पहलगाम हमले के 12 दिन पूरे, मोदी सरकार की Back To Back मीटिंग; भारतीय सेना कब करेगी 'ना पाक' पर आक्रमण?
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने पूरी तैयारी कर ली है. नौसेना का आधुनिक युद्धपोत INS सूरत, वायुसेना की मिसाइल प्रणाली और थलसेना की हाई अलर्ट स्थितियां इस बात का संकेत हैं कि भारत अब किसी भी दुस्साहस का माकूल जवाब देने को तैयार है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का पलटवार करने के लिए मिसाइल सिस्टम पूरी तरह तैनात है.;
India Pakistan Tensions, Pahalgam Terror Attack: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने दुश्मन को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर भारत पर हमला हुआ, तो जवाब ऐसा होगा जो इतिहास में दर्ज हो जाएगा. रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अपनी जल, थल और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा है. अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली, जैसे ब्रह्मोस और पृथ्वी मिसाइलें, पूरी तरह एक्टिव मोड में हैं.नौसेना का अत्याधुनिक विध्वंसक युद्धपोत INS सूरत अरब सागर में तैनात कर दिया गया है, जो युद्ध की स्थिति में दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से नेस्तनाबूद कर सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से 2 मई को मुलाकात की थी. उसके बाद उन्होंने 4 मई को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की. इस बैक टू बैक मीटिंग से पाकिस्तान में दहशत का माहौल है.
INS सूरत: भारत की समुद्री ताकत का नया चेहरा
INS सूरत, भारतीय नौसेना का सबसे एडवांस्ड मिसाइल डिस्ट्रॉयर युद्धपोत है, जिसे स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है. इसकी रेंज, स्पीड और हथियार प्रणालियां भारत की समुद्री रक्षा को नया आयाम देती हैं. इसे ऐसे समय पर तैनात किया गया है, जब पाकिस्तान की तरफ से लगातार उकसावे भरे बयान और हरकतें सामने आ रही हैं. INS सूरत की तैनाती यह संकेत देती है कि भारत अब सिर्फ चेतावनी नहीं देगा, जरूरत पड़ी तो निर्णायक कार्रवाई करेगा.
मिसाइल सिस्टम तैयार, सेना हाई अलर्ट पर
रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत ने अपनी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह तैयार कर लिया है. ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों को रणनीतिक ठिकानों पर तैनात कर दिया गया है. इसके साथ ही वायुसेना के सुखोई, मिराज, और राफेल जैसे लड़ाकू विमान किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी तरह सक्षम हैं. सेना की रणनीति अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि जवाबी और निर्णायक है.
भारत की रणनीति: अब पहले जवाब देने की नीति
भारत लंबे समय तक 'पहले हमला नहीं' की नीति पर चलता रहा है, लेकिन अब माहौल और सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए रुख बदल चुका है. सूत्रों का कहना है कि अगर पाकिस्तान या सीमा पार से कोई आतंकी हमला होता है, तो भारत जवाब देने में एक पल की भी देरी नहीं करेगा. INS सूरत और अन्य हथियार प्रणालियां इसी नीति का हिस्सा हैं.
जनता को भरोसा, सेना को खुली छूट
देश के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुखों ने साफ कर दिया है कि अगर देश की संप्रभुता को चुनौती दी गई, तो भारत हर स्तर पर जवाब देगा. सरकार ने सेना को जरूरी कार्रवाई के लिए खुली छूट दी है. भारत अब सिर्फ ताकत दिखाने की नीति पर नहीं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर उसे इस्तेमाल करने की रणनीति पर चल रहा है. INS सूरत की समुद्री तैनाती और मिसाइलों की तैयारियों ने ये साफ कर दिया है कि दुश्मन को कोई भी गलतफहमी भारी पड़ सकती है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब तक क्या-क्या हुआ?
- 22 अप्रैल को, पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई. इनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे. हमलावरों ने AK-47 और M4 कार्बाइन का उपयोग किया.
- लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने प्रारंभ में हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन चार दिन बाद इस दावे को वापस ले लिया.
- भारत ने पाकिस्तान पर हमले का समर्थन करने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया गया, और सीमा पार व्यापार बंद कर दिया गया. इसके साथ ही भारत ने कई सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक कर दिया, जिसमें एक्टर, क्रिकेटर और राजनेता शामिल हैं.
- पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज किया और जवाबी कार्रवाई में शिमला समझौते को निलंबित कर दिया, भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, और भारतीय जहाजों के लिए अपने बंदरगाहों को बंद कर दिया.
- 24 अप्रैल से, नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्ता की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.
- भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकवादियों की तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है, जिसमें कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.
- कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान, कई नागरिकों को बिना वारंट के हिरासत में लिया गया है और कुछ घरों को ध्वस्त किया गया है, जिससे मानवाधिकार संगठनों ने चिंता व्यक्त की है.
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमले की निंदा करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने का आह्वान किया है, जबकि कुछ देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है.
- हमले के बाद, कश्मीर में पर्यटन प्रभावित हुआ है. कई पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत कोई समझौता नहीं करेगा, और सुरक्षा बलों को आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है.