दबाव से पराक्रम तक: कोहली की आइकॉनिक एजबेस्टन पारी
2018 के एजबेस्टन टेस्ट में विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ 149 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों एंडरसन और स्टोक्स की धारदार गेंदबाजी के बीच उन्होंने डटे रहकर टीम को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाया. इस पारी से उन्होंने 2014 के इंग्लैंड दौरे की विफलताओं का बदला लिया और खुद को तकनीकी रूप से बेहतर साबित किया. कोहली की यह जुझारू पारी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक मिसाल बन गई.;
kohli iconic Edgbaston test inning 2018: एजबेस्टन टेस्ट मैच में दूसरे दिन लंच के बाद का खेल चल रहा था. टीम इंडिया का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन था. तारीख़ थी 02 अगस्त, 2018. सुबह दिन के दूसरे ओवर में मोहम्मद शमी की गेंद पर सैम करन के आउट होते ही इंग्लैंड की पहली पारी 287 रनों पर सिमट चुकी थी. लंच से कुछ ही देर पहले शिखर धवन को सैम करन ने आउट किया था. सैम करन ने उससे पहले अपने एक ही ओवर में मुरली विजय और केएल राहुल को आउट कर भारत को दोहरा झटका भी दिया था. पहले विकेट के लिए शिखर धवन और मुरली विजय ने ठीक अर्धशतकीय साझेदारी निभाई थी, लेकिन दोहरे झटके की वजह से स्कोर तब 54/2 हो गया था. लंच से पहले विराट कोहली पिच से नाबाद लौटे थे.
ब्रेक के बाद जब मैच वापस शुरू हुआ तो एक छोर से गेंदबाज़ी कर रहे बेन स्टोक्स की गेंदों पर कोहली ने दो दमदार चौके जड़ दिए. लंच कर लौटी टीम इंडिया ने पहले ही ओवर में 9 रन जोड़ लिए. फिर स्टोक्स की अनुशासित गेंदबाज़ी का नमूना देखने को मिला. वो एक छोर से लगातार 10 ओवर डाले. अपनी गेंदों पर केवल 17 रन बनने दिए और भारत के दो बल्लेबाज़ों को आउट किया.
पूरे लय में थे एंडरसन और स्टोक्स
पिच से तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल रही थी और गेंदबाज़ बल्लेबाज़ों को आजमाती गेंदें डाल रहे थे. स्टोक्स एक छोर से तो दूसरी तरफ़ से इंग्लैंड के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन लगातार सिम और स्विंग के इस्तेमाल से बेहतरीन गेंदबाज़ी डाल रहे थे. ऐसा लग रहा था कि दोनों ने बेहतरीन लय पा ली है. दोनों छोर से गेंदबाज़ी इस क़दर की जा रही थी, मानो ड्यूक गेंद हवा से बातें करती हुई बल्लेबाज़ों के पास से गुज़र रही हों, लेकिन उस वक़्त दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ अपने बैट से उनकी गेंदों को रोकने में अपना पूरा दिल, दिमाग़ और अनुभव झोंक रहा था. उस बल्लेबाज़ के दिमाग़ में उस वक़्त केवल एक बात चल रही होगी कि इस धरती पर बड़ा स्कोर करना है, क्योंकि ये वो जगह थी जहां अब तक उसका बल्ला नहीं गरजा है.
पूरी तैयारी के साथ इंग्लैंड पहुंचे थे कोहली
क्रिकेट के खेल में जब-जब दिग्गज़ों का आमना-सामना होता है, ऐसी स्थितियां देखने को मिलती हैं. उस दिन भी ठीक वही दृश्य सबके सामने था. स्टोक्स ने अपने उन पांच ओवरों के दौरान दो विकेट चटकाए थे जिनमें उन्होंने केवल छह रन खर्चे थे. उनकी आउट स्विंग गेंद पर अजिंक्य रहाणे स्लिप में तो इन स्विंग गेंद पर दिनेश कार्तिक बोल्ड आउट हुए थे. इन गेंदबाज़ों की घूमती गेंदों पर कोहली भी थोड़े परेशान हुए, लेकिन उन्होंने इस सीरीज़ में आने से पहले जमकर तैयारी की थी.
दरअसल, कोहली 2014 के दौरे पर लगातार स्लिप में आउट हुए थे, एंडरसन ने उन्हें सबसे अधिक परेशान किया था. तब उनकी तकनीक की कमज़ोरी पूरी दुनिया के सामने आ गई थी. संजय बांगर बताते हैं, "2018 के इंग्लैंड दौरे से पहले कोहली ने नेट्स में जमकर पसीना बहाया था. कुछ सात-दस सेशन किए थे. हम मुंबई के रेलवे के मैदान पर जाते थे. सुबह छह-साढ़े छह बजे से कोहली उन पिचों पर अभ्यास किए, जिस पर ओस होती थी. कुछ तकनीकी चीज़ों पर भी उन्होंने काम किया. उनकी ज़िद थी इंग्लिश कंडीशन में अच्छा प्रदर्शन करना, ख़ास कर एंडरसन के ख़िलाफ़ जिन्होंने पिछले इंग्लिश दौरे पर उन्हें खूब परेशान किया था."
मुश्किल हो रहा था रन जुटाना
एंडरसन की गेंदों पर एक-एक रन बनाना मुश्किल हो रहा था. पांच ओवरों में उन्होंने केवल सात रन खर्चे थे. तब लगातार 26 गेंदों तक कोहली के बल्ले से कोई रन नहीं निकला था. दूसरे छोर पर विकेट लगातार गिर रहे थे. लंच के बाद दूसरे सेशन में डाले गए 27 ओवरों में केवल 84 रन बने थे और तीन भारतीय बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे. कोहली भी संघर्ष कर रहे थे, लेकिन वो पिच पर टिके हुए थे. चायकाल के समय कोहली 53 रन बनाकर नाबाद लौटे थे. निश्चित तौर पर तब कोहली अपने क्रिकेट करियर का सबसे मुश्किल दो घंटा पिच पर बिता कर लौटे थे. हालांकि इस दौरान डेविड मलान ने दो बार कोहली के कैच को ड्रॉप कर उन्हें जीवनदान दिया था.
फिर कोहली ने खेली यादगार पारी
टी ब्रेक से लौटने के बाद विराट कोहली ने एक ऐसी शानदार पारी खेली, जो आने वाले कई सालों तक याद रखी जाएगी. उस दिन कोहली के बल्ले से क्रिकेट की किताब के कई बेहतरीन शॉट्स निकले. सैम करन और स्टोक्स की गेंदों पर कई चौके जड़े. लगातार दो गेंदों पर चौके जमा कर अपना 22वां शतक पूरा किया. ख़ासकर जब अंतिम बल्लेबाज़ के रूप में पिच पर उमेश यादव उतरे, तो कोहली ने दो-दो चौके और एक छक्का जमाया. कोहली ने 274 गेंदों पर 149 रनों की पारी खेली, उस पारी में दूसरी सबसे बड़ी इनिंग्स शिखर धवन (26 रन) की थी. लेकिन सच में अगर कोहली की पारी को जिन्होंने भी देखा, उन्हें वो बीच के 10 ओवरों के दौरान उनकी बल्लेबाज़ी का मिज़ाज बहुत पसंद आया, क्योंकि तब उन्होंने 31 गेंदों पर केवल 5 रन बनाए थे और इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ी की धार कुंद करने में बड़ा किरदार निभाया था.
पहली पारी में कोहली के उस प्रयास के बावजूद इंग्लैंड वो मैच जीत गया क्योंकि टीम गेम अकेले दम पर नहीं जीते जाते, लेकिन इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "अगर किसी को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट ख़त्म हो रहा है, तो उसे वापस आकर यह मैच देखना चाहिए." इसी दौरे पर नॉटिंघम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को भारत ने जीता तो उसमें विराट कोहली ने पहली पारी में 92 तो दूसरी में 103 रन बनाए और प्लेयर ऑफ़ द मैच बने. भारत वो मैच 203 रनों के बड़े अंतर से जीता.