Copycat है पाकिस्तान! ‘नो हैंडशेक’ विवाद में अब PCB भी कूदा, रविवार को भारत-पाकिस्तान मैच में दिखेगा नया ड्रामा

एशिया कप 2025 के सुपर-4 में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला रविवार को होगा, लेकिन चर्चा क्रिकेट से ज्यादा ‘नो हैंडशेक’ विवाद की है. 14 सितंबर के मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जिसके बाद पीसीबी भड़क गया. अब पाकिस्तान ने भी नकल करते हुए हाथ न मिलाने का एलान कर दिया है.;

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Edited By :  प्रवीण सिंह
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एशिया कप 2025 के सुपर-4 में भारत और पाकिस्तान की टीमें एक बार फिर आमने-सामने होंगी. 21 सितंबर को होने वाले इस हाई-वोल्टेज मुकाबले से पहले सबसे बड़ी चर्चा का विषय क्रिकेट नहीं बल्कि “नो हैंडशेक ड्रामा” बन गया है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का फैसला कर पहले ही भूचाल ला दिया था.

अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने भी एलान कर दिया है कि उनके खिलाड़ी भी भारतीय खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाएंगे. यानी पाकिस्‍तानी खिलाड़ी मैदान पर भारतीय क्रिकेटर्स की नकल उतारते नजर आएंगे. क्रिकेट के मैदान पर यह अद्भुत और अभूतपूर्व सियासी-खेल ड्रामा सबकी नज़रों का केंद्र बन चुका है.

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

14 सितंबर को हुए ग्रुप-स्टेज मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया. इस घटना ने दोनों देशों की मीडिया और खेल गलियारों में भूचाल मचा दिया. भारत का रुख साफ था - मैदान पर खेल होगा, लेकिन ‘हैंडशेक’ से परहेज़ रहेगा. इसे सुरक्षा और भावनात्मक कारणों से जोड़ा गया. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ अनौपचारिक संपर्क सीमित रहेगा. पाकिस्तान की ओर से इसे “अपमान” की तरह लिया गया. पीसीबी ने तुरंत इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए इसे क्रिकेट की मर्यादा से जोड़ दिया.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया - गुस्सा और नकल दोनों

भारत के ‘नो हैंडशेक’ फैसले के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले नाराजगी जताई, फिर अचानक वही रुख अपनाने का फैसला किया. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीसीबी ने टीम इंडिया को जवाब देने के लिए अपने खिलाड़ियों को निर्देश दिया है कि वे भी अब हाथ नहीं मिलाएंगे. यानी स्थिति यह है कि जहां भारत ने पहले ही हाथ पीछे कर लिए, अब पाकिस्तान भी ‘कॉपीकैट’ अंदाज़ में यही करने जा रहा है. लेकिन खेल प्रेमियों के लिए यह सवाल है कि आखिर कौन किसकी नकल कर रहा है और इस ड्रामे में असली हार किसकी हो रही है.

सुपर 4 से पहले पीसीबी की ‘ड्रामा पॉलिटिक्स’

सुपर-4 से ठीक पहले पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने एक और विवाद खड़ा कर दिया. सलमान अली आगा की अगुवाई वाली टीम ने यूएई के खिलाफ मैच खेलने से पहले बॉयकॉट की धमकी देकर एक घंटे देर से मैदान पर उतरने का फैसला किया. यह पाकिस्तान का गुस्सा था, जो सीधे तौर पर भारतीय टीम पर नहीं बल्कि एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) और पूरे टूर्नामेंट पर निकाला गया. हालांकि इस ड्रामे का असर खेल पर नहीं पड़ा. पाकिस्तान ने शानदार खेल दिखाया और यूएई को 41 रनों से हराकर सुपर-4 में जगह बना ली.

पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी पर उठे सवाल

एसीसी और पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी के फैसलों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने भारतीय टीम के हाथ न मिलाने के फैसले को पलटने के बजाय, उसी रास्ते पर चलने का विकल्प चुना. क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम केवल “सम्मान बचाने की कोशिश” है. असल में जब भारत ने हाथ न मिलाने का एलान कर दिया था, उसके बाद पाकिस्तान का भी यही फैसला करना महज़ नकल ही माना जाएगा. इससे पाकिस्तान की साख और कमजोर होती दिख रही है.

भारत का बड़ा रुख - ट्रॉफी भी नक़वी से नहीं लेंगे

मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय टीम का फैसला और भी सख्त है. टीम इंडिया ने न केवल पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का ठान लिया है, बल्कि यह भी तय कर लिया है कि अगर वे ट्रॉफी जीतते हैं तो एसीसी चेयरमैन मोहसिन नक़वी के हाथों से खिताब नहीं लेंगे. यह रुख पाकिस्तान के लिए दोहरी चोट जैसा है - एक तरफ भारत ने मैदान पर दूरी बना ली है, दूसरी तरफ पाकिस्तान की नकल करने का उनका कदम उन्हें और असहज स्थिति में डाल रहा है.

क्रिकेट या राजनीति?

अब बड़ा सवाल यही है कि एशिया कप 2025 के सुपर-4 का भारत-पाकिस्तान मैच क्रिकेट का रोमांच लेकर आएगा या फिर इस ‘नो हैंडशेक’ विवाद पर ही सारी सुर्खियां होंगी. क्या दोनों टीमें केवल क्रिकेट खेलेंगी या हर गेंद-हर रन के साथ ‘हैंडशेक विवाद’ की गूंज भी सुनाई देगी? क्या खिलाड़ी खेल भावना दिखाएंगे या सियासी ड्रामे का हिस्सा बनेंगे? क्या दर्शक इस मुकाबले को क्रिकेट की जीत मानेंगे या रिश्तों की एक और हार?

भारत और पाकिस्तान के बीच हर मुकाबला केवल खेल नहीं बल्कि एक राजनीतिक और भावनात्मक टकराव भी बन जाता है. इस बार ‘नो हैंडशेक ड्रामा’ ने इसे और ज्यादा तूल दे दिया है. जहां भारत ने साफ संदेश दिया कि पाकिस्तान से दूरी बरकरार रहेगी, वहीं पाकिस्तान भी उसी रास्ते पर चलते हुए अब ‘कॉपीकैट’ बन गया है. रविवार का सुपर-4 मुकाबला चाहे मैदान पर जैसा भी नतीजा दे, लेकिन इतना तय है कि हाथ न मिलाने की यह कहानी क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखी जाएगी.

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