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INDvsENG- रोमांचक, ऐतिहासिक मुक़ाबलों की ग़वाही देते एजबेस्टन की कहानी और क्या है ऋषभ पंत से कनेक्शन?

टीम इंडिया एजबेस्टन मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट खेलने जा रही है, जहां उसका रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है. भारत ने इस मैदान पर अब तक 8 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 7 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. एजबेस्टन क्रिकेट इतिहास का ऐतिहासिक मैदान रहा है, जहां इंग्लैंड ने कई रोमांचक और रिकॉर्डधारी मुकाबले खेले हैं. ऋषभ पंत यहां भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे हैं. यह मैदान अपने डे-नाइट टेस्ट और 1999 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के लिए भी प्रसिद्ध है.

INDvsENG- रोमांचक, ऐतिहासिक मुक़ाबलों की ग़वाही देते एजबेस्टन की कहानी और क्या है ऋषभ पंत से कनेक्शन?
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अभिजीत श्रीवास्तव
By: अभिजीत श्रीवास्तव

Updated on: 2 July 2025 12:27 PM IST

टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़ का दूसरा मुक़ाबला बुधवार से बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड में खेलने जा रही है. हेडिंग्ले में पहला टेस्ट जीत कर इंग्लैंड सिरीज़ में 1-0 से आगे है. शुभमन गिल के नेतृत्व वाली टीम इंडिया को उस मैदान पर खेलना है जहां उसे अब तक कोई जीत हासिल नहीं हो सकी है.

पर एजबेस्टन के मैदान का क्रिकेट के इतिहास से बहुत गहरा संबंध है, जहां कई ऐसे मैच आयोजित किए गए हैं जो न केवल भरपूर रोमांचक रहे बल्कि रिकॉर्ड बुक पर भी अपनी छाप छोड़ रखी है. तो चलिए जानते हैं एजबेस्टन की कहानी क्या है?

क्या है एजबेस्टन की कहानी?

2003 में चेस्टर ली स्ट्रीट के उद्घाटन से पहले तक बर्मिंघम के दक्षिण में पड़ने वाला एजबेस्टन इंग्लैंड के शुरुआती छह नियमित टेस्ट आयोजकों में सबसे नया था. 1882 में बने इस स्टेडियम को अपने पहले टेस्ट मैच के लिए 20 बरस का इंतज़ार करना पड़ा. शुरू के 27 सालों में इस स्टेडियम में केवल चार टेस्ट मैच ही खेले गए थे. हालांकि बाद के वर्षों में यहां टेस्ट मैचों के नियमित आयोजन का सिलसिला शुरू हुआ पर अब तक यहां केवल 56 टेस्ट मैच आयोजित किए जा सके हैं. जबकि लंदन में स्थित लॉर्ड्स और द ओवल जैसे मैदानों ने टेस्ट आयोजन के मामले में शतक भी जमा दिया है. यहां तक कि इस मैदान पर ओल्ट ट्रैफ़र्ड, हेडिंग्ले और ट्रेंस ब्रिज से भी कम टेस्ट मैच आयोजित किए गए हैं. इस मैदान पर खेले गए 56 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड ने 30 जीते हैं, यानी 53.57 फ़ीसद जीत हासिल की है. 15 मैच ड्रॉ रहे हैं. तो इंग्लैंड की टीम इस मैदान पर केवल 11 मुक़ाबले ही हारी है. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांच, वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ चार, तो न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका ने उसे यहां एक एक मैच हराए हैं.

फ़ीका रहा है भारत का प्रदर्शन

भारतीय टीम ने अपने पिछले दौरे के दौरान इसी मैदान पर 416 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था, पर उस मैच के साथ-साथ भारत यहां खेले गए 8 में से सात टेस्ट हार चुका है. जी हां, आपने सही पढ़ा भारत ने इस मैदान पर 1967 से लेकर अब तक आठ टेस्ट मैच खेले हैं पर उनमें से सात मैच में उसकी हार हुई है. एजबेस्टन में भारत की सबसे बड़ी हार 2011 में हुई थी. तब इंग्लैंड ने भारत को एक पारी और 242 रनों से हराया था. यहां भारत ही नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप का कोई देश एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सका है.

पंत से कनेक्शन

एजबेस्टन की पिच पर जो रूट सर्वकालिक सफल बल्लेबाज़ हैं. उनके नाम यहां तीन शतकों समेत 70.77 की औसत से 920 रन हैं. वहीं इंग्लैंड में मौजूदा भारतीय टीम में से यहां सबसे अधिक रन ऋषभ पंत ने बनाया है. पंत ने 2022 के दौरे के दौरान खेले गए मैच की दोनों पारियों में शतक और अर्धशतक समेत 203 रन जमाया था. अगर औसत के लिहाज से देखें तो एजबेस्टन में 200 रन से अधिक बनाने वाले बल्लेबाज़ों में पंत 101.50 की औसत के साथ टॉप पर हैं. पंत हेडिंग्ले की दोनों पारियों में शतक जमा कर अपने फ़ॉर्म का प्रदर्शन कर चुके हैं. इस मैदान पर भी उनके बल्ले से रन निकलने की उम्मीद सभी को है. चलिए वापस आते हैं एजबेस्टन की कहानी पर.

एजबेस्टन के ये नायाब रिकॉर्ड

एजबेस्टन में खेले गए एक मैच में इंग्लैंड ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को महज़ 36 रनों पर ऑल आउट कर दिया था, तो दक्षिण अफ़्रीका की टीम को तो उसने केवल 30 रनों पर ऑल आउट कर दिया था. वहीं इंग्लैंड की टीम यहां भारत को भी यहां केवल 92 रनों पर पवेलियन लौटा चुकी है. इसी मैदान पर इंग्लैंड में पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच आयोजित किया गया था. केवल तीन दिनों में उस मैच का फ़ैसला भी आ गया था. 2017 में खेले गए उस मुक़ाबले में इंग्लैंड ने वेस्ट इंडीज़ को एक पारी और 209 रनों से हराया था. ये वही मैदान है जहां ब्रायन लारा ने डरहम के ख़िलाफ़ नाबाद 501 रन बनाने का कारनामा किया था. इस मैदान पर कई वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले गए हैं. वहीं 2018 में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे के दौरान इस मैदान पर इंग्लैंड ने अपना 1000वां टेस्ट मैच खेला था.

क्या कहते हैं आंकड़े?

टॉस जीत कर यहां पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम के मुक़ाबले गेंदबाज़ी करने वाली टीम अधिक बार जीती है. पहले बैटिंग करने वाली टीम 18 बार तो बाद में बैटिंग करने वाली टीम 23 बार जीती है. इस मैदान पर सबसे बड़ा स्कोर इंग्लैंड की टीम ने ही बनाया है और वो भी भारत के ख़िलाफ़. 2011 में इंग्लैंड ने तब 710/7 (पारी घोषित) का स्कोर बनाया था. इसी मुक़ाबले में एलिस्टेयर कुक ने 294 रनों की पारी खेली थी, जो इस ग्राउंड पर सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भी है. वहीं भारत के पिछले दौरे में इंग्लैंड ने यहां 378 रन बनाते हुए चेज़ का नया रिकॉर्ड कायम किया था.

रोमांचक मुक़ाबलों की ग़वाही देता ग्राउंड

यह मैदान सालों साल याद रखे जाने वाले दो रोमांचक वनडे मुक़ाबलों का ग़वाह भी रहा है. 1999 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफ़ानल मैच भला किसे याद नहीं होगा. 25 साल पहले 18 जून 1999 को खेले गए उस सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका के बीच एक बेहद रोमांचक मुक़ाबला टाई रहा था लेकिन सुपर सिक्स राउंड के दौरान हारने की वजह से दक्षिण अफ़्रीका ने वह मैच गंवा दिया था. उसके बाद 2005 के एशेज़ सिरीज़ के दौरान इंग्लैंड ने यहां महज़ दो रनों से जीत हासिल की थी और शानदार वापसी करते हुए सिरीज़ को बराबरी पर ले आए थे.

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