15 लाख का खर्च, 50 रुपये की सेल... कंगना रनौत का छलका दर्द, बोलीं- मनाली में बाढ़ से मेरे भी रेस्टोरेंट को पहुंचा नुकसान
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर हैं, जिससे सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं और कई गांव खतरे में हैं. इसी दौरान मंडी की सांसद कंगना रनौत ने कहा कि उनके मनाली स्थित रेस्टोरेंट को भी बाढ़ और पर्यटन ठप होने से भारी नुकसान हुआ है. कंगना ने बताया कि जहां वे हर महीने लाखों की सैलरी देती हैं, वहीं एक दिन की बिक्री केवल 50 रुपये की रही. उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान की अपील की.;
Kangana Ranaut restaurant loss: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन, बाढ़ और भारी बारिश से तबाही झेल रहे लोगों से मिलने पहुंचीं मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को अपनी व्यथा साझा की. उन्होंने कहा कि आपदा का असर स्थानीय व्यापार पर भी गहराई से पड़ा है. उनका खुद का रेस्टोरेंट 'द माउंटेन स्टोरी' भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
कंगना ने कहा, “कल मेरे रेस्टोरेंट की कुल सेल्स सिर्फ 50 रुपये की हुई, जबकि मुझे हर महीने कर्मचारियों की सैलरी में 15 लाख रुपये देने पड़ते हैं. कृपया मेरे दर्द को भी समझें. मैं भी एक हिमाचली हूं और यहीं की निवासी हूं.”
कंगना का रेस्टोरेंट बुरी तरह प्रभावित
कंगना रनौत ने इस साल की शुरुआत में मनाली में अपना रेस्टोरेंट लॉन्च किया था, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर हिमाचली व्यंजनों के असली स्वाद का ठिकाना बताया था, लेकिन लगातार बारिश, भूस्खलन और पर्यटन पर पड़े गहरे असर ने व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया है.
कंगना ने सोलंग और पलचान क्षेत्रों का किया दौरा
गुरुवार को कंगना ने सोलंग और पलचान क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उनके साथ बीजेपी नेता और पूर्व विधायक गोविंद सिंह ठाकुर भी मौजूद थे. स्थानीय निवासियों ने उन्हें बताया कि 15–16 घरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है और उनके परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है.
भूस्खलन के खतरे में है पूरा सोलंग गांव
ग्रामीणों ने यह भी चेताया कि पूरा सोलंग गांव भूस्खलन के खतरे में है, क्योंकि ब्यास नदी धीरे-धीरे पहाड़ को काट रही है. उन्होंने नदी का रुख मोड़ने की मांग की ताकि और नुकसान से बचा जा सके. वहीं, कंगना रनौत ने कहा कि वह न केवल सांसद के तौर पर बल्कि प्रदेश की बेटी होने के नाते लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगी.
बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट
इधर मौसम विभाग ने बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है. गुरुवार को शिमला, कांगड़ा, पालमपुर, मुरारी देवी और सुंदरनगर सहित कई इलाकों में तेज बारिश और गरज-चमक दर्ज की गई. ताबो और बजौरा में 33-35 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं.
सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित
मौसम की मार से राज्य में सड़क संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गुरुवार सुबह तक कुल 566 सड़कें बंद रहीं, जिनमें दो नेशनल हाइवे- एनएच-3 (अटारी–लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर–भोता मार्ग) भी शामिल हैं. अकेले मंडी में 203, कुल्लू में 156 और शिमला में 50 सड़कें बंद पड़ी हैं.
अब तक 419 लोगों की हुई मौत
राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र (SEOC) के आंकड़ों के मुताबिक, 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. अब तक 419 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 237 की मौत सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई है- इनमें 52 लोग भूस्खलन में, 45 खाई में गिरने से, 40 डूबने से, 17 बादल फटने से और 11 फ्लैश फ्लड में मारे गए. इसके अलावा 182 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है.