बच्चों को लालच देकर घर बुलाता, फिर Video बनाकर करता रेप, खेड़ा POCSO कोर्ट ने मेहंदी कलाकार को दी ‘मौत तक उम्रकैद’ की सजा
गुजरात के खेड़ा जिले की विशेष POCSO अदालत ने चार नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और अपराध के वीडियो बनाने वाले 54 वर्षीय मेहंदी कलाकार को सख्त सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को ‘मौत तक आजीवन कारावास’ की सजा देते हुए ₹1.51 लाख का जुर्माना भी लगाया. अभियोजन के मुताबिक आरोपी बच्चों को बिस्कुट और चॉकलेट का लालच देकर घर बुलाता था, उन्हें धमकाता था और एक साल तक लगातार दरिंदगी करता रहा.;
नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों पर सख्त रुख अपनाते हुए गुजरात के खेड़ा जिले की विशेष POCSO अदालत ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जो न्यायिक इतिहास में कड़ी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. बच्चों के भरोसे, मासूमियत और सुरक्षा के साथ की गई क्रूरता को अदालत ने “समाज के लिए घातक” करार देते हुए दोषी को मौत तक की आजीवन सजा सुनाई है. यह फैसला सिर्फ सजा नहीं, बल्कि पीड़ितों के साथ खड़े होने का स्पष्ट संदेश भी है.
यह मामला इसलिए भी झकझोर देने वाला है क्योंकि दोषी कोई बाहरी नहीं, बल्कि बच्चों को बिस्कुट और चॉकलेट का लालच देकर अपने घर बुलाने वाला एक परिचित व्यक्ति था. सालभर तक चली इस दरिंदगी में चार नाबालिग बच्चियां शिकार बनीं, जिनकी पीड़ा अदालत के रिकॉर्ड में विस्तार से दर्ज है. फैसला सुनाते समय कोर्ट ने यह भी माना कि इस अपराध का असर पीड़ितों पर जीवनभर का मानसिक आघात छोड़ता है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
मौत तक उम्रकैद: कोर्ट
खेड़ा की विशेष POCSO अदालत ने 54 वर्षीय मेहंदी आर्टिस्ट और पेंटर को ‘Life Imprisonment Until Death’ यानी मृत्यु तक आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोषी पर ₹1.51 लाख का जुर्माना भी लगाया गया. विशेष POCSO जज P P Purohit ने कहा कि यह अपराध “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी में आता है.
किन धाराओं में दोष सिद्ध हुआ
अदालत ने आरोपी को भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की उन धाराओं के तहत दोषी ठहराया, जो 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बलात्कार से संबंधित हैं, साथ ही POCSO Act की कठोर धाराएं भी लागू की गईं. अभियोजन पक्ष ने चारों पीड़िताओं के मामलों को एक साथ जोड़कर संगठित अपराध सिद्ध किया.
कैसे बच्चों को फंसाता था आरोपी
अभियोजन के मुताबिक, आरोपी अविवाहित था और अकेला रहता था. वह स्कूल से लौटती बच्चियों को बिस्कुट और चॉकलेट का लालच देकर अपने अपार्टमेंट ले जाता था. वहां वह पहले उन्हें अश्लील वीडियो दिखाता और फिर बाथरूम में ले जाकर दुष्कर्म करता. इन कृत्यों को वह अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड भी करता था.
धमकी और डर का इस्तेमाल
प्रोसिक्यूशन ने बताया कि आरोपी ने चारों बच्चियों को धमकाया था कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो वह उन्हें मार देगा. इस डर की वजह से पीड़ित लंबे समय तक चुप रहीं. यह भी सामने आया कि पहली पीड़िता के बाद उसकी छोटी बहन भी आरोपी की शिकार बनी.
शिकायत से खुला पूरा सच
अक्टूबर में चौथी पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपनी मां को आपबीती बताई, जिसके बाद FIR दर्ज हुई. जांच आगे बढ़ी तो एक के बाद एक पिछली घटनाएं सामने आती चली गईं. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके घर की तलाशी ली, जहां कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए.
वैज्ञानिक सबूतों ने मजबूत किया केस
पुलिस जांच में आरोपी के बाथरूम और बेडरूम से पीड़िताओं के बालों के नमूने बरामद किए गए. मोबाइल फोन से मिले वीडियो और फॉरेंसिक रिपोर्ट ने अभियोजन के दावों की पुष्टि की. लोक अभियोजक P R Tiwari के अनुसार, जांच से यह भी साबित हुआ कि आरोपी पोर्नोग्राफी का आदी था.
मजबूत गवाही और दस्तावेज़
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 19 गवाहों और 45 दस्तावेज़ी साक्ष्य पेश किए. इनमें मेडिकल रिपोर्ट, फॉरेंसिक साक्ष्य, डिजिटल सबूत और पीड़िताओं के बयान शामिल थे. कोर्ट ने माना कि सबूतों की श्रृंखला पूरी और निर्विवाद है.
पीड़ितों के लिए मुआवजा और संदेश
अदालत ने गुजरात विक्टिम कंपेनसेशन स्कीम के तहत चारों पीड़िताओं को ₹2-2 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया. फैसले में कहा गया कि ऐसे अपराध बच्चों के मन में जीवनभर का डर और अविश्वास पैदा करते हैं. यह सजा समाज को स्पष्ट संदेश देती है कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.