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पीएम मोदी के संभावित दौरे से पहले मणिपुर में बड़ी सफलता, कुकी-ज़ो समूह ने खोला नेशनल हाईवे-2

मणिपुर में शांति बहाली की दिशा में एक बड़ी प्रगति हुई है. कुकी-ज़ो काउंसिल (KZC) ने नेशनल हाईवे-02 को आम लोगों और ज़रूरी सामान की आवाजाही के लिए खोलने पर सहमति दे दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की. बीते कुछ दिनों से दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और KZC प्रतिनिधिमंडल के बीच लगातार बैठकें चल रही थीं.

पीएम मोदी के संभावित दौरे से पहले मणिपुर में बड़ी सफलता, कुकी-ज़ो समूह ने खोला नेशनल हाईवे-2
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 4 Sept 2025 3:10 PM IST

मणिपुर में जारी जातीय तनाव और अस्थिरता के बीच अब शांति बहाली की दिशा में एक बड़ी पहल सामने आई है. कुकी-ज़ो काउंसिल (KZC) ने एलान किया है कि वह राज्य की लाइफलाइन माने जाने वाले नेशनल हाईवे-02 को आम लोगों और ज़रूरी सामान की आवाजाही के लिए खोल देगा. यह फैसला दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय और KZC प्रतिनिधियों के बीच हुई लगातार बैठकों के बाद आया है. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित मणिपुर दौरे की भी चर्चा तेज हो गई है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी का यह दौरा राज्य में विश्वास बहाली और शांति प्रक्रिया को और मजबूती देगा.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि KZC ने केंद्र सरकार की ओर से तैनात सुरक्षा बलों को पूरा सहयोग देने का वादा किया है, ताकि हाईवे पर शांति और सुरक्षा कायम रहे. इसके साथ ही दिल्ली में हुई त्रिपक्षीय बैठक में गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार, कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) ने एक साल की अवधि के लिए नई शर्तों पर ‘Suspension of Operations (SoO)’ समझौता भी किया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पीएम मोदी के संभावित मणिपुर दौरे और इस समझौते के लागू होने से राज्य में भरोसा, स्थिरता और विकास की राह फिर से खुल सकती है.

समझौते के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं

  • मणिपुर की भौगोलिक अखंडता को बरकरार रखना.
  • राज्य में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए बातचीत आधारित समाधान खोजना.

KNO और UPF ने सात निर्दिष्ट कैंपों को संवेदनशील क्षेत्रों से हटाने, कैंपों की संख्या घटाने और हथियारों को नज़दीकी CRPF/BSF कैंपों में शिफ्ट करने पर सहमति जताई. सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों की सख्त भौतिक जांच की जाएगी, ताकि किसी भी विदेशी नागरिक की पहचान कर सूची से बाहर किया जा सके.

इसके अलावा, अब से एक जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप सभी शर्तों के पालन पर कड़ी निगरानी रखेगा. यदि नियमों का उल्लंघन होता है, तो समझौते की समीक्षा और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यह समझौता और NH-02 के खुलने का फैसला मणिपुर में शांति की दिशा में एक टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है. इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य में भरोसा और स्थिरता बहाल करने की कोशिशों को भी बल मिलेगा.

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