आसाराम के जीवन पर आधारित डॉक्‍यूमेंट्री 'कल्‍ट ऑफ फीयर' को लेकर क्‍यों है खौफ?

आसाराम बापू के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री कल्ट ऑफ फीयर 29 जनवरी को ओटीटी प्लेटरफॉर्म डिस्कवरी प्लस पर रिलीज हुई. डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के बाद डिस्कवरी प्लस के कर्मचारियों का जीना दूभर हो गया है. उन्हें धमकियां दी जा रही हैं, जिससे 100 से ज्यादा कर्मचारी ऑफिस नहीं आ रहे हैं. उनमें खौफ का माहौल है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 7 Feb 2025 3:24 PM IST

Documentary on Asaram Bapu, Cult of Fear: आसाराम बापू के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'कल्ट ऑफ फीयर' को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिस्कवरी प्लस पर रिलीज किया गया है. जब से यह डॉक्यूमेंट्री रिलीज हुई है, डिस्कवरी प्लस के कर्मचारियों का जीना दूभर हो गया है. कर्मचारियों में खौफ का माहौल है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 100 से ज्यादा कर्मचारी ऑफिस नहीं आ रहे हैं.

डॉक्यूमेंट्री 'कल्ट ऑफ फीयर: आसाराम बापू' के रिलीज होने के बाद डिस्कवरी प्लस के कर्मचारियों को धमकियां मिल रही हैं. इसे लेकर कंपनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हताश होकर कंपनी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. कंपनी ने कहा कि उसने गवाहों के बायन और सार्वजनिक रिकॉर्ड के आधार पर यह डॉक्यूमेंट्री बनाई है.

'कर्मचारियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है'

डिस्कवरी कम्युनिकेशंस इंडिया ने शीर्ष अदालत को बताया कि डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के बाद से कर्मचारियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सात राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना की पुलिस को कर्मचारियों को अंतरिम सुरक्षा देने का आदेश दिया.

डिस्कवरी इंडिया ने कर्मचारियों को जारी की एडवाइजरी

डिस्कवरी इंडिया ने कर्मचारियों को मिल रही धमकियों को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ऑफिस के बाहर वे कंपनी का आईडी कार्ड न टांगे और सोशल मीडिया अकाउंट पर बायो से कुछ समय के लिए कंपनी का नाम हटा दें. अकेले सफर न करें और धरना या रैली वाली जगह जाने से बचें. एडवाइजरारी में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर आसाराम या कंपनी के बारे में चर्चा से बचें और सोशल मीडिया पर कंपनी संबंधी भद्दे कमेंट पर प्रतिक्रिया न दें.

आसाराम समर्थक डॉक्यूमेंट्री हटाने का बना रहे दबाव

आसाराम समर्थक डॉक्यूमेंट्री हटाने के लिए डिस्कवरी पर दबाव बना रहे हैं. 29 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के बाद 30 जनवरी को आसाराम समर्थक मुंबई और पुणे के ऑफिस में घुसकर तोडफोड़ की और डॉक्यूमेंट्री हटाने के लिए कहा. हैदराबाद, कोलकाता और बेंगलुरु में स्थित ऑफिस को ई-मेल और पत्रों के जरिए धमकियां दी गईं. दिल्ली और गुरुग्राम में भी 1 फरवरी को कर्मचारियों को धमकी दी गई.

महिला कर्मचारियों को मिली धमकी

महिला कर्मचारियों को भी धमकी मिली है. आसाराम की महिला समर्थकों ने उन्हें रोककर गालियां दी और कहा कि तुमने बाबा पर दु्ष्कर्म का आरोप लगाया है. तुम जानती भी हो कि दुष्कर्म कैसे होता है. इसके बाद से महिला कर्मचारियों ने खुद को घर में बंद कर लिया है. वहीं, बेंगलुरु में कर्मचारियों को सड़क पर दौड़ाकर पीटने का मामला सामने आया है.

मुंबई में कर्मचारियों का पीछा करते हुए आसाराम के समर्थक उनके घर तक पहुंच गए. उन्होंने कर्मचारियों को धमकाया कि वे कंपनी पर डॉक्यूमेंट्री हटाने के लिए दबाव बनाएं. इसके साथ ही, समर्थकों ने सोशल मीडिया पर हर उस कर्मचारी को टारगेट किया, जिसने बायो में कंपनी का नाम लिखा था.

'कल्ट ऑफ फीयर: आसाराम बापू' डॉक्यूमेंट्री में क्या है?

'कल्ट ऑफ फीयर: आसाराम बापू'  डॉक्यूमेंट्री में आसाराम के उत्थान और पतन की कहानी को दिखाया गया है. यह तीन एपिसोड की सीरीज है. इसमें दो पक्षों को दिखाया गया है. पहला आसाराम की असाधारण शक्तियों पर भरोसा करता है, जबकि दूसरा दुष्कर्म मामले में उसे सजा दिलाता है. डॉक्यूमेंट्री में कुछ भी छिपाया या कम करके नहीं दिखाया गया है.

डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि दो लड़कों का शव आसाराम के आश्रम से निकाला जाता है. इसमें जोधपुर जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए समर्थकों को भी दिखाया गया है. एक जगह पर आसाराम के पूर्व अनुयायी ने खुलासा किया है कि आश्रम में आसाराम अपने पुरुष शिष्यों को महिलाओं से दूर रहने के लिए कहता था.

डॉक्यूमेंट्री में एक पत्रकार ने अपनी गवाही में बताया कि कैसे नारायण साईं और आसाराम महिलाओं को धन्यवाद देने के बहाने उनके साथ दुष्कर्म करता था.  लड़कियों को उनके साथ यौन संबंध बनाने के लिए बहकाया जाता था. उन्हें बताया जाता था कि वे स्वयं भगवान के साथ बिस्तर पर जा रही हैं. इस डॉक्यूमेंट्री में आसाराम के सिंडिकेट, उनके नाम पर की गई हत्याओं और उनके आश्रम में कथित तौर पर काला जादू में सहायता करने वाले बच्चों और महिलाओं के उत्पीड़न को दिखाया गया है.

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