टीचर भर्ती रद्द और वक्‍फ पर बवाल के बीच कहां हैं ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी? चुप्पी पर उठ रहे कई सवाल

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के चलते सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25,753 नियुक्तियों को रद्द किए जाने के बाद, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के भीतर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि, अभिषेक केवल इसी मुद्दे पर ही चुप नहीं है, बल्कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर भी उन्होंने खामोशी की चादर ओढ़ ली है.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 12 April 2025 6:39 PM IST

Abhishek Banerjee: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर हिंसा देखने को मिली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त लहजे में कहा कि बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लागू नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि दंगा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है.

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए शिक्षक भर्ती घोटाले के चलते 25, 753 नियुक्तियां रद्द कर दीं. इस मामले में भी अभिषेक बनर्जी खामोश हैं. ऐसे में उनकी चुप्पी को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है.

15 मार्च को अभिषेक ने की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता

अभिषेक बनर्जी ने 15 मार्च को एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें मतदाता सूची निगरानी और फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए समितियों के गठन पर चर्चा हुई थी. इसके बाद से उन्होंने किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है. हालांकि, उन्होंने हाल ही में डायमंड हार्बर फुटबॉल क्लब की आई-लीग में योग्यता प्राप्त करने पर सोशल मीडिया पर बधाई संदेश शेयर किया था.

''हमें उनकी अनुपस्थिति महसूस हो रही है''

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह एक प्रमुख राजनीतिक और प्रशासनिक संकट है. सरकार इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से संभालने में संघर्ष कर रही है. हमें उनकी अनुपस्थिति महसूस हो रही है क्योंकि पार्टी को स्थिति को अधिक चतुराई से प्रबंधित करने की आवश्यकता है."

अभिषेक बनर्जी क्यों चुप हैं?

अभिषेक बनर्जी के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनकी चुप्पी के दो मुख्य कारण हैं: पहला, यह मुद्दा पूरी तरह से प्रशासनिक है और सरकार, विशेष रूप से शिक्षा विभाग द्वारा संभाला जा रहा है; दूसरा, नवंबर 2024 में ममता बनर्जी ने उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों और संसदीय मामलों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया था.

हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि ममता बनर्जी की यह घोषणा कि वह अकेले ही सरकार का नेतृत्व करेंगी, अभिषेक की चुप्पी का एक कारण हो सकती है. 15 मार्च की बैठक के बाद, कई नेताओं को उम्मीद थी कि ममता और अभिषेक एक संयुक्त मोर्चा पेश करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

टीएमसी अध्यक्ष सुभाष बक्शी के कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद, पार्टी नेताओं ने भाजपा और सीपीएम पर साजिश का आरोप लगाते हुए ब्लॉकों, कस्बों और गांवों में विरोध रैलियां आयोजित कीं. अभिषेक बनर्जी की इस मुद्दे पर चुप्पी ने पार्टी में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है. कई नेता उनके सक्रिय हस्तक्षेप की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं.

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