पिता-पत्नी टीचर... क्या करता है 53वें चीफ जस्टिस सूर्यकांत का परिवार- Family Tree
जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के रूप में शपथ ली. इस दौरान 7 देशों के चीफ जस्टिस उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल रहे. उनकी पत्नी एक कॉलेज में प्रिंसिपल के पद कार्यरत हैं. उनके पिता भी एक शिक्षक हैं.;
भारत के न्यायिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण आज दर्ज हो चुका है, जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के रूप में शपथ ले ली है. राष्ट्रपति भवन में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में पहली बार सात देशों ब्राजील, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के मुख्य न्यायाधीश अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उपस्थित रहें.
जस्टिस सूर्यकांत, वर्तमान CJI बी.आर. गवई का स्थान लेंगे और वे 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे. शपथ समारोह से पहले उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और परिवार के सदस्य भी चर्चा का विषय बने हुए हैं.
कौन हैं CJI सूर्यकांत की पत्नी और बेटियां?
जस्टिस सूर्यकांत की पत्नी सविता सूर्यकांत शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी रही हैं. वे एक कॉलेज में प्रिंसिपल के पद कार्यरत हैं. इसके अलावा वे इंग्लिश की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं. उनकी दो बेटियां मुग्धा और कनुप्रिया अभी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और पब्लिक लाइमलाइट से दूर रहती हैं.
CJI सूर्यकांत का परिवार
जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के हिसार जिले के पेटवाड़ गांव के मूल निवासी हैं. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां, तीन भाई ऋषिकांत, शिवकांत और देवकांत और उनके परिवारों के सदस्य शामिल हैं. इन सभी के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहने की संभावना है.
हरियाणा से आने वाले पहले CJI
जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा से आने वाले पहले मुख्य न्यायाधीश हैं. उनका जन्म 10 फरवरी 1962, पेटवाड़ गांव (हिसार) में हुआ था. उनके पिता पेशे से शिक्षक हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल में ही हुई थी. इसके अलावा उन्होंने साल 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली और हिसार जिला अदालत में वकालत शुरू की. बाद में वे चंडीगढ़ चले गए और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की.
एडवोकेट जनरल से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर
- 38 वर्ष की आयु में हरियाणा के एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए
- 2004 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज बने
- 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर डिग्री हासिल की
- 2018 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने
- 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए
- अब भारत के 53वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली