मोदी सरकार की राज्यसभा में राह हुई आसान! वक्फ बिल पर इस पार्टी ने लिया यू-टर्न; सांसदों से कहा- अपने मन से करें वोट
वक्फ संशोधन बिल 2024 पर राज्यसभा में बहस जारी है. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार को मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, अब उसकी राह कुछ आसान हो सकती है, क्योंकि नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने अपने सांसदों को कहा है कि वे अब अपनी इच्छानुसार पक्ष या विपक्ष में वोट कर सकते हैं. इससे पहले, पार्टी ने विधेयक का विरोध किया था.;
BJD's stance on Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को राज्यसभा में पास कराने में मोदी सरकार की राह आसान हो गई है, क्योंकि बीजू जनता दल (बीजेडी) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर यू-टर्न ले लिया है. पहले जहां पार्टी ने इस बिल का विरोध किया था, अब उसने अपने सांसदों को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की अनुमति दी है.
बीजेडी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा, "हम अल्पसंख्यक समुदायों के विभिन्न वर्गों की भावनाओं का सम्मान करते हैं. इन विचारों पर गहन मंथन के बाद, पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को विवेकानुसार निर्णय लेने के लिए कहा है. मतदान के दौरान कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जाएगा."
'मुजीबुल्ला खान वक्फ बिल पर मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे'
पात्रा ने बुधवार को बताया था कि मुजीबुल्ला खान राज्यसभा में वक्फ बिल पर मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे. वे बिल को लेकर पार्टी की चिंताओंको सामने रखेंगे. बीजेडी का कहना है कि जेपीसी की समीक्षा के बाद केंद्र सरकार ने कुछ प्रावधानों में संशोधन किया है. हालांकि, उसके बावजूद भी यह पूरी तरह संतोषजनक नहीं है.
लोकसभा में पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक
बता दें कि राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पर बहस जारी है. इससे पहले, बुधवार को लोकसभा में देर रात तक बहस चलने के बाद बिल पारित हो गया. इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक पर विचार के लिए प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान उन्होंने सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें सिफारिश की गई थी कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड को व्यापक बनाया जाए ताकि उन्हें समावेशी बनाया जा सके.
रिजिजू ने उन्होंने वक्फ संपत्तियों की संख्या के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सच्चर समिति ने 2006 में 4.9 लाख संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा, "आज की तारीख में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। 2006 में अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि आज इन संपत्तियों से कितनी आय हो रही होगी. सच्चर समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड को व्यापक बनाया जाना चाहिए ताकि उन्हें समावेशी बनाया जा सके। समिति ने महिलाओं और बच्चों के (लाभ) के लिए उठाए जाने वाले विशिष्ट कदमों की भी सिफारिश की."