पवन कल्याण की ब्रिटिश पत्नी ने मन्नत के लिए मुंडवाया सिर, भारत में ही कई लोग परंपराओं का नहीं करते सम्मान
Pawan Kalyan Wife: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण की रसियन पत्नी अन्ना लेजनेवा ने तिरुपति माला मंदिर में अपना सिर मुंडवाया है. यह सब उन्होंने अपने छोटे बेटे के स्वास्थ्य के लिए मनोकना की वजह से किया. सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की तारीफ हो रही है. विदेशी होने के बाद भी भारतीय रीति-रिवाज को निभाते देख उनकी बहुत तारीफ हो रही है.;
Pawan Kalyan Wife: भारत परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़ा देश है. यहां पर सदियों पुराने नियमों को माना जाता है. लेकिन बदलती जीवनशैली ने लोगों के रहन-सहन को भी बदला है. जहां एक ओर भारतीय विदेशी कल्चर को अपना रहे हैं, वहीं इस बीच आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण की पत्नी अन्ना लेजनेवा ने कुछ ऐसा कमाल कर किया है, जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है.
हाल ही में पवन कल्याणा और अन्ना लेजनेवा का छोटा बेटा सिंगापुर स्थित अपने स्कूल में एक हादसे का शिकार हो गया. जिसके बाद अन्ना ने अपने बेटे के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. वह भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने तिरुपति मंदिर पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने अपना सिर मुंडवाया, जिसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
बेटे के लिए मुंडवाया सिर
अन्ना ने भगवान वेंकटेश्वर से उनके 8 साल के बेटे मार्क शंकर के ठीक होने की प्रार्थना की. उनकी सिर मुंडवाते हुए तस्वीरें सामने आई हैं. जन सेना पार्टी ने एक्स हैंडल पर यह फोटो शेयर की है. कैप्शन में लिखा, मंदिर में दर्शन के बाद अन्ना ने अपने बाल दान कर दिए. अन्ना तस्वीरों में डिक्लेरेशन फॉर्म साइन करती नजर आ रही हैं. इस मंदिर में लोग अपना सिर मन्नत पुरी होने पर बाल दान करते हैं. वह स्नान के बाद सिर मुंडवाते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.
अन्ना रूस की रहने वाली हैं. एक विदेशी होने के बाद भी भारतीय रीति-रिवाज को निभाते देख सभी हैरान हैं. लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं. एक तरफ जहां भारतीय विदेशी संस्कृति को अपना रहे हैं वहीं अन्ना यहां की संस्कृति को पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से निभा रही हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स अन्ना के इस सराहनी कदम के लिए खूब तारीफ कर रहे हैं.
भारतीय भूलते जा रहे अपने रीति-रिवाज
- भारत में विभिन्न धर्मों और समुदायों की अलग-अलग परंपरा निभाई जाती है. ग्रामीण इलाकों में लोग आज भी अपनी सदियों पुरानी परंपराओं को निभा रहे हैं. त्योहार को बड़ी धूमधाम और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है.
- देश में किसी बच्चे के 3 या 5 साल होने पर सिर मुंडवाया जाता है. लेकिन अब यह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है कि क्योंकि आजकल की युवा पीढ़ी इनसे दूर भाग रही है.
- भारत में पहले किसी की मृत्यु होने पर घर के पुरुष सिर मुंडवाते थे. अब फैशन में बने रहने के लिए बस साइड से लोग कैंची लगवा लेते हैं.
- अंतिम संस्कार भी अब 13 दिन की जगह 3-4 दिन में ही पूरे कर लिए जाते हैं.
- पहले व्रत और उपवासी परंपराएं जैसे- एकादशी, श्रावण माह के व्रत, आदि की परंपराएं कुछ लोगों निभाते थे, लेकिन अब यह कम हो गया है.
- पहले परिवार और समाज के लोग एक साथ बैठकर संस्कारों और त्योहारों का आयोजन करते थे, लेकिन अब लोगों में ये परंपराएं कम हो गई हैं, खासकर महानगरों में.