Asia Cup 2025 Ind vs Pak: क्या विजेता की बजाय किसी क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष रख सकता है ट्रॉफी, क्या कहते हैं नियम?
भारत ने पाकिस्तान को हराकर नौवीं बार एशिया कप जीता, लेकिन ऐतिहासिक जीत के बावजूद टीम इंडिया को ट्रॉफी नहीं मिली. एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने ट्रॉफी अपने पास रख ली, जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विवाद खड़ा हो गया. जानें ACC और ICC के नियम क्या कहते हैं, क्या विजेता टीम के बजाय कोई और ट्रॉफी रख सकता है, और भारतीय क्रिकेट बोर्ड इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा. पूरा विवाद और भविष्य की कार्रवाई यहां पढ़ें.

भारत ने रविवार रात पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर एशिया कप का खिताब नौवीं बार अपने नाम किया. यह टूर्नामेंट के 41 साल के इतिहास में पहली बार था जब दोनों दिग्गज टीमें फाइनल में भिड़ीं. जीत का जश्न मनाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार थे, लेकिन उन्हें ट्रॉफी हाथ में नहीं मिली. पीसीबी चीफ मोहसिन नकबी ट्रॉफी अपने साथ ले गए. दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ यह वाकया क्रिकेट इतिहास में दुर्लभ और विवादित बन गया.
यह विवाद सिर्फ एक ट्रॉफी तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल भावना और नियमों की रक्षा का मामला बन गया है. भारतीय टीम ने दिखाया कि सम्मान और खेल की शुचिता हमेशा जीत की भावना से ऊपर होती है. इस घटना ने क्रिकेट जगत को यह याद दिलाया कि नियम और प्रोटोकॉल का पालन ही खेल की असली प्रतिष्ठा है.
क्या कोई और रख सकता है ट्रॉफी?
सवाल उठता है कि क्या विजेता टीम के बजाय कोई और ट्रॉफी रख सकता है? इस बार विवाद का केंद्र बने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी थे. उन्होंने मैच के तुरंत बाद ट्रॉफी अपने पास रख ली. भारतीय खिलाड़ियों ने इसे लेने से इनकार कर दिया. यह पहला मौका था जब फाइनल जीतने के बावजूद ट्रॉफी विजेता टीम तक नहीं पहुंची. आम तौर पर फाइनल मैच के बाद विजेता टीम को ट्रॉफी देने का अधिकार आयोजक या प्रजेंटर का होता है. लेकिन नियम स्पष्ट करते हैं कि इसे किसी अन्य व्यक्ति या टीम द्वारा अपने पास रखना पूरी तरह गलत है. ससे यह सवाल उठता है कि क्या नियम के अनुसार किसी अन्य व्यक्ति को ट्रॉफी रखना सही है? जवाब साफ है – नहीं.
नियम क्या कहते हैं?
एसीसी और ICC दोनों के नियम फाइनल जीतने वाली टीम को ट्रॉफी देने के लिए स्पष्ट हैं. नियमों के अनुसार ट्रॉफी और मेडल को मैच के तुरंत बाद आधिकारिक समारोह में विजेता टीम को सौंपा जाता है. अगर मैच किसी कारणवश पूरा नहीं हो पाता है, तो नियम बताते हैं कि दोनों टीमों को साझा विजेता घोषित किया जाएगा और ट्रॉफी शेयर की जाएगी. किसी भी आयोजक या बोर्ड के अध्यक्ष को इसे अपने पास रखने की अनुमति नहीं है.
ट्रॉफी लेने से इनकार का मामला
अगर किसी टीम को किसी व्यक्ति के हाथ से ट्रॉफी लेने में आपत्ति हो तो नियमों में यह स्पष्ट नहीं है. भारत ने मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से इनकार किया. यह इसलिए कि नकवी पाकिस्तान सरकार में मंत्री भी हैं और भारत विरोधी बयानों के लिए विवादित रहे हैं. भारतीय टीम ट्रॉफी लेने के लिए किसी अन्य अधिकारी को मानने को तैयार थी.
चैंपियन टीम के पास ट्रॉफी कब तक रहती है?
नियमों के अनुसार विजेता टीम ट्रॉफी को एक निर्धारित समय तक अपने पास रखती है. उस अवधि के बाद उसे ट्रॉफी की रेप्लिका दी जाती है, जिसे टीम स्थायी रूप से अपने पास रख सकती है. यह व्यवस्था खेल की परंपरा और शुचिता को बनाए रखने के लिए बनाई गई है.
विवाद की पूरी कहानी
रविवार रात का वाकया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में अनोखा है. जब भारतीय टीम ट्रॉफी लेने स्टेज पर नहीं पहुंची तो एसीसी अध्यक्ष ने नियमों की अवहेलना करते हुए ट्रॉफी और मेडल अपने होटल ले गए. मोहसिन नकवी अपने बचाव में आईसीसी के सामने तर्क दे सकते हैं कि उन्होंने ट्रॉफी देने की पेशकश की थी, लेकिन भारतीय टीम ने इसे स्वीकार नहीं किया. बावजूद इसके, नियमों का उल्लंघन स्पष्ट है.
अब क्या करेगी BCCI?
बीसीसीआई ने इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. नवंबर के पहले हफ्ते में दुबई में होने वाली ICC की बैठक में बीसीसीआई इस मुद्दे को उठाएगा. बोर्ड ने साफ किया है कि किसी भी व्यक्ति को नियमों के उल्लंघन के बावजूद ट्रॉफी और मेडल अपने पास रखने की अनुमति नहीं है.