EXCLUSIVE: 2 नहीं 3.5 फ्रंट वॉर के लिए भारत रहे तैयार, 'दोगला' पड़ोसी कर रहा नॉर्थ ईस्ट को अलग करने की बात; बस 5 साल बाद ही...
भारत के सामने आने वाले वर्षों में सिर्फ चीन और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि एक और नया रणनीतिक खतरा उभरता दिख रहा है. भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी के अनुसार, 2030 के बाद भारत को संभावित 2 फ्रंट वॉर नहीं बल्कि 3.5 फ्रंट वॉर के लिए तैयार रहना होगा. इस नए समीकरण में बांग्लादेश की भूमिका बेहद चिंताजनक है, जो तेजी से भारत विरोधी बयानबाजी और चीन-पाकिस्तान के करीब जाता नजर आ रहा है.;
चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के ‘खट्टे’ संबंध तो जग-जाहिर हैं. अब इनके संग एक और पड़ोसी देश जुड़ गया है. अब तक साल 2030 के बाद जहां भारत के सामने चीन-पाकिस्तान के अड़ने से 2 फ्रंट वॉर की खबरें आ रही थीं. वहीं अब इन दोनों मक्कार देशों ने अपने साथ हमारे द्वारा ही पाले-पोसे-जन्मे गए एक और पड़ोसी देश को भारत के खिलाफ अपने साथ शामिल करने की गुपचुप तैयारियां शुरू कर दी हैं.
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भारत का पड़ोसी यह तीसरा देश कौन सा है? क्या भारत से चीन-पाकिस्तान मिलकर जंग लड़ पाने की स्थिति में होंगे? बांग्लादेश की ओर से इन दिनों क्यों भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान लगातार आ रहे हैं? क्या आइंदा इन भड़काऊ बयानों का चीन-पाकिस्तान के साथ संभावित टू-फ्रंट वॉर से कोई रिश्ता है? क्यों भारत को पांच साल के भीतर ही अपनी तैयारी बीते वक्त के जर्मनी और वहां के अड़ियल मगर युद्ध कला-कौशल-रणनीति बनाने के मास्टरमाइंड तानाशाह हिटलर से कुछ अपने काम की बातें लेने पर अमल करना चाहिए?
कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी?
इन्हीं तमाम बेहद अहम सवालों के सरल भाषा में मगर मजबूत जवाब पाने के लिए “स्टेट मिरर हिंदी” के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने एक्सक्लूसिव बात की. मौका था भारत द्वारा पूर्वी पाकिस्तान को काटकर बनवाए गए पड़ोसी देश बांग्लादेश के 54वें स्थापना दिवस का. जिओ पालिटिक्स, सैन्य रक्षा, सामरिक कूटनीति और विदेश नीति के मामलों के विशेषज्ञ व भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी (भारतीय फौज के पूर्व ले. कर्नल जे एस सोढ़ी) ने भारत के बदले हालातों को लेकर पड़ोसी देशों के साथ खट्टे-मीठे होते रिश्तों पर बेबाक बात की. भारतीय सेना के पूर्व ले. कर्नल जे एस सोढ़ी (Lt. Colonel J.S. SODHI (R) INDIAN ARMY) ने जो कुछ और जिस बेबाकी से मय तथ्यों के बयान किया है, उसे सुनकर भारत और हमारे किसी भी शुभचिंतक की आंखें और मुंह खुले रह जाएंगे. लेफ्टिनेंट कर्नल सोढ़ी भारतीय सेना के अभियंता कोर से सेवानिवृत्त हुए हैं. वो एनडीए, खड़कवासला और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं. जे एस सोढ़ी ने स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एम टेक के अलावा एमबीए व एलएलबी भी किया है.
2 नहीं अब भारत पर 3.5 फ्रंट वॉर का खतरा
स्टेट मिरर हिंदी के साथ विशेष लंबी बातचीत के दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा, “अब तक मैं चीन और पाकिस्तान द्वारा मिलकर साल 2030 के बाद कभी भी भारत के ऊपर टू फ्रंट वॉर का खतरा मंडराने की आशंकाएं तथ्यों के साथ जता रहा था. अब जिस बांग्लादेश को अब से 54 साल पहले भारत ने ही पूर्वी पाकिस्तान को काटकर जन्म दिया था, आज वह भी चीन-पाकिस्तान के साथ मिल गया है. मतलब अब 2030 के बाद की संभावित टू फ्रंट वॉर का रूप बदलकर 3.5 फ्रंट वॉर होता नजर आने लगा है.
बांग्लादेश के बवाली बयानों की गंभीरता
जिस तरह तेजी के साथ बीते एक साल में भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते तल्ख-खट्टे हुए हैं. और बांग्लादेश के 54वें स्थापना दिवस से ऐन टाइम पहले उधर से भारत को लेकर वहां के एनसीपी नेताओं की ओर से जो बयान आ रहे हैं. वे बयान बेहद चिंताजनक हैं, जिन्हें भारत नजरंदाज नहीं कर सकता है. दो दिन पहले ही ढाका में आयोजित एक जनसभा में वहां की राजनीतिक पार्टी एनसीपी (बांग्लादेश नेशनल सिटिजन पार्टी) नेता हसनत अब्दुल्लाह ने जो बयान दिया है, उसके मायने भारत को बेहद गंभीरता के साथ समझने होंगे. अपने बयान में बांग्लादेशी नेता ने साफ साफ कहा है कि हम (बांग्लादेश) जब चाहेंगे तब भारत में मौजूद अपनी सात बहनों (भारत के अरुणाचल, आसाम, मणीपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम) को भारत से ले लेंगे.”
बांग्लादेश भारत के दुश्मनों के हाथों में!
बांग्लादेशी नेता हसनत अब्दुल्लाह का यह बयान बेहद चौंकाने वाला है. यह बयान तब आया है जब अब से 54 साल पहले भारत ने ही पूर्वी पाकिस्तान को काटकर बांग्लादेश का उदय किया था. और अब बांग्लादेश इस बयान के आने के दो दिन बाद अपना 54वां स्थापना दिवस मना रहा है. आज का बांग्लादेश 2-4 साल पहले वाला बांग्लादेश नहीं बचा है. आज वहां सामाजिक, राजनीतिक अस्थिरता है. देश चीन-पाकिस्तान अमेरिका जैसी महाधूर्त-मतलबपरस्त और भारत विरोधी ताकतों के पांवों की ‘फुटबॉल’ बना हुआ है. आज का अस्थिर बांग्लादेश और वहां के स्वार्थी-मतलब व मौकापरस्त नेता व, इस वक्त बांग्लादेश की अस्थाई तौर पर कमान संभाल रहे वहां के अंतरिम सलाहकार मुहम्मद युनूस (Chief Advisor of Bangladesh Muhammad Yunus) भारत के साथ संबंधों को लेकर आए दिन बचकाना बयानबाजी और हरकतें कर रहे हैं.
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता घातक
बांग्लादेश की एक पूर्व महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनल पार्टी प्रमुख (BNP Bangladesh Nationalist Party) खालिदा जिया (Former Bangladesh PM Khaleda Zia) अस्पताल में जिंदगी मौत के बीच झूल रही हैं. बांग्लादेश की दूसरी पूर्व महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश अवामी पार्टी प्रमुख (Bangladesh Awami Party) शेख हसीना (Bangladesh Former Prime Minister Sheikh Hasina) भारत विरोधी कट्टर बांग्लादेशी ताकतों से अपनी जान बचाकर बीते 5 अगस्त 2024 से भारत में राजनीतिक शरण लेकर पड़ी हैं. ऐसे में अब बांग्लादेश का भविष्य और भारत-बांग्लादेश संबंधों की जमीन कमजोर या मजबूत करने की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान-अमेरिका चीन के हाथों की कठपुतली बने वहां के अंतरिम पॉलिटिकल एडवाइजर मुहम्मद युनूस के हाथों पर है. जिन्हें यही नहीं पता कि वे किस कदर भारत से दूर करके बांग्लादेश को गर्त की ओर धकेल रहे हैं. बांग्लादेश में इस तरह की राजनीतिक-सामाजिक अस्थिरता वहां से (बांग्लादेश से) ज्यादा भारत के लिए खतरनाक है.
अब भारत को बांग्लादेश से भी बचना होगा
स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में भारतीय थलसेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा, “आज कमजोर हो चुका बांग्लादेश खुलकर भारत के दुश्मनों के हाथों में खेल रहा है. ऐसे में अब भारत को सिर्फ पाकिस्तान-चीन से ही चिंता की बात नहीं रही है. बांग्लादेश तो अंधा होकर दौड़ रहा है. ऐसे में सोचना भारत को ही पड़ेगा. भारत सोचे कि चीन पाकिस्तान अगर बांग्लादेश की जमीन से 3.5 फ्रंट की वॉर भारत के खिलाफ शुरू करते हैं, तब ऐसे में भारत के पास बांग्लादेश की तरफ से खुद को सुरक्षित करने के क्या क्या मजबूत विकल्प होंगे.”
भारत को ‘भीतरघात’ का भी खतरा
अपनी बात जारी रखते हुए पूर्व सोढी ने आगे कहा कि, “भारत को आने वाले 5 साल बाद यानी 2030 के बाद कभी भी चीन पाकिस्तान, कमजोर बांग्लादेश की मदद से 3 फ्रंट वॉर पर ले जाकर जब खड़ा कर देंगे. तब ऐसे में भारत को 3 फ्रंट वॉर की बजाए 3.5 फ्रंट वॉर पर लड़ना होगा. जो मैं 3 के अलावा .5 फ्रंट और वॉर की बात कर रहा हूं, वह भारत को चीन, पाकिस्तान-बांग्लादेश से लड़ने के दौरान अपनों से ही लड़नी होगी. इस .5 फ्रंट में भारत की देश विरोधी अंदरूनी ताकतें सामने आ खड़ी होंगी. यह वे अंदरूनी ताकतें होंगी जो खाती भारत का हैं, रहती भारत में हैं, जिनकी मौज भारत से होती है. मगर उनके दिल में हमेशा कसकता बांग्लादेश और पाकिस्तान का प्रेम रहता है.”