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एक टीचर को क्यों बनना पड़ा 17 बच्चों का किडनैपर? फिल्मी था हाई-वोल्टेज होस्टेज ड्रामा, पुलिस ने कैसे इस ऑपरेशन को दिया अंजाम?

घटना दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई स्टूडियो में एक वेब सीरीज़ के लिए ऑडिशन चल रहे थे, जिसमें बीते दो दिनों में करीब 100 किशोर आए थे. लेकिन 17 बच्चे सभी 15 साल के लड़के और लड़कियां. इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि उनका ऑडिशन एक भयानक अनुभव में बदल जाएगा.

एक टीचर को क्यों बनना पड़ा 17 बच्चों का किडनैपर? फिल्मी था हाई-वोल्टेज होस्टेज ड्रामा, पुलिस ने कैसे इस ऑपरेशन को दिया अंजाम?
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( Image Source:  ANI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 31 Oct 2025 8:10 AM

मुंबई में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया. यह एक वेब सीरीज़ के लिए ऑर्गनाइज ऑडिशन होना था, लेकिन कुछ ही घंटों में यह डर और तनाव से भरे बंधक कांड में बदल गया. घटना मुंबई के पवई इलाके के महावीर क्लासिक बिल्डिंग में स्थित आरए स्टूडियो की है, जहां एक व्यक्ति ने 17 किशोरों को बंधक बना लिया. चार घंटे तक चली इस रोमांचक और खतरनाक स्थिति के बाद सभी बच्चों को मुंबई पुलिस की त्वरित कार्रवाई (Quick Response Team - QRT) द्वारा सुरक्षित बचा लिया गया.

यह घटना दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई स्टूडियो में एक वेब सीरीज़ के लिए ऑडिशन चल रहे थे, जिसमें बीते दो दिनों में करीब 100 किशोर आए थे. लेकिन 17 बच्चे सभी 15 साल के लड़के और लड़कियां. इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि उनका ऑडिशन एक भयानक अनुभव में बदल जाएगा. आरोपी की पहचान रोहित आर्या के रूप में हुई है। वह खुद को ऑडिशन आयोजक बता रहा था और बच्चों को अलग-अलग एक्टिंग सीन करवाने के बहाने हॉल में ले गया. करीब दोपहर 1 बजे अचानक उसने दरवाज़े बंद कर दिए और बच्चों को बंधक बना लिया. उसने कमरे के बाहर से किसी को अंदर नहीं आने दिया और धमकी दी कि अगर कोई पास आया तो वह बच्चों को नुकसान पहुंचा देगा.

मिनट दर मिनट घटनाक्रम

12:00 बजे: आरोपी रोहित आर्या पवई के आरए स्टूडियो पहुंचा

12:30 बजे: 17 बच्चे ऑडिशन के लिए स्टूडियो पहुंचे

1:00 बजे: आर्या ने सभी बच्चों को अंदर बंद कर लिया और दरवाज़ा लॉक कर दिया

1:15 बजे: बच्चे डर के मारे खिड़कियों से मदद के लिए चिल्लाने लगे

1:30 बजे: किसी ने पुलिस को सूचना दी, और तुरंत मुंबई पुलिस मौके पर पहुंची

1:30 से 3:30 बजे: पुलिस और आरोपी के बीच बातचीत चलती रही, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ

3:30 बजे: पुलिस ने फायर ब्रिगेड को बुलाया ताकि बिल्डिंग के अंदर घुसने का रास्ता बनाया जा सके

3:45 बजे: दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची

3:50 बजे: दमकल कर्मियों ने स्टूडियो के बाथरूम की खिड़की तोड़ दी, जिससे तीन पुलिस अधिकारी अंदर घुस सके

4:00 बजे: आरोपी ने पुलिस को देखकर एयर गन से उन पर हमला करने की कोशिश की

4:10 बजे: पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, जो आरोपी के सीने में लगी

4:30 बजे: सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और आरोपी को अस्पताल भेजा गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

पुलिस की कार्रवाई और बयान

मुंबई पुलिस ने बताया कि उन्हें दोपहर करीब 1:30 बजे सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति ने पवई स्थित बिल्डिंग में 17 बच्चों को बंधक बना लिया है. सूचना मिलते ही क्यूआरटी, बम निरोधक दस्ते और दमकल विभाग को मौके पर बुलाया गया. पुलिस ने करीब दो घंटे तक आरोपी से बातचीत कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माना और हथियार तान दिया, तब पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी. पुलिस के अनुसार, शुरू में उन्हें लगा कि आरोपी के पास असली बंदूक है. बाद में पता चला कि वह एयर गन थी, लेकिन उसके पास कुछ रासायनिक पदार्थ (केमिकल) भी मिले. पुलिस ने बताया कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर लग रहा था और उसने खुद का एक वीडियो मैसेज भी जारी किया था जिसमें वह कह रहा था, 'मैं आतंकवादी नहीं हूं. मुझसे पैसों की कोई मांग नहीं की गई है लेकिन अगर मुझे खुद को या बच्चों को नुकसान पहुंचाने के लिए मजबूर किया गया, तो उसकी ज़िम्मेदारी मेरी नहीं होगी.'

ऐसे बचाया गया सभी को

फायर ब्रिगेड ने पहली मंज़िल की खिड़की तक पहुंचाने के लिए सीढ़ी लगाई, जिससे क्यूआरटी के जवान बाथरूम की खिड़की से अंदर जा सके। अंदर पहुंचकर उन्होंने बच्चों को एक कोने में सुरक्षित किया और आरोपी को काबू करने की कोशिश की. तभी आरोपी ने एयर गन से फायरिंग की, जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई. हालाँकि जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसे मृत घोषित कर दिया कुछ ही मिनटों में स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया. बचाव के दौरान 17 बच्चों के साथ-साथ अंदर मौजूद एक बुजुर्ग व्यक्ति और एक अन्य पुरुष को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. बच्चों को तुरंत उनके माता-पिता के पास भेज दिया गया और उनकी मेडिकल जांच भी कराई गई.

कौन है रोहित आर्य

मुंबई के पवई इलाके में 17 किशोरों को बंधक बनाने वाले आरोपी रोहित आर्य की कहानी बेहद चौंकाने वाली है. जो व्यक्ति कभी एक स्कूल शिक्षक और यूट्यूबर के रूप में पहचाना जाता था, वही कुछ सालों बाद एक फर्जी ऑडिशन के नाम पर बच्चों का अपहरण करने वाला अपराधी बन गया. रोहित आर्य मूल रूप से पुणे के रहने वाले थे, लेकिन लंबे समय तक नागपुर में टीचर के रूप में काम करते रहे. टीचिंग के अलावा वह यूट्यूब पर टीचिंग और सोशल सब्जेक्ट्स पर वीडियो बनाते थे. उनके कई वीडियो में सरकारी योजनाओं, शिक्षा प्रणाली की खामियों और छात्रों के अधिकारों पर चर्चा होती थी.

क्या था डिजिटल एजुकेशन प्रोजेक्ट

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ साल पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान, रोहित आर्य को शिक्षा विभाग से जुड़ा एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर मिला था. इस प्रोजेक्ट में उन्हें डिजिटल एजुकेशन और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा काम करना था. हालांकि बाद में यह प्रोजेक्ट विवादों में घिर गया. रोहित आर्य ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उनका फंड रोक दिया है और जानबूझकर उनके काम में बाधा डाली जा रही है. इसको लेकर उन्होंने कई बार विरोध मार्च भी निकाले और शिक्षा मंत्री के खिलाफ बयान दिए. वह खुद को 'शिक्षा सुधारक' और 'जनसेवक' कहने लगे थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका रवैया अजीब और असंतुलित होता चला गया. वे सोशल मीडिया पर लगातार सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ उग्र पोस्ट और वीडियो शेयर करते रहे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आर्य की मानसिक स्थिति अस्थिर लग रही थी. वह पिछले कुछ महीनों से तनाव में था और अपने यूट्यूब चैनल पर भी बार-बार 'सिस्टम से लड़ने' की बातें कर रहा था. कुछ सूत्रों का मानना है कि सरकारी विभाग से काम रद्द होने और फंड रोक दिए जाने के बाद वह आर्थिक तंगी और अवसाद में था.

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