11 नवंबर को आया भारत, 26/11 हमले के लिए की रेकी... तहव्वुर राणा के खिलाफ चार्जशीट में क्या-क्या?

Charge Sheet Against Tahawwur Rana: मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने का रास्त साफ हो गया है. उसे जल्द ही भारत लाया जा सकता है. मुंबई पुलिस ने 2023 में राणा के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. कहा गया था कि हेडली और राणा बचपन के दोस्त हैं. दोनों ने एक साथ ही पढ़ाई की है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 1 Jan 2025 7:59 PM IST

Tahawwur Rana Charge Sheet Big Things: महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26 नवंबर 2008 को भीषण हमला हुआ था. इसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ा. इस हमले को अंजाम दिया था तहव्वुर राणा ने... अब अब सोच रहे होंगे कि आज हम उसका जिक्र क्यों कर रहे हैं... तो इसकी वजह यह है कि अमेरिका राणा को भारत को सौंपने के लिए तैयार हो गया है. यह देश के लिए बड़ी सफलता है. राणा पर आरोप है कि उसने 26/11 के अन्य मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की हेल्प की थी. हेडली ने आतंकियों की मदद की थी.

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई कारोबारी है. पिछले साल 15 अगस्त को अमेरिकी की एक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राणा को भारत-अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक भारत को सौंपा जा सकता है. राणा इस समय अमेरिकी जेल में बंद है.

तहव्वुर राणा के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में क्या -क्या आरोप लगाए गए?

मुंबई पुलिस ने 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के सिलसिले में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने का आरोप है. उस पर हेडली की मदद करने का भी आरोप लगाया गया है. राणा ने आतंकियों को बताया था कि मुंबई में किस-किस जगह पर हमला करना है.

डेविड हेडली का दोस्त है राणा

डेविड हेडली को दाउद सईद गिलानी भी कहा जाता है. वह अमेरिका का नागरिक है. हेडली और राणा बचपन के दोस्त हैं. हेडली की मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे. उसे अक्तूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था. अमेरिकी कोर्ट ने 24 जनवरी 2013 को हेडली को मुंबई हमले के मामले में 35 साल की सजा सुनाई थी.

हेडली और राणा ने पांच साल तक साथ में की पढ़ाई

राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में पढ़ाई की है. यह हेडली ने भी पांच साल तक पढ़ाई की थी. उसने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में भी काम किया, जिसके बाद वह कनाडा शिफ्ट हो गया. यहां कुछ समय बाद उसे नागरिकता भी मिल गई. राणा ने शिकागो में फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से एक कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना की. इसकी एक ब्रांच मुंबई में भी थी. इसी ने हेडली को रेकी करने में मदद की.

10 आतंकियों ने मुंबई पर किया था हमला

मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया था. वे समुद्र के रास्ते मुंबई आए थे. यहां उन्होंने कुल 9 जगहों पर गोलीबारी की थी. जिन जगहों को निशाना बनाया गया था, उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस ,ताजा होटल और नरीमन हाउस भी शामिल थे.

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2009 में तहव्वुर राणा को किया गया गिरफ्तार

अमेरिकी पुलिस ने 2009 में ही तहव्वुर राणा को गिरफ्तार कर लिया. उसे 2011 में शिकागो की कोर्ट ने दोषी माना. बताया जाता है कि हेडली को राणा ने ही 5 साल का भारत का बिजनेस वीजा हासिल करने में मदद की थी. फिर उन जगहों की रेकी करवाई , जहां आतंकियों ने हमले किए. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2011 में राणा समेत 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.

मुंबई पुलिस ने 25 सितंबर 2023 को दायर की चार्जशीट 

मुंबई पुलिस ने 25 सितंबर 2023 को 400 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट यूएपीए कोर्ट में दायर की थी. यह इस मामले में चौथी, जबकि राणा के खिलाफ पहली चार्जशीट थी. इसमें बताया गया कि राणा आतंकी हमलों से पहले 21 नवंबर को पवई के एक होटल में दो दिनों तक रुका हुआ था. वह 11 नवंबर 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर 2008 तक यहां रहा.

चार्जशीट में कहा गया कि हेडली के साथ राणा भी आतंकी हमलों की साजिश में शामिल था. उसने ही फेक दस्तावेजों के जरिए हेडली को वीजा दिलवाया था. राणा ने लश्कर ए तैयबा के आतंकियों की मदद की थी. राणा और हेडली एक साथ न्यूयॉर्क से पाकिस्तान और दुबई से पाकिस्तान आए थे.

हेडली और राणा के बीच ई-मेल पर हुई थी बातचीत

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को हेडली और राणा के बीच ई-मेल में हुई बातचीत भी मिली, जिसमें से एक मेल मुंबई में हुए आतंकी हमलों से जुड़ा हुआ था. इसमें हेडणी राणा से मेजर इकबाल की ईमेल आईडी मांगता है. इकलाब आईएसआई से जुड़ा हुआ है. उसे भी हमलों की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है.

लश्कर के निर्देश पर भारत आया था हेडली

जांच एजेंसियों ने बताया कि हेडली को 2005 में लश्कर ने भारत जाकर संभावित आतंकी ठिकानों की निगरानी करने के निर्देश दिए. इसके बाद 2006 में उसने फिलाडेल्फिया में अपना नाम सईद दाउद सलीम गिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली रख लिया, ताकि वह लश्कर की ओर से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सके और खुद को एक अमेरिकी के रूप में पेश कर सके, जो न तो मुस्लिम था और न ही पाकिस्तानी मूल का था. इसी साल , हेडली और उसके लश्कर संचालकों ने अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए मुंबई में एक इमिग्रेशन कार्यालय खोलने का फैसला किया.

शिकागो और अन्य जगहों पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज के मालिक राणा ने अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए मुंबई में एक शाखा खोली. राणा ने हेडली को फर्जी दस्तावेजों पर भारत का वीजा दिलाया, जिसके बाद हेडली ने पांच बार सितंबर 2006, फरवरी और सितंबर 2007, अप्रैल और जुलाई 2008 में मुंबई का दौरा किया.

मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की हुई थी  मौत

बता दें कि 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. मुंबई 60 घंटे से भी ज्यादा समय तक आतंकियों के कब्जे में रही थी. एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे बाद में फांसी पर लटका दिया गया. अगर राणा को भारत नहीं लाया जाता तो 2027 में जेल की सजा पूरी होने के बाद उसे कनाडा भेज दिया जाएगा.

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