दवा कैसे कर रही जहर का काम? तीन राज्यों में कफ सिरप की बिकी पर बैन, देशभर में डर का माहौल; जानें बच्चों की मौत पर अब तक क्या हुआ
मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु में Coldrif और Dextromethorphan Hydrobromide खांसी सिरप से बच्चों की मौत का मामला सुर्खियों में है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद केरल और तमिलनाडु ने भी बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी. तमिलनाडु की Sresan Pharma की फैक्ट्री को सील कर दिया गया, जबकि केरल ने एहतियातन सभी वितरकों और मेडिकल स्टोर्स को सिरप हटाने का निर्देश दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 19 दवा निर्माण इकाइयों की जांच शुरू की है.

मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु में Coldrif और Dextromethorphan Hydrobromide खांसी सिरप से बच्चों की मौत का मामला सुर्खियों में है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 बच्चों की मौत के बाद केरल और तमिलनाडु ने भी बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी. तमिलनाडु की Sresan Pharma की फैक्ट्री को सील कर दिया गया, जबकि केरल ने एहतियातन सभी वितरकों और मेडिकल स्टोर्स को सिरप हटाने का निर्देश दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 19 दवा निर्माण इकाइयों की जांच शुरू की है.
राजस्थान में हाल ही में तीसरे बच्चे की मौत के बाद स्थिति और गंभीर हो गई. चूरू में छह साल के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर जयपुर रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई। भरतपुर और सीकर में भी इसी सिरप से बुजुर्ग और बच्चों की हालत खराब हुई. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सकों की जांच में Dextromethorphan Hydrobromide syrup IP का नाम सामने आया.
राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा कंपनी की सभी 19 दवाओं पर तत्काल रोक लगा दी और राज्य ड्रग कंट्रोलर को निलंबित कर दिया. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में मौत का कारण सिरप नहीं पाया गया, लेकिन कंपनी और उत्पादन केंद्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कदम उठाया गया. इस तरह, चार राज्यों में एक साथ खांसी सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया गया है और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए देशभर में 19 दवा निर्माण इकाइयों की जांच शुरू कर दी है. वहीं कंपनी Sresan Pharma का उत्पादन केंद्र सील कर दिया गया है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बार-बार बच्चों की जान लेने वाले सिरप बाजार में कैसे पहुंच जाते हैं और निगरानी तंत्र में इतनी बड़ी चूक कैसे होती है?
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की मौत के बाद बैन
मध्य प्रदेश में कोल्डरिफ सिरप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने जांच के बाद पुष्टि की कि Tamil Nadu की Sresan Pharma द्वारा निर्मित सिरप के एक बैच में 48.6% Diethylene Glycol पाया गया. राज्य औषधि नियंत्रक की रिपोर्ट में इसे 'Unsafe for human consumption' घोषित किया गया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'बच्चों की मौत बेहद दुखद है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.'
तमिलनाडु- फैक्ट्री सील और उत्पादन बंद
तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित Sresan Pharma की फैक्ट्री को Food Safety and Drug Administration (FSDA) ने सील कर दिया है. FSDA अधिकारी ने कहा कि टेस्ट सैंपल में मिलावट पाई गई है. जब तक कंपनी संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देती, उत्पादन पर रोक जारी रहेगी. राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर से पूरे तमिलनाडु में कोल्डरिफ की बिक्री पर औपचारिक प्रतिबंध लगा दिया है.
🔹 केरल: एहतियातन बिक्री पर रोक
केरल स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने घोषणा की कि राज्य में भी कोल्डरिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगाई गई है. हालांकि जांच में पाया गया कि संदिग्ध बैच केरल में वितरित नहीं हुआ, फिर भी सरकार ने “सावधानी के तौर पर” यह कदम उठाया. ड्रग कंट्रोलर ने सभी वितरकों को बिक्री रोकने और मेडिकल स्टोर्स को शेल्फ से स्टॉक हटाने के निर्देश दिए हैं,” वीना जॉर्ज ने कहा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) ने देशभर में 19 दवा फैक्ट्रियों का निरीक्षण शुरू किया है. AIIMS, ICMR, NEERI और NIV के विशेषज्ञों की टीम यह पता लगा रही है कि बच्चों की मौत का मुख्य कारण कौन-सा केमिकल या प्रक्रिया थी. जहां मध्य प्रदेश की लैब रिपोर्ट में DEG की पुष्टि हुई, वहीं CDSCO के शुरुआती सैंपल्स में यह तत्व नहीं पाया गया था. लेकिन तमिलनाडु की प्रयोगशाला ने बाद में DEG की मौजूदगी की पुष्टि की, जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी कर दिया गया.
🔹 कांग्रेस नेता कमलनाथ का आरोप
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'यह सिरप ब्रेक ऑयल सॉल्वेंट से मिलाया गया था. यह सीधा-सीधा लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से “सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खतरे” की जांच की मांग की है. दो साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप न दें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के डॉक्टरों को दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी सिरप न देने की सलाह दी है. ड्रग्स कंट्रोल विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि कोई मेडिकल स्टोर ऐसे सिरप की बिक्री न करे. xयह घटना न सिर्फ एक राज्य की, बल्कि देश की दवा सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करती है. बार-बार बच्चों की मौत के बाद भी ऐसी दवाओं का उत्पादन और वितरण जारी रहना गंभीर प्रशासनिक विफलता दर्शाता है.