SC में जूता फेंकने की घटना की CJI गवई की मां-बहन ने की कड़ी निंदा, आरोपी बोला– परमात्मा ने जो कराया वह किया- TOP UPDATES

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने के प्रयास के मामले में आरोपी वकील राकेश किशोर ने कहा कि उन्होंने यह कार्य 'दिव्य प्रेरणा' के तहत किया. CJI गवई की मां डॉ. कमल गवै और बहन कीर्ति गवै ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह संविधान पर हमला है. घटना के दौरान CJI शांत रहे और कोर्ट की कार्यवाही जारी रखी. बार काउंसिल ने आरोपी वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया है, जबकि पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं, पीएम मोदी ने न्यायाधीश की संयमपूर्ण प्रतिक्रिया की सराहना की.;

( Image Source:  ANI )

CJI Gavai Shoe attack News Latest Update: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (7 अक्टूबर) को एक असामान्य और निंदनीय घटना सामने आई, जब वरिष्ठ वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया. घटना उस समय हुई, जब CJI गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच मामलों के उल्लेख को सुन रही थी. किशोर, जो मयूर विहार के निवासी हैं, कथित तौर पर बेंच के पास गए, अपना जूता उतारा और इसे फेंकने का प्रयास किया. सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उन्हें काबू में किया.

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान CJI गवई शांत रहे और कोर्ट की कार्यवाही जारी रखी. उन्होंने कोर्ट स्टाफ को निर्देश दिया कि इस घटना को नजरअंदाज करें और वकील को केवल चेतावनी दी जाए.


राकेश किशोर ने क्या कहा?

71 वर्षीय राकेश किशोर ने कहा कि उन्होंने यह कार्रवाई 'दिव्य प्रेरणा' के तहत किया. उन्होंने कहा, “भगवान ने इसे किया, मैंने केवल वही किया जो हुआ. मेरा इसमें कोई व्यक्तिगत रोल नहीं था. मैं केवल एक गवाह था.” किशोर ने अपने कृत्य का हवाला देते हुए कहा कि इसमें एक 'छिपा संदेश' है, जो 16 सितंबर को CJI गवई द्वारा एक पीआईएल सुनवाई के दौरान सनातन धर्म की मूर्ति पर टिप्पणी करने से संबंधित है. किशोर ने कहा, “मैं नहीं जानता कि उस पीआईएल को किसने दायर किया था, लेकिन उस समय CJI ने मूर्ति का मजाक बनाया.”



CJI गवई के परिवार ने की घटना की कड़ी निंदा 

CJI गवई के परिवार ने इस घटना की कड़ी निंदा की. उनकी मां, डॉ. कमल गवई ने कहा, “मैं CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की निंदा करती हूं. भारतीय संविधान सभी को समान अधिकार देता है, लेकिन कुछ लोग कानून को अपने हाथ में लेकर ऐसा करते हैं, जो भारत के प्रति असम्मानजनक है और अराजकता फैला सकता है। किसी को भी इस देश में ऐसा करने का अधिकार नहीं है.” उन्होंने सभी से संयम बनाए रखने और अपने प्रश्न या आपत्तियां शांतिपूर्ण तरीके से उठाने का आग्रह किया.



“सुप्रीम कोर्ट के अंदर CJI पर हमला संविधान पर हमला है”

CJI की बहन, कीर्ति गवई ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के अंदर CJI पर हमला व्यक्तिगत नहीं है. यह संविधान पर हमला है। संविधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है.”



प्रधानमंत्री मोदी ने CJI गवई से फोन पर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी CJI गवई से फोन पर बात की और इस कृत्य की कड़ी निंदा की. पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है. उन्होंने न्यायमूर्ति गवई की शांति और संयम की सराहना की. मोदी ने कहा, “यह न्याय के मूल्यों और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”



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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर का लाइसेंस किया निलंबित

इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर का लाइसेंस निलंबित कर दिया है, जबकि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है. यह घटना न्यायपालिका और कानून व्यवस्था के महत्व को फिर से उजागर करती है, साथ ही दर्शाती है कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रति असम्मान कितनी गंभीर रूप से लिया जाना चाहिए.


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