Asia Cup 2025 Trophy विवाद: Mohsin Naqvi ने BCCI से मांगी माफी, लेकिन Suryakumar Yadav से रखी अजीब शर्त

एशिया कप 2025 जीतने के बाद टीम इंडिया और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के बीच ट्रॉफी विवाद गहराता जा रहा है. पीसीबी और एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने BCCI से माफी तो मांग ली, लेकिन ट्रॉफी लौटाने से इनकार कर दिया है. नकवी का कहना है कि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव खुद ACC ऑफिस आकर ट्रॉफी लें. बीसीसीआई ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर ट्रॉफी वापस नहीं की गई तो मामला ICC तक जाएगा. अब यह विवाद सिर्फ ट्रॉफी का नहीं, बल्कि भारत-पाक क्रिकेट राजनीति का प्रतीक बन चुका है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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एशिया कप 2025 खत्म हो चुका है, भारत 9वीं बार चैंपियन बन चुका है. लेकिन इस जीत से ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है ट्रॉफी को लेकर चल रही राजनीति. भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर इतिहास रचा, मगर ट्रॉफी मंच से न उठी, न ही विजेता खिलाड़ियों के हाथ में आई. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी की जिद ने इस जीत के रंग में खलल डाल दिया है.

अब मामला इतना बिगड़ चुका है कि नकवी ने बीसीसीआई से तो माफी मांग ली है, मगर ट्रॉफी सौंपने से साफ इनकार कर दिया है. उनकी नई शर्त ने विवाद को और तूल दे दिया है.

माफी मांगी लेकिन शर्त रखी

एसीसी की मीटिंग में मोहसिन नकवी ने बीसीसीआई से माफी तो मांग ली, लेकिन साथ ही कहा कि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव खुद एसीसी ऑफिस आकर ट्रॉफी लें. इस बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है क्योंकि विजेता टीम से इस तरह की मांग पहले कभी नहीं हुई.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, फाइनल जीतने के बाद टीम इंडिया ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था. नकवी लंबे समय तक मंच पर खड़े रहे, लेकिन जब कोई खिलाड़ी सामने नहीं आया तो वे नाराज होकर ट्रॉफी और मेडल्स अपने होटल ले गए. यही घटना अब बड़े विवाद में बदल चुकी है.

खिलाड़ियों ने क्यों किया इनकार?

भारतीय खिलाड़ियों के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे नकवी से ट्रॉफी लेने नहीं चाहते थे क्योंकि पूरे टूर्नामेंट में नकवी के बयानों और रवैये ने भारतीय खेमे को असहज किया था. खिलाड़ियों ने बिना ट्रॉफी ही जीत का जश्न मनाया और बीसीसीआई ने बाद में इस मुद्दे को एसीसी के सामने उठाया.

नकवी का गुस्सा और शर्मिंदगी

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नकवी ने खुद कहा कि मंच पर वे खुद को "कार्टून जैसा" महसूस कर रहे थे. भारतीय टीम के न आने से उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ी. यही वजह है कि उन्होंने ट्रॉफी वापस देने के बजाय इसे लेकर जिद पकड़ ली है.

बीसीसीआई का पलटवार

एसीसी की बैठक में आशीष शेलार और राजीव शुक्ला ने साफ कर दिया कि ट्रॉफी एसीसी ऑफिस में जमा हो और बीसीसीआई उसे आधिकारिक रूप से लेगा. बीसीसीआई ने यह भी चेतावनी दी कि अगर ट्रॉफी जल्द वापस नहीं दी गई तो आईसीसी में इसकी शिकायत की जाएगी.

ट्रॉफी या राजनीति?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ एक ट्रॉफी का नहीं, बल्कि भारत-पाक क्रिकेट राजनीति का नया चेहरा है. नकवी का अड़ियल रुख पाकिस्तान के भीतर घरेलू राजनीति और भारतीय क्रिकेट के दबदबे के खिलाफ एक प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है. अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या बीसीसीआई आईसीसी में औपचारिक शिकायत करेगा या फिर ट्रॉफी किसी समझौते के बाद भारत पहुंचेगी. लेकिन एक बात साफ है कि एशिया कप 2025 का यह विवाद लंबे समय तक क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना रहेगा.

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