आखिर संजय राउत को क्या हुआ? राजनीतिक गतिविधियों से लिया ब्रेक, लोगों से कहा- जल्द लौटूंगा

शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत गंभीर स्वास्थ्य समस्या के चलते फिलहाल सार्वजनिक जीवन से दूर रहेंगे. डॉक्टरों ने उन्हें बाहर न निकलने और लोगों से न मिलने की सलाह दी है. राउत ने उम्मीद जताई है कि वह अगले साल तक पूरी तरह स्वस्थ होकर वापस लौटेंगे. यह घोषणा ऐसे समय आई है जब उन्होंने हाल ही में भाजपा और उसके सहयोगियों पर तीखे हमले किए थे.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 31 Oct 2025 7:14 PM IST

Sanjay Raut Health Update: शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कुछ समय के लिए सार्वजनिक जीवन से दूर रहने का ऐलान किया. राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया कि उनकी तबीयत अचानक खराब हुई है और फिलहाल डॉक्टरों की सलाह पर वह लोगों से मिलने-जुलने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से बच रहे हैं.

राउत ने अपने संदेश में लिखा, “आप सबने मुझे बहुत प्यार और विश्वास दिया है, लेकिन मुझे गंभीर स्वास्थ्य समस्या हुई है और मेरा इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मैं फिलहाल बाहर न निकलूं और लोगों से न मिलूं. मेरी हालत अचानक बिगड़ी है लेकिन मुझे भरोसा है कि बहुत जल्द ठीक होकर फिर आपके बीच लौटूंगा. उम्मीद है अगले साल तक पूरी तरह स्वस्थ हो जाऊंगा.”

उद्धव ठाकरे गुट का प्रमुख चेहरा हैं संजय राउत

संजय राउत महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्ष की ओर से सबसे मुखर और तेज़ आवाज माने जाते हैं. वह शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख चेहरे हैं और लंबे समय से भाजपा-एनडीए सरकार की नीतियों पर तीखे हमले करते रहे हैं. राउत की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब वह 1 नवंबर को विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग के खिलाफ प्रस्तावित प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले थे. स्वास्थ्य कारणों से अब वह कुछ समय के लिए राजनीति से दूरी बना रहे हैं.

राउत का यह स्वास्थ्य अपडेट उनकी हालिया राजनीतिक टिप्पणियों के बाद आया है, जिनमें उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर लगातार हमला बोला था. इस सप्ताह की शुरुआत में राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर जवाब दिया था, जिसमें शाह ने कहा था कि भाजपा महाराष्ट्र में 'बैसाखियों' के सहारे नहीं, बल्कि अपनी ताकत पर आगे बढ़ती है.

भाजपा पर 'बैसाखियों के सहारे राजनीति करने' का लगाया आरोप

राउत ने इस टिप्पणी को शिंदे-फडणवीस सरकार के मौजूदा सहयोगियों, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी, की ओर इशारा बताते हुए कहा था कि यह सीधा अपमान है और अगर उनमें ज़रा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें सत्ता छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने भाजपा पर 'बैसाखियों के सहारे राजनीति करने' का आरोप लगाते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की पकड़ पुरानी शिवसेना की ताकत से बनी थी.

संजय राउत ने कहा, “1985 में जब हम भाजपा के साथ चुनाव लड़े थे, तब उनके पास गांवों में पोस्टर लगाने तक के कार्यकर्ता नहीं थे. बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि यह हिंदुत्व पार्टी है, इसे ऊपर लेकर जाओ. अमित शाह तब राजनीति में भी नहीं थे.” राउत ने भाजपा की राजनीति को 'यूज़ एंड थ्रो मॉडल' बताते हुए इसे 'गुजरात पैटर्न' करार दिया था और चेतावनी दी थी कि यह मॉडल ज्यादा समय तक नहीं चलेगा.

देवेंद्र फडणवीस ने राउत के आरोपों पर दिया जवाब

राउत के आरोपों पर जवाब देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि शाह की 'बैसाखी' वाली टिप्पणी को गलत अर्थ में लिया गया है. भाजपा सहयोगियों को समर्थन की तरह देखती है, न कि सहारे की तरह... फिलहाल संजय राउत स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और उम्मीद है कि कुछ महीनों बाद वह फिर से सक्रिय राजनीति में लौटेंगे.

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