खांसी की दवाओं से बच्चों की मौत पर केंद्र ने संभाली कमान, UP-MP और राजस्थान में जांच तेज; मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में खांसी की दवाई कोल्ड्रिफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. महाराष्ट्र एफडीए ने इस सिरप की बिक्री रोक दी है और केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. सिरप के बैच नंबर SR-13 को संदिग्ध मानते हुए सैंपल लैब भेजे गए हैं. विपक्ष ने इस मामले में न्यायिक जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.;

( Image Source:  Sora_ AI )

Coldrif Cough Syrup Deaths: खांसी की दवाओं (Cough Syrups) से जुड़ी मौतों ने देशभर में चिंता बढ़ा दी है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक बुलाई. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलिला श्रीवास्तव ने की और सभी राज्यों से त्वरित कदम उठाने को कहा. बैठक में राजस्थान सरकार की तत्परता की खास सराहना की गई. राज्य ने सर्विलांस बढ़ाने, जनता को जागरूक करने और तकनीकी जांच शुरू करने के साथ-साथ जोखिम भरे कफ सिरप पर विशेष चेतावनी लेबल लगाना अनिवार्य कर दिया .

स्वास्थ्य अतिरिक्त मुख्य सचिव गायत्री राठौर ने बताया कि प्रभावित दवाओं के सभी बैच तुरंत प्रतिबंधित कर दिए गए हैं. डॉक्टरों और जनता को व्यापक स्तर पर परामर्श दिया गया. राजस्थान ने डोर-टू-डोर सर्वे, सैंपल टेस्टिंग और तकनीकी समिति गठित करने जैसे कदम उठाए हैं.राज्य में अब तक भरतपुर और सीकर में दो बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है.

खांसी से बच्चों की मौत मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

  • मध्य प्रदेश में 16 बच्चों की मौत: मध्य प्रदेश में अब तक 16 बच्चों की जान गई है, जिनमें से 14 छिंदवाड़ा और 2 बेतुल जिले से हैं. जबलपुर प्रशासन ने कतरिया फार्मास्यूटिकल्स के गोदाम को सील कर दिया है, जो कोल्ड्रिफ सिरप का डिस्ट्रीब्यूटर था. वहीं डॉक्टर और केमिस्ट संगठन कड़ी निगरानी और फार्मा कंपनियों की जवाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं.
  • उत्तर प्रदेश की बड़ी कार्रवाई: राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश ने भी बड़ा कदम उठाया है. राज्य के ड्रग्स विभाग ने जांच शुरू करते हुए तमिलनाडु की कंपनी एम/एस श्रीसन फार्मास्युटिकल के कोल्ड्रिफ सिरप (Coldrif Syrup) के संदूषण की सूचना पर तुरंत कार्रवाई की. संदिग्ध बैच को जब्त कर लिया गया है और निर्माता की अन्य दवाओं को भी सीज कर लिया गया. सभी फार्मेसियों और अस्पतालों से कफ सिरप के नमूने लिए जा रहे हैं. मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से प्रोपाइलीन ग्लाइकोल के सैंपल भी जांचे जाएंगे. यूपी सरकार ने केंद्रीकृत डेटा सिस्टम लागू किया है ताकि डुप्लीकेट सैंपलिंग से बचा जा सके. मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को प्रभावित स्टॉक की सप्लाई रोकने का आदेश दिया गया है.
  • महाराष्ट्र में भी बैन: महाराष्ट्र एफडीए ने भी संदिग्ध Coldrif Syrup (Batch No. SR-13) की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है. इस सिरप में जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई थी. आदेश 5 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया.
  • केंद्र का सख्त रुख: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा है कि जिन दवा कंपनियों को नियमों का उल्लंघन करते पाया जाएगा, उनकी लाइसेंस रद्द कर दी जाएगी. मंत्रालय ने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खांसी की दवाओं के 'रैशनल यूज' पर जोर दिया और राज्यों से निगरानी तंत्र को मजबूत करने को कहा. IDSP-IHIP जैसे सिस्टम से रिपोर्टिंग और इंटर-स्टेट कोऑर्डिनेशन तेज करने की अपील भी की गई.
  • राजनीति भी गरमाई: इस पूरे मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बच्चों की मौत पर न्यायिक जांच की मांग की है. वहीं, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जब राज्य में बच्चों की मौत हो रही है तो वे असम दौरे पर क्यों गए.

कुल मिलाकर, बच्चों की मौत से जुड़े इस खतरनाक कफ सिरप कांड ने देश की दवा निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार सक्रिय हैं, लेकिन अब सबकी नजर जांच और दोषियों पर होगी.

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