अब बहू देगी सास को गुजारा भत्ता, आखिर हाईकोर्ट ने क्यों सुनाया ये फैसला?

याचिकाकर्ता महिला की के पति की मौत साल 2002 में हो गई थी. इसके बाद महिला को 3 साल बाद यानी 2005 में रेल कोच फैक्ट्री की ओर से जूनियर क्लर्क की नौकरी दी गई थी.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 7 Jan 2025 8:20 AM IST

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पति की मौत के बाद इस योजना के तहत पत्नी को मिलने वाली नौकरी से बहू को अपनी सास को गुजारा भत्ता देना पड़ सकता है.

इसके आगे अदालत ने कहा कि CrPC की धारा 125 के अंतर्गत बहू पर सास -ससुर की जिम्मेदारी नहीं होती है, लेकिन न्याय के लिए इसे किसी-किसी मामले में बदला जा सकता है. अनुकंपा नियुक्ति पर न्यायधीश हरप्रीत सिंह बराड़ की बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश के तहत सास को हर महीने 10 हजार रुपये देने के लिए कहा है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

क्या है मामला?

याचिकाकर्ता महिला की के पति की मौत साल 2002 में हो गई थी. इसके बाद महिला को 3 साल बाद यानी 2005 में रेल कोच फैक्ट्री की ओर से जूनियर क्लर्क की नौकरी दी गई थी. इसके बाद महिला ने अपना ससुराल छोड़ दिया था. जहां साल 2022 में सास ने सोनीपत फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और गुजारा भत्ता की मांग की. जहां 2 साल बाद कोर्ट ने सास की मांग सुन ली.

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बहू ने किया था वादा

इस मामले में कोर्ट ने कहा कि सास को उनके दूसरे बच्चे भी संभाल सकते हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि महिला की सास 20 साल बाद कोर्ट आई. बता दें कि नियुक्ति के समय महिला ने कहा था कि वह अपने पति के परिवार का ख्याल रखेगी. इस मामले में यह भी पाया गया कि सास की बेटी शादीशुदा है. साथ ही, उनका दूसरा बेटा रिक्शा चलाने का काम करता है. वहीं, उनका एक बेटा बेहद बीमारी है, जिसकी सारी जिम्मेदारी सास पर ही है. ऐसे में कोई नहीं है, जो सास का ध्यान रख सके. 

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