'EVM ठीक होता तो आज BJP का अस्तित्व न होता', सरपंच चुनाव मामले पर SC के फैसले की आड़ में संजय राउत ने ये क्या कह दिया
Haryana Sarpanch Election: शिवसेना नेता संयज राउत ने हरियाणा सरपंच चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बीजेपी के लिए चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि जब हम चुनाव हार जाते हैं तो चुनाव आयोग और रोना रोते हैं. इसके बजाय हमें अदालत में फैसले को चुनौती देनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए समस्या हो जाएगी.

Haryana Sarpanch Election: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरपंच चुनाव से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की. जिसमें बुआना गांव के मोहित मलिक के पक्ष में फैसला सुनाया. क्योंकि वोट में गड़बड़ी की वजह से कुलदीप सिंह विजयी घोषित हुए थे. हालांकि जांच में सब सामने आ गया और मोहित ने शपथ ग्रहण कर लिया.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को देखते हुए, शिवसेना नेता संजय राउत ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने मीडिया से बात करते कहा, अदालत का फैसला बीजेपी के लिए एक चेतावनी है. उन्होंने भाजपा पर भारत की आध्यात्मिक पहचान के विरुद्ध धार्मिक कट्टरता बढ़ाने और समाज को धर्म, जाति तथा विश्वास के आधार पर विभाजित करने का आरोप भी लगाया.
संजय राउत का बयान
संजय राऊत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा से मेल खाती है. राऊत ने संकेत दिया कि शिव सेना (UBT) और MNS मुंबई के अलावा नासिक, ठाणे एवं कल्याण डोंबिवली जैसे क्षेत्रों में स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन कर सकते हैं.
राउत ने कहा, मोहित कुमार ने अपने दावे पर विश्वास किया कि उनके निर्धारित वोटों को कुलदीप के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया था. कोर्ट ने वोटों की गिनती करवाई और सच सामने आ गया. उन्होंने कहा कि जब हम चुनाव हार जाते हैं तो चुनाव आयोग और रोना रोते हैं. इसके बजाय हमें अदालत में फैसले को चुनौती देनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए समस्या हो जाएगी.
घोटाले से पीएम का चुनाव
राउत ने आरोप लगाते कहा कि इस घटना से पता चलता है कि नरेंद्र मोदी ईवीएम घोटाले के जरिए प्रधानमंत्री चुने गए. देवेंद्र फडणवीस के साथ भी ऐसा हु्आ है. उन्होंने कहा, भारत आध्यात्मिक देश के रूप में जाना जाता है लेकिन भाजपा इसे कट्टरता में बदल रही है.
क्या है मामला?
साल 2022 में हरियाणा के बुआना लाखू ग्राम पंचायत का सरपंच चुनाव हुआ था, जिसमें कुलदीप सिंह विजयी घोषित किया गया था. हालांकि मोहित कुमार ने मतगणना में गड़बड़ी का दावा कर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को सभी EVM की सुप्रीम कोर्ट परिसर में पुनर्गणना का आदेश दिया. फिर 6 अगस्त 2025 को हुई वीडियो रिकॉर्ड की गई दोबारा वोटों की गिनती हुई, जिसमें मोहित कुमार को कुलदीप सिंह से 51 वोट अधिक मिले.
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट का आदेश पलट दिया और मोहित कुमार को निर्वाचित घोषित किया. दो दिनों के अंदर नोटिफिकेशन जारी हुआ और 13–14 अगस्त को मोहित कुमार ने शपथ लेकर पद ग्रहण कर लिया.