Economic Survey 2025 संसद में पेश, 2026 में 6.3% से 6.8% के बीच रह सकती है विकास दर

2024 में भारत की वैश्विक IPO हिस्सेदारी 30% हुई, जिससे यह प्रमुख बाजार बन गया. निफ्टी 50 ने 8.8% वार्षिक रिटर्न दिया, जबकि MSCI-EM इंडेक्स में भारत की हिस्सेदारी 19.4% रही. हालांकि, जनवरी 2024 में व्यावसायिक गतिविधियां सुस्त रहीं. आर्थिक सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था और 2024-25 के अनुमान प्रस्तुत करता है.;

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Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 31 Jan 2025 2:38 PM IST

वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को शुरू हुए संसद के बजट सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण- 2025 (Economic Survey 2025) पेश किया. इसमें सरकार के पिछले साल के कामकाज का लेखा-जोखा होता है. साथ ही भविष्‍य में देश की आर्थिक हालत कैसी रह सकती है, इसका भी अनुमान जताया जाता है. इस सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने तैयार किया है.

आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 5.4 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो कि रिजर्व बैंक (RBI) के 7 परसेंट के अनुमान से काफी कम है. अप्रैल-जून तिमाही में भी, GDP वृद्धि अनुमान से धीमी रही.

आर्थिक वृद्धि का अनुमान

सरकार के पहले अनुमान के मुताबिक, भारत की असली GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वित्त वर्ष 2025 में 6.4% बढ़ सकती है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में विकास दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने की उम्मीद है. अच्छी रबी फसल के कारण वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होने की उम्मीद है.

विकसित भारत के लिए 8% आर्थिक वृद्धि दर बनाना जरूरी

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने के लिए अगले 10-20 साल तक 8% की आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी. इस दर को हासिल करना बहुत जरूरी है, और इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि दुनिया में होने वाले राजनीतिक और आर्थिक बदलाव भारत की विकास गति को प्रभावित कर सकते हैं.

जनवरी में व्यापारिक गतिविधियां सुस्त रहीं

जनवरी में भारत के व्यापार की ग्रोथ पिछले 14 महीनों में सबसे धीमी रही, जिससे आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई है. HSBC फ्लैश इंडिया कंपोजिट PMI दिसंबर के 59.2 से घटकर 57.9 पर आ गया. खासतौर पर सेवा क्षेत्र में यह गिरावट देखी गई, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है.

वैश्विक IPO में भारत की बड़ी भागीदारी

सरकार के बजट के अनुसार, 2024 में वैश्विक IPO (शेयर बाजार में नई कंपनियों की लिस्टिंग) में भारत की हिस्सेदारी 30% हो गई, जो 2023 में 17% थी. इसका मतलब है कि दुनिया भर में कंपनियों के पैसे जुटाने में भारत सबसे बड़ा योगदान दे रहा है. भारतीय शेयर बाजार भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. पिछले 10 सालों में निफ्टी 50 इंडेक्स ने औसतन 8.8% सालाना रिटर्न दिया है. हालांकि यह अमेरिका के NASDAQ (15.3%) और Dow Jones (9.2%) से कम है, लेकिन चीन के शंघाई कंपोजिट (3.2%) से बेहतर है. भारत के शेयर बाजार की यह सफलता बढ़ते मुनाफे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ज्यादा निवेशकों और सरकार के सुधारों की वजह से है. MSCI-EM इंडेक्स में भारत की हिस्सेदारी जुलाई 2024 में 20% तक पहुंच गई थी और दिसंबर में यह 19.4% पर स्थिर रही. यह चीन और ताइवान के बाद तीसरे नंबर पर है.

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम तैयार करती है. यह सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का आकलन करता है और 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए अनुमान पेश करता है.

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