ये हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप क्या बला है? मुंबई में विज्ञापन पर खूब हो रहा बवाल, NHRC को जारी करना पड़ा नोटिस
मुंबई में प्रस्तावित हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप को लेकर विवाद इतना गहराता जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह दो समुदायों के बीच गंभीर बवाल मचा सकता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने टाउनशिप के विज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने साफ कहा है कि यह केवल विज्ञापन का मामला नहीं बल्कि भेदभाव और संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा गंभीर मसला है.;
Halal Lifestyle Township Project: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की राजनीति और समाज में तहलका मचा देने वाला हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप विवाद ने नया मोड़ ले लिया है. इस टाउनशिप का स्थानीय लोग विरोध करने पर उतारू हो गए हैं. इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग तक पहुंचने के बाद महाराष्ट्र सरकार के लिए लॉ एंड आर्डर का सवाल हो गया है. फिलहाल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर इस पर 14 दिनों में डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही यह कहा है कि मामला सांप्रदायिक विभाजन और संविधान के उल्लंघन से जुड़ा हो सकता है.
यह विवाद उस समय सामने आया जब इस प्रोजेक्ट को लेकर एक रियल एस्टेट कंपनी ने ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ के नाम से विज्ञापन जारी किया. इस प्रोजेक्ट के मकसद पर कई संगठनों और लोगों ने सवाल उठाए हैं, जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा.
प्रियंक कानूनगो ने क्यों जताई इतनी बड़ी आशंका
इस विवाद को लेकर एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इस मुद्दे पर एक्स पोस्ट में सख्त ऐतराज जताया है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, 'यह विज्ञापन नहीं विष व्यापन है. मुंबई के पास करजत इलाके में केवल मुसलमान मजहब वालों के लिए हलाल लाइफ स्टाइल वाली टाउनशिप बनाई जा रही है. यह एक राष्ट्र के अंदर एक और अलग राष्ट्र की बात करता है. महाराष्ट्र सरकार इसे गंभीरता से ले और कार्रवाई करे.
हलाल टाउनशिप ऐसे आया विवाद में
दरअसल, इस प्रोजेक्ट को लेकर एक शिकायतकर्ता ने NHRC को बताया कि करजत में ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ नाम से एक प्रोजेक्ट को प्रमोट किया जा रहा है. आरोप है कि यह आवासीय कॉलोनी सिर्फ एक ही धर्म (मुस्लिम समुदाय) के लिए बनाई जा रही है और इसे धर्म-विशेष आधारित आवासीय क्षेत्र के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया है कि यह प्रोजेक्ट न केवल सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देता है बल्कि संविधान के प्रावधानों, समानता और भेदभाव-निषेध के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है. साथ ही उन्होंने सुरक्षा और सामाजिक चिंता भी जताई, क्योंकि यह क्षेत्र कट्टरपंथी घेट्टो (गेटोइजेशन) का रूप ले सकता है.
14 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करे महाराष्ट्र सरकार
मानवाधिकार आयोग ने शिकायत के आधार पर मामले को गंभीर मानते हुए महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है. आयोग ने निर्देश दिया है कि शिकायत की गहन जांच की जाए. यह स्पष्ट किया जाए कि RERA (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने इस तरह के प्रोजेक्ट को अनुमति कैसे दी. जांच रिपोर्ट दो सप्ताह में आयोग को सौंपी जाए. आयोग ने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट धर्म के आधार पर बनाया जा रहा है, तो यह भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए खतरा है.
भड़काव विज्ञापन में क्या है?
अब तो ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ का विज्ञापन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में आप साफ तौर पर सुना जा सकता है कि, “जब सोसाइटी में अपने प्रिंसिपल्स कॉम्प्रोमाइज करने पड़ें तो सही नहीं है. सुकून इम्पायर (Sukoon Empire) में रीडिस्कवर करें ऑथेंटिक कम्युनिटी लिविंग. यहां लाइक-माइंडेड फैमिली रहेंगी, बच्चे हलाल एनवायरनमेंट में सुरक्षित बड़े होंगे, बुजुर्गों को सम्मान और देखभाल मिलेगी. प्रेयर प्लेसेस और कम्युनिटी गैदरिंग वॉकिंग डिस्टेंस पर होंगे. यह निवेश न सिर्फ आपकी फैमिली बल्कि आपके भविष्य को भी सुरक्षित करेगा.”