के प्रधानमंत्री होते. इसके आगे उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बिहार में लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "इस बार भारतीय जनता पार्टी वाले नीतीश कुमार को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ाएंगे, लेकिन सीएम नहीं बनाएंगे. जबकि हम तो नीतीश कुमार को पीएम बनाना चाहते थे."
अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से भी कहा था, "अगर नीतीश कुमार विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के साथ मजबूती से खड़े होते तो वे प्रधानमंत्री बन सकते थे." इस बात का जिक्र उन्होंने इंडिया टुडे टीवी के साथ जनवरी 2024 में एक विशेष साक्षात्कार में कहा था. अखिलेश यादव ने कहा था, "गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के लिए किसी पर भी विचार किया जा सकता है. नीतीश कुमार सही समर्थन के साथ दावेदार हो सकते थे."
क्या चाहते हैं अखिलेश यादव?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक दिन पहले यह बयान आने के बाद अब तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ सियासी जानकारों ने सवाल उठाया है कि क्या अखिलेश यादव नीतीश को कुमार मो इंडिया ब्लॉक में लाना चाहते हैं?
बिहार में मतदाता सूची मसले पर कही ये बात
उन्होंने बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के सवाल पर कहा कि 'यूपी चुनाव में इससे बड़ा घपला बीजेपी करेगी. जाना तो सबको है. इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा, "यूपी में हमारी सरकार बनेगी तो कांवड़ियों के लिए कॉरिडोर बनाएंगे. किसी भी दुकान वाले को परेशानी नहीं होगी। मेले हमें और आपको जोड़ते हैं। बीजेपी किसी की खुशी नहीं देख सकती."
मथुरा-वृंदावन को लेकर कही ये बात
मथुरा वृंदावन कॉरिडोर को लेकर अखिलेश ने यादव ने कहा, 'इस कॉरिडोर में करीब पांच हजार मंदिर हैं. यदि वाराणसी की तरह मंदिर गिरा दिए गए तो हमारी तो आस्था ही चौपट हो जाएगी. देश और दुनिया के लोग कुंज की गलियों को देखने के लिए आते हैं. यहां कॉरिडोर बनाने वाले वेनिस दिखाएंगे क्या?