SSC Steno Exam 2025: एसएससी स्टेनोग्राफर परीक्षा, रीजनिंग में ‘गणित’ के सवाल, रोते अभ्यर्थी-अलर्ट बाउंसर, खामोश SSC-सरकार!

6 अगस्त 2025 को SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा का पहला दिन भारी अव्यवस्थाओं और अफरातफरी के बीच संपन्न हुआ. देशभर के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने हंगामा, रोना-धोना और केंद्रों की खराब व्यवस्था को लेकर खुलकर नाराजगी जताई. अभ्यर्थियों का आरोप है कि ब्लैकलिस्टेड कंपनी EDUQUITY को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई, जिसके चलते भारी गड़बड़ी हुई. कई केंद्रों पर बाउंसरों ने छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ बदसलूकी की और मोबाइल छीन लिए गए.;

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By :  संजीव चौहान
Updated On : 7 Aug 2025 8:38 AM IST

SSC यानी कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission SSC) द्वारा आयोजित स्टेनोग्राफर लिखित परीक्षा-2025 (Stenographer Exam 2025) का पहला चरण धक्के दे दिवाकर जैसे तैसे बुधवार (6 अगस्त 2025) को पूरा हो गया. यह बात अलग है कि परीक्षा शुरू होने से पहले, परीक्षा के दौरान और फिर परीक्षा के बाद भी देश के हजारों केंद्रों पर पीड़ित परीक्षार्थियों को रोते-बिलखते-चीखते-चिल्लाते सबने देखे. सिवाय हिंदुस्तान की मौजूदा हुकूमत के. यह लिखित परीक्षा अभी दो दिन और (7 व 8 अगस्त 2025) होना बाकी है.

पूत के पांव पालने में पहले ही दिन दिखाई दे गए हैं. तब ऐसे में अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि बाकी बचे दो दिन की स्टेनोग्राफर की लिखित परीक्षा का हाल और कितना बदतर नजर आने वाला है. इस पर केंद्र में मौजूद डीओपीटी विभाग के मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का दो तीन दिन पहले यह तुर्रा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, जो ब्लैकलिस्टिड कंपनी EDUQUITY, एसएससी की इन लिखित-परीक्षाओं को आयोजित करवाने के लिए चयनित हो चुकी है. उसे अब नहीं हटाया जाएगा.

'ब्लैकलिस्टेड ठेका कंपनी तो नहीं हटेगी'

यह बात मंत्री जी ने इस तरह की लिखित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर्स के मालिकों-संचालकों के साथ बैठक में कही थी. इन्हीं कोचिंग सेंटर संचालकों-मालिकों ने बात में मीडिया को यह बात कही. हां उस मनहूस बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ( Dr Jitendra Singh, Minister of Personnel, Public Grievances and Pensions and other ministries) ने यह भी कहा था कि ब्लैकलिस्टेड ठेका कंपनी तो नहीं हटेगी, मगर आइंदा एसएससी की किसी परीक्षा में कोई व्यवधान न पैदा हो, इसका ध्यान परीक्षा आयोजित कराने के लिए जिम्मेदार (सही मायने में बेहद ही गैर-जिम्मेदार संस्था) कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission SSC) जरूर रखेगा. संबंधित विभाग ने मंत्री जी की बात को इस कदर सिर-माथे लेकर चार दिन बाद ही अंजाम दे डाला कि बुधवार (6 अगस्त 2025) को लिखित परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी लावारिसों की तरह मारे-मारे, रोते-बिलखते और देश की मौजूदा हुकूमत को कोसते हुए भटकते देखे गए.

परीक्षा केंद्रों पर क्यों तैनात किए गए बाउंसर्स?

सोशल मीडिया पर मौजूद तमाम खबरों और पीड़ित अभ्यर्थियों के मुताबिक, परीक्षा के पहले दिन पहले चरण में परीक्षार्थियों-अभ्यर्थियों का सबसे पहले मुकाबला हुआ, लिखित-परीक्षा केंद्रों पर मौजूद गुंडाटाइप ‘बाउंसरों’ से. बाउंसरों को इसलिए लगाया गया था कि अगर सेंटर पर अव्यवस्थाओं के खिलाफ कोई अभ्यर्थी या किसी अभ्यर्थी के साथ पहुंचा, उसका कोई परिजन मुंह खोलेगा, या अव्यवस्थाओं की वीडियो-मोबाइल रिकॉर्डिंग करेगा तो किराए के गुंडे (बाउंसर) ऐसे पीड़ितों का कचूमर निकाल देंगे. उनके मोबाइल छीन लेंगे. ताकि देश की हुकूमत और उसकी संस्था एसएससी की बदनामी वाली हरकतें-करतूतें समाज में बाहर निकल कर न पहुंच सकें.

एसएससी और EDUQUITY को कोसते दिखे छात्र

स्टेट मिरर हिंदी के पास मौजूद इन तमाम सनसनीखेज तथ्यों की पुष्टि लल्लनटॉप का एक वीडियो भी करता है, जिसमें पीड़ित अभ्यर्थी नाकारा सरकारी संस्था एसएससी और निकम्मी व ब्लैकलिस्टिड ठेका कंपनी EDUQUITY को खुलेआम कोसते नहीं थक रहे हैं. कुछ बच्चे तो बुरी तरह से रो-बिलख रहे हैं. मगर एसएससी और केंद्र में मौजूदा हुकूमत कान में तेल डालकर सो रही है. उसे इन पीड़ित अभ्यर्थियों की मेहनत, उनके आंसू और बर्बाद होते भविष्य जैसी कोई भी बात न तो सुनाई दे रही है. न ही इनका रोना दिखाई दे रहा है.

'कोचिंग सेंटरों को सांप सूंघ गया'

यहां जिक्र करना जरूरी है कि रबर-स्टैंप की तरह काम कर रहे कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष एस गोपाल कृष्णनन (SSC Chairman S. Gopalakrishnan, IAS) का भी बुधवार देर शाम यानी खबर लिखे जाने तक इस शर्मसार करती अव्यवस्था को लेकर कोई बयान नहीं आया है. उधर इन लावारिस से मारे-मारे फिर रहे बेकसूर अभ्यर्थियों के चार दिन पहले तक 'खलीफा' कहिए या 'खैर-ख्वाह' बनने का ढोंग कर रहे तमाम कोचिंग सेंटर्स के मालिक-संचालकों को भी बुधवार को आयोजित स्टेनोग्राफर एसएससी 2025 की परीक्षा में हुई बदहाली को देखकर सांप सूंघ गया है. यह वही सब हैं जो दो चार दिन पहले तक इन पीड़ित अभ्यर्थियों के हवा में ‘हमदर्द’ बनने के घोड़े पर सवार होकर लगाम खींचने का नाटक कर रहे थे. दिल्ली में धरना-प्रदर्शन का स्वांग रचा रहे थे. खुद को ऐसे बता-जता और दिखा रहे थे जैसे कि मानों, देश में इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर मालिक-संचालकों से बड़ा कोई और दूसरा इन बेसहारा बच्चों का सहारा या हितैषी ही न हो.

इसकी इनसाइड स्टोरी या कहिए अंदर की सच्चाई जानने के लिए (क्रॉस चैक करने के लिए) बुधवार दिन भर स्टेट मिरर हिंदी ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों को अंग्रेजी पढ़ाने वाली नीतू सिंह जिन्हें बच्चे नीतू मैम (KD Campus Neetu Singh English Teacher Neetu Mam) के नाम से जानते हैं, गणित पढ़ाने वाले अभिनय सर (Abhinay Sir Math), करियर विल कोचिंग सेंटर मालिक-संचालक राकेश यादव (Rakesh Yadav Math Career will) से संपर्क किया. देर शाम बुधवार को खबर लिखे जाने तक इनमें से कई घंटे इंतजार करने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया.

इससे इस बात की प्रबल संभावनाएं भी नजर आती हैं कि, क्या बीते दिनों एसएससी चेयरमैन और डीओपीटी विभाग के मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ हुई बैठक में क्या इन सबके ‘कान’ तो हुकूमत ने गरम नहीं कर दिए हैं. यह कहकर कि ज्यादा बच्चों की ठेकेदारी मत लो. कोचिंग सेंटर चलाना है तो चुपचाप चलाओ मुंह बंद करके. और उसी का असर रहा हो कि स्टेट मिरर हिंदी के बार-बार संपर्क करने के बाद भी इन कोचिंग सेंटर मालिक-संचालकों ने सरकार के सामने अपनी सिट्टी-पिट्टी गुम होने के चलते, खामोशी अख्तियार कर लेने में ही भलाई समझी हो. देश के शिक्षित बेरोजगारों का भविष्य गर्त में जा रहा है तो जाए भाड़ में.

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