सदन में ई-सिगरेट पीते दिखे TMC सांसद! वायरल VIDEO पर BJP का हमला, अमित मालवीय बोले - ‘जरा सोचिए कितनी हिम्मत है’
संसद के भीतर ई-सिगरेट (वेपिंग) करने के आरोप में एक TMC सांसद का वीडियो सामने आने के बाद फिर सियासी हंगामा मच गया है. BJP आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने वीडियो साझा करते हुए इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. मालवीय ने संसद की गरिमा पर सवाल उठाए हैं. इस मामले ने विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच नए सिरे से तीखी बहस छेड़ दी है.;
संसद के भीतर ई-सिगरेट (वेपिंग) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को संसद की कार्यवाही के दौरान अनुशासन और मर्यादा को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक सांसद का कथित तौर पर सदन में ई-सिगरेट पीते हुए वीडियो सामने आया है. वीडियो के वायरल होते ही BJP ने इसे संसद की गरिमा से जोड़ते हुए हमला तेज कर दिए हैं.
भारतीय जनता पार्टी के नेता बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि TMC नेता कीर्ति आजाद ने संसद में इ-सिगरेट पिया. वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद संसद में इ-सिगरेट पीते हुए दिख रहे हैं.
मालवीय के पोस्ट में क्या है?
वेपिंग विवाद 17 दिसंबर को उस समय शुरू हो गया जब BJP नेता अमित मालवीय ने एक 35-सेकंड का वीडियो शेयर किया. वीडियो में उन्होंने दावा किया तृणमूल सांसद कीर्ति आजाद सदन में वेपिंग करते दिख रहे थे. वीडियो में आजाद लोकसभा के अंदर बैठे हुए थे और एक ऐसा लग रहा था जैसे कि वो धूम्रपान कर रहे हों. यानी, उन्होंने अपने दाहिने हाथ को मुंह के पास लाया और पांच सेकंड तक पकड़े रखा. हालांकि, X पर साझा क्लिप में न तो सिगरेट या ई-सिगरेट और न ही कोई धुआं दिखा.
बावजूद इसके मालवीय ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर पर सदन के अंदर वेपिंग करने का आरोप लगाया. पिछले हफ्ते पार्टी सहयोगी अनुराग ठाकुर ने एक अज्ञात सांसद के बारे में की गई टिप्पणी का जिक्र किया था.
ममता बनर्जी से की सफाई की मांग
मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा है कि कहा, "धूम्रपान शायद गैर-कानूनी न हो लेकिन संसद में इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी मंजूर नहीं है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को अपने सांसद के इस गलत व्यवहार पर सफाई देनी चाहिए."
अनुराग ठाकुर ने स्पीकर से की थी शिकायत
BJP सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा संसद के अंदर वेपिंग करने का आरोप जिस तृणमूल सांसद पर लगाया गया है. वह कोई और नहीं बल्कि कीर्ति आजाद हैं. उनके जैसे लोगों के लिए नियम और कानून साफ तौर पर कोई मायने नहीं रखते. जरा हिम्मत तो देखो, सदन में रहते हुए अपनी हथेली में ई-सिगरेट छिपा रहे हैं!" इसको लेकर पिछले गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से सदन में तृणमूल सांसदों के वेपिंग करने की शिकायत की थी. "ई-सिगरेट पूरे देश में बैन हैं... फिर भी आपने उन्हें सदन में इजाजत दी है? तृणमूल सांसद कई दिनों से बैठकर धूम्रपान कर रहे हैं..."
E-सिगरेट पर भारत में बैन
अनुराग ठाकुर का आरोप सदन के अंदर ई-सिगरेट के इस्तेमाल के बारे में था, क्योंकि तंबाकू वाली सिगरेट के उलट, इनका सेवन भारत में पूरी तरह से गैर-कानूनी है. साल 2019 का एक कानून ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात/निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगाता है.
यह झगड़ा सामान्य सिगरेट तक भी फैल गया है.
स्पीकर ने की थी गरिमा बनाए रखने की अपील
बिरला ने सदन के सदस्यों से गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया और कार्रवाई का वादा किया. उन्होंने कहा, "हमें संसदीय परंपराओं और नियमों का पालन करना चाहिए। अगर ऐसे मामले मेरे संज्ञान में आते हैं, तो मैं कार्रवाई करूंगा।"
सौगत रॉय ने किया था अपना बचाव
पिछले हफ्ते तृणमूल के एक और सांसद, सौगत रॉय, जब धूम्रपान कर रहे थे तो संसद परिसर के अंदर, लेकिन सदन के बाहर बीजेपी के गिरिराज सिंह और गजेंद्र शेखावत ने उन्हें ऐसा करते देखा था. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला दिया था. टकराव के एक वीडियो में रॉय को उनसे बहस करते समय सिगरेट को अपनी पीठ के पीछे छिपाते हुए दिखाया था. रॉय ने यह कहकर अपना बचाव किया कि वह सदन के अंदर धूम्रपान नहीं कर रहे थे, जो संसद की नियमावली के अनुसार प्रतिबंधित है.
BJP वाले पहले दिल्ली में प्रदूषण पर दें ध्यान
उन्होंने 'दिल्ली प्रदूषण' का कार्ड भी खेला, यह कहते हुए कि बीजेपी के लिए शहर में AQI संकट को नियंत्रित करने की कोशिश करना बेहतर होगा और यह कि "एक सिगरेट से कोई फर्क नहीं पड़ता." और इन सबके नीचे एक और बात छिपी हुई है. अगले साल के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी बनाम तृणमूल का परोक्ष टकराव. आखिरकार, संसद के अंदर धूम्रपान को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है.
2015 में भी हुआ था हंगामा
बता दें कि साल 2015 में सदन के अंदर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगने और नामित 'स्मोकिंग रूम' को तृणमूल के कार्यालय में बदलने के बाद हंगामा हुआ था. उस मौके पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने तत्कालीन स्पीकर सुमित्रा महाजन से शिकायत की थी.