सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड! कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट कर 58 करोड़ रुपये 18 खातों में कराए ट्रांसफर, खुद को बताया ED-CBI का अधिकारी
महाराष्ट्र के ठाणे में 72 वर्षीय एक शेयर कारोबारी और उनकी पत्नी को 58 करोड़ रुपये के साइबर घोटाले का शिकार बनाया गया, जिसमें धोखेबाजों ने खुद को ED और CBI के अधिकारी बताकर 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी दी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के तहत पैसे ट्रांसफर करवा आरोपियों में अब्दुल नसीर खुल्ली, अर्जुन कडवासरा और जेठराम कडवासरा शामिल हैं, जिन्होंने नकली दस्तावेज, कई बैंक खाते और WhatsApp वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर अगस्त से अक्टूबर 2025 के बीच राशि हड़पी.;
Thane businessman Digital Arrest, Cyber Fraud: मुंबई के ठाणे से साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 72 वर्षीय स्टॉक कारोबारी और उनकी पत्नी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बहाने लगभग ₹58 करोड़ का चूना लगाया गया. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, ठगों ने खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताकर दोनों को धमकाया और पैसों के ट्रांसफर के लिए मजबूर किया. पुलिस के मुताबिक यह शायद किसी व्यक्ति द्वारा डर के कारण किए गए सबसे बड़े पैसों में से एक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज बनाए, वीडियो कॉल के जरिए सरकारी अधिकारी बनकर पेश हुए, और पीड़ित को यह विश्वास दिलाया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के दायरे में है. इस डर के चलते पीड़ित ने अगस्त 2025 से लेकर अक्टूबर 8, 2025 तक ₹58.13 करोड़ कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए. पुलिस ने बताया कि प्रत्येक आरोपी ने अपने व्यक्तिगत खातों में लगभग ₹25 लाख जमा कराए.
19 अगस्त को सबसे पहले पीड़ित से किया गया था संपर्क
पीड़ित से पहले 19 अगस्त को संपर्क किया गया था. कॉलर्स ने खुद को सुब्रमण्यम और करण शर्मा बताया और विभिन्न मोबाइल नंबरों और WhatsApp वीडियो कॉल के जरिए डराने का काम किया. फर्जी दस्तावेज और 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी का इस्तेमाल कर आरोपी व्यापारिक और व्यक्तिगत खातों में पैसा ट्रांसफर करवाते रहे.
18 खातों में ट्रांसफर कराए पैसे
ठाणे साइबर टीम की जांच में आरोपियों की पहचान अब्दुल नासिर खुल्ली (47), अर्जुन कड़वासरा (55) और जेतराम कड़वासरा (35) के रूप में हुई. आरोपियों ने महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों में 18 अलग-अलग खातों के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाए. एक मुख्य खाता एयरकूल एंटरप्राइजेज का था, जो निजी बैंक में अफरीन खुल्ली, आरोपित अब्दुल नासिर की पत्नी के नाम पर था. इस खाते से ₹25 लाख सात अन्य खातों में ट्रांसफर किए गए.
जांच में पता चला कि मेघदूत ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से अर्जुन कड़वासरा ने ₹24.95 लाख का फंड लॉन्डरिंग किया. जेतराम कड़वासरा ने इन लेन-देन को मैनेज किया और नकदी निकासी की. पुलिस ने बताया कि अब्दुल नासिर ने गुजरात में रह रहे अंकित शाह के निर्देशों पर कार्य किया और सितंबर 2025 में गुजरात और राजस्थान यात्रा कर नए फंड चैनल बनाए.
सभी बैंक खातों को किया गया फ्रीज
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, सरकारी अधिकारी का रूप धारण करना और आपराधिक धमकी के साथ आईटी एक्ट की धारा 66(c) और 66(d) के तहत मामला दर्ज किया. सभी संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. कई वित्तीय संस्थानों के साथ संपर्क कर बाकी नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है.
जांच का नेतृत्व इंस्पेक्टर अभिजीत सोनावने, DIG संजय शिंदरे और अतिरिक्त DG यशस्वी यादव कर रहे हैं. ठाणे, गुजरात और राजस्थान की साइबर टीमों को डिजिटल साक्ष्य और पैसों के मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए लगाया गया है.