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देश में कैंसर के इलाज में आएगी तेजी! सरकार का सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर बनाने का प्लान

केंद्र सरकार ने देश केसभी जिले अस्पताल में कैंसर डेकेयर सेंटर स्थापित करने का एलान किया है. इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है. सेंटर में कीमोथेरेपी और परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध होगी. अगले तीनों सालों में इन सेंटर की स्थापना का काम पूरा कर लिया जाएगा. इससे कैंसर का इलाज करने में तेजी आएगी.

देश में कैंसर के इलाज में आएगी तेजी! सरकार का सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर बनाने का प्लान
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( Image Source:  Canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 18 March 2025 3:20 PM IST

Cancer Centre At District Hospitals: दुनिया भर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत में भी कैंसर पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है. अब इस गंभीर समस्या से पीड़ित मरीजों का इलाज कराने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. देश के सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित करने का एलान किया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैंसर डे-केयर सेंटर को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है. जिसमें की कीमोथेरेपी, परामर्श सेवाएं और दवाओं को लेकर प्लान बनाया गया है. इससे कैंसर पीड़ितों के इलाज में तेजी आएगी. खास बात यह है कि मरीजों को घर के पास स्थित अस्पताल में जाना होगा, उन्हें कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी.

कैंसर सेंटर पर क्या है सरकार का प्लान?

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार देश के सभी राज्यों के हर जिले अस्पताल में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है. इस संबंध में 12 मार्च को एक रिपोर्ट जारी की गई थी. सेंटर में कीमोथेरेपी और परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध होगी. एक सेंटर में 4 से 6 बेड, ऑन्कोलॉजिस्ट या एक प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी, दो नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक कंसल्टेंट और एक कई काम करने वाले वर्कर्स तैनात होंगे.

200 सेंटर बनाने की तैयारी

पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इस बारे में घोषणा की थी. अगले तीनों सालों में इन सेंटर की स्थापना का काम पूरा कर लिया जाएगा. एक साल में 200 केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं संसदीय पैनल ने अलग से जिला अस्पतालों में अलग से डॉक्टर और नर्स की भर्ती करने की सिफारिश की है. क्योंकि यहां पर पहले से ही डॉक्टर की कमी है. एम्स में कैंसर सेंटर की पूर्व प्रमुख डॉ. सुषमा भटनागर ने कहा, "देश के सभी जिला अस्पतालों में कीमोथेरेपी या कैंसर का कोई अन्य उपचार उपलब्ध नहीं है. अगर जिला स्तर पर इन डे-केयर सेंटरों के माध्यम से अच्छी देखभाल सुनिश्चित की जाए तो अच्छा तरीका होगा. उन्होंने कहा, कई बार एम्स में आने वाले कैंसर के मरीज ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे दिल्ली वापस आने में असमर्थ होते हैं.

तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले

देश भर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में 9 में से एक व्यक्ति को इसकी चपेट में आने का खतरा है. ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 14 लाख से अधिक मामले और 9 लाख मौतें होती हैं. पुरुषों में सबसे ज्यादा कैंसर होंठ और मुंह (15.6%), फेफड़े (8.5%) और अन्नप्रणाली (6.6%) में होते हैं, जबकि महिलाओं में ये ब्रेस्ट कैंसर (26.6%), गर्भाशय ग्रीवा (17.7%) और अंडाशय (6.6%) में होते हैं.

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