MGNREGA का नाम बदलकर VB-G RAM G: गांधी, राम और रोजगार पर सियासी संग्राम! BJP ने किया- नेशनल एंथम’ का जिक्र
केंद्र सरकार द्वारा MGNREGA का नाम बदलकर VB-G RAM G करने के प्रस्ताव ने बड़ा सियासी विवाद खड़ा कर दिया है. कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया, जबकि भाजपा ने इसे रोजगार योजना का अपग्रेड बताया. कंगना रनौत के गांधी और ‘राम’ से जुड़े बयान ने बहस को और तेज कर दिया, जिस पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला.
मोदी सरकार के एक फैसले ने संसद से लेकर सोशल मीडिया तक नई सियासी बहस छेड़ दी है. केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को खत्म कर उसकी जगह 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G लाने का प्रस्ताव रखा है. नाम बदलने के साथ ही योजना के ढांचे में किए गए बदलावों को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर महात्मा गांधी के अपमान का आरोप लगाया है.
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इस पूरे विवाद में अब भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत का बयान भी सियासी तूफान का हिस्सा बन गया है. गांधी और ‘राम’ को लेकर उनके बयान ने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का एक और मौका दे दिया है.
कंगना रनौत का बयान: गांधी और ‘नेशनल एंथम’ का जिक्र
संसद परिसर के बाहर मीडिया से बातचीत में कंगना रनौत ने कहा कि मनरेगा का नाम जी राम जी कर देने से गांधी जी का अपमान कैसे हुआ? महात्मा जी ने श्री राम को लेकर, ‘रघुपति राघव राजा राम’ को लेकर एक नेशनल एंथम बनाया था. इससे उन्होंने पूरे देश को संगठित किया था.” कंगना ने आगे कहा कि सरकार गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए ही ‘राम’ का नाम जोड़ रही है. हालांकि उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर निशाना साधा.
कांग्रेस का पलटवार: ‘नया नेशनल एंथम भी पता चल गया’
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना का वीडियो शेयर करते हुए तंज कसा “चलो भाई आज नया नेशनल एंथम भी पता चल गया है! BJP में एक से एक शिरोमणि भरे पड़े हैं.” एक अन्य यूजर ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि यह नेशनल एंथम 2014 में देश आजाद होने के बाद बापू ने बनाया था, यह बताना भूल गईं कंगना जी.”
नाम बदलने पर कांग्रेस का विरोध: गांधी को दरकिनार करने का आरोप
MGNREGA का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस का विरोध लगातार तेज हो रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि सबसे बड़ी विडंबना यह है कि महात्मा गांधी आजीवन प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त रहे और अंतिम समय में भी ‘हे राम’ ही पुकारा. आज केंद्र सरकार उसी ‘राम’ नाम (VB-G RAM G) की आड़ लेकर गांधी जी को दरकिनार करने का कुप्रयास कर रही है.” कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी सवाल उठाया- “महात्मा गांधी के अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे, तो फिर मनरेगा से गांधी जी का नाम क्यों हटाया जा रहा है?”
VB-G RAM G बिल में क्या बदलेगा?
नाम बदलने के अलावा नए प्रस्तावित बिल में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनका विरोध हो रहा है- फंडिंग पैटर्न बदला, पहले केंद्र-राज्य हिस्सेदारी 90:10 थी. अब इसे 60:40 करने का प्रस्ताव, काम के दिन बढ़े. 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन. डिमांड-ड्रिवन से सप्लाई-ड्रिवन मॉडल. अब काम उन्हीं इलाकों में मिलेगा जिन्हें केंद्र अधिसूचित करेगा
राज्यों की जरूरत के अनुसार अतिरिक्त काम की गुंजाइश कम
NDA सहयोगी TDP भी नाराज़
इस मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने भी चिंता जताई है. आंध्र प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री के हवाले से कहा गया कि “यह नया फंडिंग पैटर्न राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ डालेगा, खासकर आंध्र प्रदेश जैसे आर्थिक रूप से दबाव झेल रहे राज्य पर.” TDP चाहती है कि इस बिल को संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए.
BJP का बचाव: ‘रीब्रांडिंग नहीं, अपग्रेड’
भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि रोजगार गारंटी को कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत किया जा रहा है. पार्टी ने एक्स पर लिखा कि 'MNREGA में गहरी संरचनात्मक खामियां थीं… यह सिर्फ नाम बदलना नहीं, बल्कि एक जरूरी कानूनी रीसेट है.'





