ये नहीं थी छत्रपति शिवाजी महाराज की सोच... मराठी न बोले पर सिक्योरिटी गार्ड से शख्स ने की बहस, वायरल VIDEO पर भड़के लोग
महाराष्ट्र में एक शख्स छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह तैयार होकर किले में फोटोशूट कराने जाता है, जहां वह सिक्योरिटी गार्ड से मराठी न बोलने पर बहस करने लगता है. यह बहस करीब डेढ़ मिनट तक चली, और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.;
भारत में भाषा को लेकर विवाद फिर सुर्खियों में है. महाराष्ट्र के वसई किले में हाल ही में एक अनोखी घटना सामने आई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दरअसल छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह आउटफिट पहनकर फोटोशूट कराने आए शख्स की सिक्योरिटी गार्ड से बहस हो गई.
गार्ड के मना करने और हिंदी बोलने पर व्यक्ति लड़ने लगा. शख्स ने गार्ड से सवाल किया कि उसे मराठी क्यों नहीं आती है. यह बहस करीब डेढ़ मिनट तक चली और गार्ड का ID कार्ड चेक करने तक जा पहुंची. इस वीडियो को देख लोग भड़क उठे हैं और उनका कहना है कि 'छत्रपति शिवाजी महाराज की ये सोच नहीं थी.'
हिंदी बोलने पर की बहस
वीडियो में शख्स गार्ड से बहस करते हुए कहता है कि मैंने हिंदी बोलकर तुम्हें सम्मान दिया, तो इसके बदले तुम भी मराठी में बोलकर मुझे इज्जत दो. इतना ही नहीं, इसके बाद वह सिक्योरिटी गार्ड से पूछता है कि उसे महाराष्ट्र में काम करते हुए कितने साल हो गए. इस पर वह जवाब देते हुए कहता है कि दो साल से वह यहां काम कर रहा है. जहां फिर शख्स गुस्से में कहता है कि फिर मराठी क्यों नहीं सीखी?
गार्ड का ID कार्ड चेक और नाम बताना
बहस के दौरान शख्स ने गार्ड का ID कार्ड चेक किया और उसका नाम भी पढ़कर सुनाया. इसके बाद शख्स मराठी में गार्ड से बात करने लगता है और कहता है कि फोटोशूट के दौरान उसने कोई गलत काम नहीं किया है और छत्रपति शिवाजी की ड्रेस पहनी हुई है, इसलिए उसके साथ सम्मान से पेश आना चाहिए.
वीडियो पर लोगों के रिएक्शन्स
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जहां एक शख्स ने कमेंट करते हुए कहा 'तुम्हारे मे हिम्मत है तो महाराष्ट्र की हाईकोर्ट और बैंक का संचालन अंग्रेज़ी में होता है, उसे को मराठी में करा के दिखाओ. तुम सिर्फ आम जनता को परेशान कर सकते हो. वहीं, दूसरे ने कमेंट किया ' ये छत्रपति शिवाजी महाराज की सोच नहीं थी. उनके जैसे तुम सात जन्म ले लो, फिर भी नहीं बन पाओगे.' वहीं, अन्य ने कहा ' जो कपड़े तुमने पहने हैं, उसका अपमान मत करो. उन्होंने कभी भाषा को लेकर कुछ नहीं बोला है.'