बजट में मिडिल क्‍लास को कितनी मिलेगी राहत, क्‍या हैं उम्‍मीदें?

केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश होगा. इसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. मिडिल क्लास भी बजट का इंतजार कर रहा है. माना जा रहा है कि बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत देने के लिए कई घोषणाएं की जा सकती हैं. इसमें आयकर, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च में कटौती शामिल है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 31 Jan 2025 3:18 PM IST

Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. इस बजट से सभी को काफी उम्मीदें हैं. मिडिल क्लास भी बजट का इंतजार कर रहा है. वह चाहता है कि बजट में कुछ ऐसे एलान हो, जिससे उसका वित्तीय बोझ कम हो सके.

मिडिल क्लास को भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ माना जाता है. हालांकि, उसने हाल के वर्षों में मुद्रास्फीति और स्थिर वेतन जैसी कई चुनौतियों का सामना किया है. आइए, जानते हैं कि मिडिल क्लास को बजट से क्या उम्मीदें हैं...

इनकम टैक्स में मिले राहत

मिडिल क्लास यानी मध्यम वर्ग चाहता है कि बजट में इनकम टैक्स में कटौती में हो, जिससे उसे कुछ राहत मिल सके. मौजूदा समय में मूल कर छूट स्तर 3 लाख रुपये है. उम्मीद की जा रही है कि इसे 5 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. इसके करदाताओं को काफी राहत मिलेगी. वे अधिक बचत कर सकेंगे.

रोजगार देने पर ध्यान केंद्रित करे सरकार

मिडिल क्लास के लिए बेरोजगारी बेहद चिंता का विषय है. वह चाहती है कि बजट में बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन पर सरकार अपना ध्यान केंद्रित करे. कौशल विकास कार्यक्रमों के साथ ही स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिले. लोगों को आवश्यक कौशल से लैश करने पर ध्यान केंद्रित करने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

टैक्स स्लैब में संशोधन

मिडिल क्लास को उम्मीद है कि टैक्स स्लैब में संशोधन होगा. उसे मूल कर छूट सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जो इस समय 3 लाख रुपये है. माना जा रहा है कि इसे 5 लाख रुपये किया जा सकता है, जिससे करदाताओं के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक राशि होगी.

स्वास्थ्य और शिक्षा

मिडिल क्लास को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. वह हेल्थ बीमा प्रीमियम और मेडिकल व्यय पर कर छूट की उम्मीद कर रहा है. वहीं, उसे उम्मीद है कि स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ी हुई फंडिग, स्कॉलरशिप और ट्यूशन फीस पर कर कटौती होगी, जिससे उसे बड़ी राहत मिलेगी.

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