जेली कैफे बंद, भुगतान अटका और फिर होस्टेज ड्रामा... क्या सिस्टम ने ली रोहित की जान? पत्नी बोली- 2 करोड़ नहीं मिले- TOP UPDATES
मुंबई के पावई होस्टेज ड्रामा में 17 बच्चों को 3 घंटे बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की मौत के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. परिवार का दावा है कि आर्या सरकारी प्रोजेक्ट के ₹2 करोड़ भुगतान न मिलने के कारण मानसिक तनाव में थे और हमेशा शांत व संयमी व्यक्ति थे. वहीं पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने बकाया राशि के दावे को गलत बताया है. इस पूरे मामले ने पुलिस कार्रवाई, सरकारी सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ी बहस छेड़ दी है.;
Rohit Arya Powai Hostage Case: मुंबई में 30 अक्टूबर को हुए पावई होस्टेज ड्रामा के बाद 50 वर्षीय रोहित आर्या की मौत ने उनके परिवार और पड़ोसियों को सदमे में डाल दिया है. तीन घंटे तक 17 बच्चों को बंधक बनाने के बाद पुलिस ने उन्हें गोली मार दी थी. अब इस घटना के बाद उनके परिवार और परिचितों ने दावा किया है कि आर्या शांत, संयमी और सामान्य व्यवहार वाले व्यक्ति थे, जो कथित रूप से सरकारी भुगतान न मिलने से मानसिक तनाव में थे.
पत्नी बोलीं- सरकारी प्रोजेक्ट के 2 करोड़ रुपये नहीं मिले
रोहित आर्या की पत्नी अंजली आर्या ने बताया कि उनके पति PLC स्वच्छता मॉनिटर प्रोजेक्ट का काम संभाल रहे थे. पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने प्रोजेक्ट को सराहा था और 2 करोड़ रुपये के भुगतान का आश्वासन दिया था. अंजली ने कहा, "काम पूरा हो गया था, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं मिला, न ही आधिकारिक सम्मान. इसी बात से वह परेशान थे." घटना की जानकारी मिलने पर वह मौके पर पहुंचीं लेकिन पुलिस कार्रवाई पूरी हो चुकी थी.
क्या है पूरा मामला?
घटना पावई के RA स्टूडियो, महावीर क्लासिक बिल्डिंग में हुई. आर्या ने 17 बच्चों को ऑडिशन के बहाने बुलाया. फिर एयरगन और ज्वलनशील स्प्रे लेकर स्टूडियो में खुद को बंद कर लिया. पुलिस ने बातचीत करते हुए सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया. इसके बाद पुलिस ने आर्या को गोली मार दी. बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
हमेशा शांत और सामान्य दिखते थें: पड़ोसी
पुणे और मुंबई में परिचित लोग आर्या को शांत और मिलनसार बताते हैं. पुणे के एक दुकानदार ने कहा, "हमेशा सामान्य व्यवहार करते थे. कभी सोचा नहीं था कि ऐसा कुछ करेंगे." एक अन्य निवासी ने कहा, "वह शांत और सधे हुए व्यक्ति थे. हमें यह पूरी घटना संदिग्ध लगती है." आर्या पुणे में जेली कैफे चलाते थे, जो कुछ महीने पहले बंद हो गया था.
वह ₹2 करोड़ की बात क्यों कर रहे थे?
आर्या ने वीडियो जारी कर कहा था, "मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता. बस मेरा बकाया दिलाया जाए. मैं आतंकवादी नहीं हूं." पुलिस का कहना है कि आर्या ने पिछले वर्ष पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के घर और आजाद मैदान में कई बार विरोध प्रदर्शन किया था.
केसरकर का जवाब
केसरकर ने कहा, आर्या ने प्रोजेक्ट पर काम किया था. बकाया होने की बात गलत है. शिकायत पर मैंने अपनी तरफ से कुछ पैसे भी दिए थे.