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क्‍या होता है परमानेंट स्टेट गेस्ट? महाराष्‍ट्र सरकार ने CJI गवई की नाराजगी के बाद उठाया यह बड़ा कदम

Maharashtra News: जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के नए सीजेआई बनने के बाद पहली बार एक कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे. इस दौरान उनके स्वागत के लिए कोई सीनियर अधिकारी मौजूद नहीं था, जिससे वह नाराज हो गए. अब महाराष्ट्र सरकार ने सीजेआई दौरे के लिए अधिकारियों को नया प्रोटोकॉल नियम जारी किया है.

क्‍या होता है परमानेंट स्टेट गेस्ट? महाराष्‍ट्र सरकार ने CJI गवई की नाराजगी के बाद उठाया यह बड़ा कदम
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( Image Source:  ANI )

Maharashtra News: भारत के नवनियुक्त सीजेआई बी. आर. गवई रविवार (18 मई) को मुंबई में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान बड़े प्रशासनिक अधिकारियों मौजूद नहीं थे, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई है. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने सीजेआई की यात्रा के लिए प्रोटोकॉल बना दिया है, जिसका सभी को पालन करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस बनने के बाद गवई पहली बार मुंबई दौरे पर आए थे. महाराष्ट्र के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 2004 और 2022 के मौजूदा नियमों को दोहराते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.

सरकार ने बनाया CJI दौरे के लिए प्रोटोकॉल

नए प्रोटोकॉल के मुताबिक, CJI को उनके राज्य दौरों के दौरान सभी प्रोटोकॉल से संबंधित सुविधाएं जैसे आवास, वाहन व्यवस्था और सुरक्षा प्रदान की जाएंगी. राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक या उनके सीनियर ऑफिस को बड़े पद पर बैठे अतिथि का स्वागत करने के लिए बोला गया है. साथ ही जिलों में यह जिम्मेदारी जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर या पुलिस अधीक्षक या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधियों की होगी.

क्या कहता है नियम?

GAD के 7 मार्च, 2022 के नियम के अनुसार, CJI की यात्रा के उद्देश्य से संबंधित विभाग को एक संपर्क अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो अतिथि के स्वागत की व्यवस्था करेगा. साथ ही मुंबई यात्रा के दौरान यह जिम्मेदारी विधि और न्याय विभाग की होगी, जिसे एक ग्रुप-A स्तर के अधिकारी को नियुक्त करना होगा. इसके अलावा अन्य जिलों में यह काम जिला न्यायालय और जिला कलेक्टर के कॉर्डिनेट करके से किया जाएगा.

चीफ जस्टिस गवई ने क्या कहा?

CJI गवई ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम कहते हैं कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं- न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका और वे समान हैं. संविधान के प्रत्येक अंग को अन्य अंगों के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए. महाराष्ट्र से कोई व्यक्ति पहली बार भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में राज्य में आ रहा है. अगर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस महानिदेशक या मुंबई के पुलिस आयुक्त को आने की आवश्यकता नहीं लगती है, तो उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए.

जस्टिस गवई बनें देश के नए सीजेआई

14 मई को जस्टिस गवई ने देश के सीजेआई पद की शपथ ली. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल कोई साधारण औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह संवैधानिक निकायों के बीच सम्मान का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि वो इस तरह की छोटी बातों पर नहीं उलझना चाहते, लेकिन उन्हें इसे सार्वजनिक रूप से बताने की जरूरत महसूस हुई, जिससे लोग इसके बारे में जानें.

कौन होता है परमानेंट स्टेट गेस्ट?

परमानेंट स्टेट गेस्ट वह विशेष दर्जा है जो किसी VVIP व्यक्ति को राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है. इसके तहत वह व्यक्ति जब राज्य का दौरा करता है, तो उसे कुछ विशेष सुविधाएं और सम्मान दिए जाते हैं, जो आम नागरिकों को उपलब्ध नहीं होते. यह एक सम्मानजनक और प्रोटोकॉल से जुड़ी व्यवस्था होती है, न कि कानूनी अधिकार. इसमें CJI, पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यपाल, या मंत्री और भी-कभी स्वतंत्रता सेनानी या साहित्य, कला, विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने व्यक्ति भी शामिल होते हैं.

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